इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, कहा-फरार घोषित को भी अग्रिम जमानत पाने का है अधिकार
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि फरार घोषित भी अग्रिम जमानत पाने का अधिकारी है। न्यायमूर्ति नलिन कुमार श्रीवास्तव ने गोरखपुर के संजय पांडेय की अग्रिम जमानत मंजूर करते हुए यह आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी सिर्फ इसलिए नहीं की जानी चाहिए कि ऐसा करना कानूनी रूप से सही है। गिरफ्तार करने की शक्ति और उसको प्रयोग करने की औचित्य में अंतर करना आवश्यक है। यदि सामान्य तरीके से गिरफ्तारी की जाती है तो इससे व्यक्ति की प्रतिष्ठा और आत्मसम्मान को क्षति पहुंचेगी।
यदि जांच अधिकारी के पास यह विश्वास करने का कोई कारण नहीं है कि अभियुक्त भाग सकता है या समन का पालन नहीं करेगा तो हर मामले में गिरफ्तारी जरूरी नहीं है। याची के विरुद्ध गोरखपुर के कैंट थाने में मुकदमा दर्ज है। अधीनस्थ न्यायालय ने तीन सितंबर साल-2022 को उसके खिलाफ गैर जमानती वारंटी जारी किया और 15 दिसंबर साल-2022 को सीआरपीसी की धारा 82 के तहत फरार होने की उद्घोषणा जारी कर दी । याची के अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी का कहना था कि याची वास्तव में भाग नहीं रहा था बल्कि उसके विरुद्ध अन्य कई मुकदमे भी दर्ज कराए गए हैं जिसमें इस न्यायालय से संरक्षण पाने की प्रक्रिया में उलझा था।