दुष्कर्म मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी पर भड़का सुप्रीम कोर्ट, फैसले पर लगाई रोक
सुप्रीम कोर्ट का केंद्र को नोटिस…
बीते दिन मंगलवार को SC ने हाईकोर्ट के फैसले पर खुद से नोटिस लिया था। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार से प्रतिक्रिया मांगी है। कोर्ट ने उन्हें इसके लिए नोटिस जारी किया है।
क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला…
- SC की सुनवाई में मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कुछ फैसले ऐसे होते हैं कि उन पर रोक लगाना जरूरी हो जाता है।
- इस फैसले के पैराग्राफ 21, 24 और 26 में जिस तरह की बातें लिखी हैं, उनसे लोगों में बहुत गलत मैसेज गया है।
- हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को भी यह देखना चाहिए कि इस जज को संवेदनशील मामलों की सुनवाई करने न दिया जाए।
- जजों ने कहा कि यह फैसला तुरंत नहीं लिया गया, बल्कि सुरक्षित रखने के 4 महीने बाद सुनाया गया। यानी पूरे विचार के बाद फैसला दिया गया है।
- फैसले में कहीं गई कई बातें कानून की दृष्टि से गलत और अमानवीय लगती हैं। ऐसे में हम इस फैसले पर रोक लगा रहे हैं और सभी पक्षों को नोटिस जारी कर रहे हैं।