प्रतापगढ़ में महिलाकर्मी की मौत पर गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर किया पथराव; CO का फटा सिर, अस्पताल में भी की तोड़फोड़
प्रतापगढ़ में निजी अस्पताल में महिला कर्मचारी की संदिग्ध हालात में मौत के बाद बवाल हो गया। गुस्साई भीड़ ने अस्पताल में जमकर तोड़फोड़ की। हंगामे की सूचना पर पुलिस पहुंची तो भीड़ ने पथराव कर दिया।
इसमें 12 पुलिसकर्मी चोटिल हो गए। CO का सिर फट गया। भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। फिलहाल, घटनास्थल पर तनाव है। भारी संख्या में फोर्स तैनात है। ग्रामीण भी मौके पर मौजूद हैं।
परिजन शव को अस्पताल के सामने रखकर प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिस शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने का प्रयास कर रही है, लेकिन अब तक पुलिस शव को कब्जे में नहीं ले सकी है।
परिजनों का कहना है- अस्पताल के 6 कर्मचारियों ने बेटी की रेप के बाद हत्या कर दी। जब तक आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी, तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा।
मां की जुबानी, पूरा मामला जानिए…
रानीगंज थाना क्षेत्र के भधारगंज की रहने वाली युवती (21) मां मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल में 4 साल से काम कर रही थी। उसके पिता की मौत हो चुकी है। उसकी दिव्यांग मां ने बताया- बेटी गुरुवार शाम साढ़े 6 बजे साइकिल से ड्यूटी करने अस्पताल गई।
रात साढ़े 8 बजे अस्पताल से फोन आया कि हॉस्पिटल आ जाओ। मैं तुरंत वहां पहुंची। वहां अस्पताल के कर्मचारी सुनील कुमार, विद्यासागर और शाहनवाज ने गेट पर ही मुझे रोक लिया। कहा- तुम्हारी बेटी की मौत हो गई। जब कारण पूछा तो तीनों सकपका गए, लेकिन मुझे अंदर नहीं जाने दिया। मैं घर चली आई।
थोड़ी देर बाद अस्पताल की एम्बुलेंस बेटी के शव को लेकर घर पहुंची। आरोपी शव को घर के सामने छोड़कर भागने वाले थे, लेकिन ग्रामीणों ने उन्हें पकड़ लिया। जब हमने शव को देखा तो बेटी के शरीर के निचले हिस्से के कपड़े गायब थे। कई जगहों पर गंभीर चोट के निशान थे।
रात में ही हम लोग रानीगंज थाने पहुंचे। हमने डॉक्टर समेत 6 कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी। बताया- अस्पताल के डॉ. अमित पांडेय, सुनील कुमार, विद्यासागर, शाहबाज और हॉस्पिटल के मालिक ने बेटी की रेप के बाद हत्या कर दी। इसमें मनोरमा देवी (दाई) भी शामिल थी, लेकिन पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया।
250 लोगों ने अस्पताल पर किया हमला…
कार्रवाई न होने से नाराज 250 ग्रामीणों ने शुक्रवार सुबह अस्पताल पर हमला कर दिया। जमकर तोड़फोड़ की, नारेबाजी करने लगे। सूचना पर सीओ रानीगंज विनय प्रभाकर साहनी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे।
उन्होंने लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। सीओ समेत 12 से अधिक पुलिस कर्मी घायल हो गए। CO के घायल होने की सूचना पर अन्य थानों की फोर्स मौके पर पहुंची। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।
विधायक और सीओ में तीखी बहस…
लाठीचार्ज की सूचना पर रानीगंज से सपा विधायक आरके वर्मा मौके पर पहुंचे। उनकी एएसपी दुर्गेश सिंह, रानीगंज सीओ विनय प्रभाकर साहनी और कोतवाल आदित्य सिंह से तीखी बहस हुई।
विधायक ने पूछा- किन परिस्थितियों में ग्रामीणों पर लाठीचार्ज किया गया। वह भी किसके आदेश पर। अधिकारियों ने कहा- अगर कार्रवाई नहीं की जाती तो ग्रामीण पूरे अस्पताल को तहस-नहस कर देते।
दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन हो- सपा विधायक…
सपा विधायक आरके वर्मा ने बताया- परिजनों का कहना है कि बेटी के शरीर पर कई चोटों के निशान थे। कपड़े फटे हुए थे। जब परिजनों ने अस्पताल से जवाब मांगा तो उन्हें कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी, जिससे पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैल गया।
इसके बाद कुछ लोगों ने पुलिस पर पत्थर फेंके। इससे माहौल और बिगड़ गया। मेरी डीएम और सीएमओ से बात हुई। एक मेडिकल पैनल गठित कर वीडियोग्राफी के साथ शव का पोस्टमॉर्टम करवाया जाएगा। वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। मेरी प्राथमिकता है कि पीड़ित परिवार को न्याय मिले और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।
हमें तो तबीयत खराब होने की सूचना मिली-एसपी…
एसपी डॉ. अनिल कुमार ने कहा- हमें तो लड़की के तबीयत खराब होने की सूचना मिली थी। अस्पताल ने परिजनों को तबीयत खराब होने की बात बताई थी। लेकिन बाद में महिला की मौत हो गई। इस मामले में कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। घटनास्थल पर मिले सबूतों के आधार पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। डॉक्टरों को एक पैनल शव का पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा।
डॉक्टर अस्पताल में बुलाता था लड़कियां- सहेली…
मृतक युवती की सहेली ने बताया- अस्पताल का डॉक्टर रात में अस्पताल में लड़कियां बुलाता था। मेरी सहेली ने शिकायत की थी तो उस पर ही उल्टा आरोप लगा दिया था। सहेली ने मुझे पूरी बात बताई थी। मैंने सहेली को अस्पताल की नौकरी छोड़कर सिलाई सीखने को बोला था, लेकिन परिवार का खर्च चलाने के लिए नौकरी करना उसकी मजबूरी थी। अस्पताल में ताला लगना चाहिए।