सुल्तानपुर डकैती केस में एक और एनकाउंटर, STF ने अब अनुज प्रताप सिंह को किया ढेर, मंगेश यादव की मुठभेड़ पर उठ रहे थे सवाल
यूपी के सुल्तानपुर में ज्वेलर्स की दुकान में डकैती डालने वाले अनुज प्रताप सिंह को भी पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया है। लखनऊ एसटीएफ की टीम के साथ आरोपी अनुज और उसके एक साथी की उन्नाव जिले में मुठभेड़ हुई थी, जिसमें अनुज को एसटीएफ की गोली लगी, जबकि दूसरा भागने में कामयाब रहा। अनुज को जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इससे पहले इसी मामले से जुड़े मंगेश यादव को एसटीएफ ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया था।
जानकारी के मुताबिक, सुल्तानपुर लूटकांड के आरोपी अनुज प्रताप सिंह और उसके साथी के साथ एसटीएफ की मुठभेड़ उन्नाव के अचलगंज थाना इलाके में हुई थी। जिसमें एक बदमाश घायल हुआ और दूसरा मौके का फायदा उठाकर भागने में कामयाब रहा। घायल बदमाश की शिनाख्त अमेठी के मोहनगंज थाना इलाके के रहने वाले अनुज प्रताप सिंह पुत्र धर्मराज सिंह के रूप में हुई। इससे पहले सुल्तानपुर लूटकांड के दो और आरोपियों के साथ एसटीएफ की मुठभेड़ हुई थी। इनमें एक आरोपी मंगेश यादव की मौत हो गई थी, जबकि दूसरे आरोपी अजय यादव के पैर में गोली लगी थी, जिसका जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है।
बीते पांच सितंबर को डकैती कांड के आरोपी मंगेश यादव की एसटीएफ से मुठभेड़ के बाद मौत हो गई थी। पुलिस ने ये एनकाउंटर सुल्तानपुर के ही देहात कोतवाली के हनुमानगंज बाईपास पर किया था। आरोपी फरार चल रहा था और उस पर पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। जौनपुर के बक्श थाना इलाके का रहने वाले मंगेश यादव ने पुलिस पर पहली गोली चलाई थी, जिसके बाद पुलिस ने बचाव में गोली चलाई। पुलिस ने मौके से एक पिस्टल 32 बोर व कारतूस, तमंचा 315 बोर, एक बाइक और लूट से संबंधित जेवरात भी बरामद किए हैं। मंगेश यादव पर पहले से दर्जनों केस दर्ज थे।
मंगेश यादव के एनकाउंटर पर सवाल उठ रहे हैं। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी कहा था कि मंगेश का एनकाउंटर नहीं, हत्या हुई है। उन्होंने कहा था कि अगर दिमाग होता तो चप्पल में एनकाउंटर नहीं करते। सरकार एनकाउंटर से डराना चाहती है। अधिकारी एनकाउंटर करने के लिए रणनीति बनाते हैं।