प्रतापगढ़ में घूस लेते कानूनगो को एंटी करप्शन टीम ने किया अरेस्ट, पैमाइश के लिए मांगे थे 6 हजार रुपये
उत्तर प्रदेश में सरकार की सख्ती के बावजूद घूसखोरी की घटनाएं कम होने का नाम ले रही हैं, पट्टी तहसील के दीवानगंज सर्किल में तैनात कानूनगो रमाशंकर सिंह को एंटी करप्शन टीम ने 6 हजार रुपए घूस लेते रंगे हाथ नगर कोतवाली के चिलबिला बाजार से गिरफ्तार किया। एंटी करप्शन की टीम कानून गो को लेकर नगर कोतवाली पहुंची जहां उससे पूछताछ हुई। टीम की तरफ से पूरे मामले पर एफआईआर दर्ज कराई गई है।
सूत्रों के अनुसार दिसंबर में कानून गो की सर्विस पूरी हो रही रिटायर होने वाले है।बैनामा की जमीन को शिकायत रिपोर्ट में बंजर भूमि नहीं बताने के लिए पीड़ित से छह हजार रुपये घूस लेते समय काननूगो को रंगे हाथ प्रयागराज की एसीबी टीम ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। एसीबी ने नगर कोतवाली में केस दर्ज कराने के बाद आरोपी को जेल भेज दिया। पीड़ित के बताए स्थान पर घूस की रकम लेने पहुंचे कानूनगो की गिरफ्तारी से कर्मचारियों में हड़कंप मचा है।
नगर कोतवाली थाना क्षेत्र के चिलबिला चौराहे के करीब शुक्रवार की शाम एक बैंक शाखा के बाहर एबीसी (एंटी करप्शन ब्यूरो) प्रयागराज यूनिट की टीम निगरानी कर रही थी। तहसील के कानूनगो मानधाता के अकोढि़या गांव में रहने वाले रमाशंकर सिंह को अचानक स्कार्पियो सवार यूनिट के सदस्यों ने घेरा फिर छह हजार रुपये घूस लेते हुए रकम के साथ गिरफ्तार किया।
दरसअल कंधई के प्रगासपुर गांव में रहने वाले उदयराज यादव ने कुछ दिन पहले घर के पास दो बिस्वा जमीन का बैनामा कराया। इसी जमीन पर उसने निर्माण शुरु कराया तो प्रधान की ओर से बंजर भूमि पर निर्माण की शिकायत आईजीआरएस पोर्टल पर की गई। आरोप है कि इसी पोर्टल पर उदयराज के पक्ष में रिपोर्ट लगाने के बदले कानूनगो रमाशंकर की ओर से छह हजार रुपये बतौर घूस मांगे थे।
शुक्रवार को रमाशंकर व पीड़ित उदयराज की मोबाइल पर बात होने के बाद शाम के समय चिलबिला में मिलने की योजना थी। चिलबिला में शाम के समय मुलाकात कर पीड़ित ने छह हजार रुपये कानूनगो को दिए। पांच मिनट के बाद ही एंटी करप्शन ब्यूरो प्रयागराज यूनिट की प्रभारी अंजलि यादव की टीम ने कानूनगो को गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी कानूनगो आगामी 31 अक्तूबर को सेवानिवृत्त होना है। नगर कोतवाल सत्येंद्र कुमार सिंह ने एसीबी टीम की शिकायत पर केस दर्ज करने के बाद आरोपी को जेल भेज दिया। इस वर्ष इसके पहले लालगंज, रानीगंज में घूसखोरी के आरोप में दो लेखपाल भी जेल भेजे जा चुके हैं। टीम की कार्रवाई से राजस्व विभाग के कर्मचारी सकते में है।