अपना दल कमेरावादी का समाजवादी पार्टी से हुआ मोह भंग, बसपा अथवा भाजपा से भी बन सकती है, बातचीत
लखनऊ। अपना दल से मिर्जापुर सांसद और केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की बहन पल्लवी पटेल के बीच यदि मनमुटाव खत्म हो जाये तो बात बन जाये। राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि सोनेलाल पटेल की राजनैतिक विरासत को लेकर चल रहा द्वंद्व समाप्त कर बसपा से गठबंधन के साथ चुनाव लड़ा जाय तो यूपी में एक नया राजनैतिक समीकरण तैयार होगा, जिसकी काट वर्तमान में शायद ही किसी दल के पास हो। राजनीति में असम्भव कुछ भी नहीं। सपा के सिम्बल से सिराथू से विधायक बनी पल्लवी पटेल ने अपना पक्ष बिना लाग लपेट रखकर स्थिति स्पष्ट कर दी है। सपा से सिराथू विधायक पल्लवी पटेल ने अपने तीनों उम्मीदवारों की उम्मीदवारी समाप्त कर दी है। पर अपने तेवर दिखाते हुए कहा कि अखिलेश भ्रम में हैं, सारे PDA वोटर उनके नहीं।
फूलपुर- 51, मिर्जापुर-79 और कौशाम्बी-50 से चुनाव लड़ने के लिए घोषित करते ही सपा और अपना दल कमेरावादी के बीच हुआ था, मनमुटाव
अपना दल सोनेलाल और अपना दल कमेरावादी का मूल वोटर जो राजनैतिक सोच रखता है, वर्तमान की राजनैतिक उठा-पटक को देखते हुये उसकी दिली इच्छा है कि दोनों बहनें सारे विवाद को भुलाकर एक मंच के नीचे आ जायें। इस प्रकरण में यदि कृष्णा पटेल आगे आकर दोनों बेटियों के बीच मध्यस्थता करते हुये राजनैतिक विरासत को बचाते हुये समय और परिस्थितियों के अनुरूप प्रयास करें तो परिणाम बेहतर हो सकते हैं। ऐसा राजनैतिक जानकारों का मानना है कि माँ से दोनों बेटियाँ बराबर मिलती रहती हैं। फ़िलहाल राजनीति में स्थाई रूप से कोई न तो दोस्त होता है और न ही दुश्मन। समय और परिस्थितियां कब किसे एक कर दें, कोई कह नहीं सकता। ये तो एक ही बाप की दो औलादें हैं।