पिस्टल अनलॉक करते ही इंस्पेक्टर से चली गोली, दरोगा के पेट को चीरती हुई सिपाही के सिर से हुई आर-पार
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में गोकशी के आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस टीम गई थी। इस दौरान पिस्टल अनलॉक कर रहे दरोगा से अचानक गोली चल गई। दरोगा राजीव कुमार के पेट को चीरती हुई गोली सिपाही याकुब के सिर पर जा लगी। गोली उसके भी सिर से आर-पार हो गई। सिपाही की इस कारण मौत हो गई। घटना गभाना थानाक्षेत्र के सुमेरपुर कलुआ इलाके की है। एसएसपी संजीव सुमन ने घटना पर दुख जताया है।
8 जुलाई की रात को गभाना इलाके में गोकशी की घटना हुई थी, जिनके आरोपियों को पुलिस लगातार ढूंढ रही थी। मुखबिर के माध्यम से सूचना मिली कि गोकश बुलन्दशहर के रहने वाले हैं और थाना गभाना क्षेत्र में गोकशी कर सकते हैं। आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस टीम बनाई गई थी। जब पुलिस टीम दबिश के लिए जा रही थी, इसी दौरान पिस्टल लोड करने को कहा गया।
सिपाही के सिर पर लगी गोली
दरोगा मजहर हसन की पिस्टल लॉक हो गई। कई बार प्रयास करने के बाद भी वह पिस्टल को अनलॉक नहीं कर पा रहे थे। टीम में दूसरे दरोगा राजीव कुमार को पिस्टल ठीक करने के लिए दी गई। दरोगा राजीव कुमार पिस्टल ठीक कर रहे थे कि अचानक उससे गोली चल गई। गोली, राजीव के पेट को चीरते हुए एसओजी के सिपाही को जा लगी। सिपाही याकुब के सिर पर गोली लगी थी। इस कारण वह घायल होकर वहीं गिर गया। आनन-फानन में सिपाही को जेएन मेडिकल कालेज ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
इसी तरह की लापरवाही कुछ महीने पहले भी सामने आई थी। दरोगा की पिस्टल से अचानक से गोली चल गई, जो कि सीधे एक बुजुर्ग महिला को जा लगी। इस कारण बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। उस मामले में दरोगा और मुंशी को जेल में जाना पड़ा था। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या क्या पुलिस की पिस्टल ऐसी हैं जो अपने आप चल जाती हैं? या उनकी ठीक से मरम्मत नहीं की जाती, जिस कारण ऐसी घटनाएं घटती रहती हैं। एसएसपी ने फिलहाल गभाना घटना में कहा है कि इसकी जांच करवाई जाएगी। क्या सच में यह हादसा ही है या कुछ और।