असलहा बाबू शक्ति सिंह और सिविल लाइन पुलिस चौकी इंचार्ज धनंजय राय में चल रही थी पहले से अदावत। मौका पाकर दरोगा धनंजय राय ने असलहा बाबू शक्ति सिंह को मुकदमें में नामजद करते हुए पूर्व में दी गई अपनी धमकी को सच साबित कर दिखाया
जाबाज दरोगा धनंजय राय और उनके सहयोग में दो हमराही सिपाही और दो उप निरीक्षकों की टीम बहुचर्चित एवं विवादित क्षेत्र चांदमारी कोतवाली नगर में पहुँच कर शांति ब्यवस्था की आड़ में अपनी पुलिसिया कार्रवाई करते हुए कोतवाली नगर में लम्बी चौड़ी तहरीर देकर गम्भीर धाराओं में मुकदमा तो लिखा दिया, पर कई दांव पेंच छोड़ दिये हैं। जिससे जनमानस के मन में कई सवाल उमड़ घुमड़ रहे हैं। सिविल लाइन पुलिस चौकी का चौकी प्रभारी धनंजय राय एक सीनियर सब इंस्पेक्टर हैं और जानकारी के मामले में स्वयं को महारथी समझते हैं। विवेचना के मामले में अभी उन्हें एडिशनल एसपी पूर्वी उन्हें सम्मानित भी किये थे। दरोगा धनंजय राय यह भूल गए कि एक चौकी प्रभारी असलहे के लाइसेंस में क्षेत्र से दिए जाने वाले आवेदनों में अपनी रिपोर्ट लगाकर असलहा बाबू के पास भेजा करता है।
ऐसे में दरोगा धनंजय राय अपनी तहरीर में असलहा बाबू शक्ति सिंह को नहीं पहचानते। तभी तो उन्होंने तहरीर में लिखा है कि शक्ति सिंह नाम का एक ब्यक्ति सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न किया और पूँछने पर स्वयं को असलहा बाबू बताया। अब ये बात हजम नहीं हुई, क्योंकि काबिल दरोगा धंनजय राय और असलहा बाबू शक्ति सिंह के बीच असलहे के आवेदन की एक रिपोर्ट में जमकर कहासुनी हुई थी और अख्खड़ किस्म के दरोगा द्वारा असलहा बाबू शक्ति सिंह को अपनी हद में रहने की धमकी भी दी गई थी। असलहा बाबू शक्ति सिंह की माने तो स्वयं को विधि बेत्ता समझने वाले दरोगा धनंजय राय एक असलहे के आवेदन में आवेदनकर्ता के पास एक असलहा होने की बात को हजम करते हुए अपनी रिपोर्ट प्रेषित की है, जिस पर असलहा बाबू ने मौखिक रूप से दरोगा धनंजय राय की रिपोर्ट पर आपत्ति जताई तो दरोगा जी को उखड़ गए। उनका पारा सातवें आसमान पर पहुँच गया।
बात इतनी बिगड़ी कि उसी समय दरोगा जी ने खाकी की रौब में असलहा बाबू को जमकर खरी खोंटी सुनाई और मुकदमा लिखकर जेल की हवा खिलाने तक की धमकी दी थी। दरोगा जी ने अपने लहजे में असलहा बाबू को कहा था कि ज्यादा कानून न @@@@… (गाली) ! नहीं तो ऐसा मुकदमा लिखा दूंगा कि पिछवाड़ा फट जायेगा और नानी याद आ जायेगी। इससे यह तय होता है कि चाँदमारी में कल जो घटना हुई, उसमें दो पक्षकार जो जमीन के लिए आपस में जंग करने को तैयार थे, वह अचानक गायब हो गए और दो पक्षकारों के बीच स्वयं सिविल लाइन पुलिस चौकी इंचार्ज धनंजय राय पार्टी बनकर सामने आ गए और 7 ब्यक्तियों को नामजद करते हुए 10 से 12 ब्यक्तियों को अज्ञात में मुकदमा लिखाकर अपने वादे को पूरा कर दिया।