माफिया अतीक से छुपाकर अशरफ कर रहा था जमीनों का कारोबार, ज़ैनब ने संभाली थी वसूली की कमान, पुलिस को मिली सैकड़ों पर्चियां…
प्रयागराज। कुख्यात माफिया माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मौत के बाद इनके आर्थिक साम्राज्य का लगातार खुलासा हो रहा है। धूमनगंज पुलिस ने पूरामुफ्ती के सल्लाहपुर में अशरफ की पत्नी ज़ैनब के फार्म हाउस में जब कुर्की की कार्रवाई की तो एक लकड़ी की अलमारी में कुछ फाइल फोल्डर भी मिले थे, जिसमें सैकड़ों पर्चियां मिली हैं। फटे हुए कागज़ की सैकड़ों पर्चियों पर नगद रकम और प्राप्त किया लिखा हुआ है और उसके नीचे ज़ैनब फातिमा की साइन की गई है। पुलिस ने जांच की तो ये पता चला कि अशरफ के लिए जहां-जहां से पैसे आते थे, उसको ज़ैनब ही कलेक्ट करती थी और ये वही पर्चियां है।
रियल स्टेट के कारोबार में लगाया था, पैसा…
माफिया अतीक अहमद के रियल स्टेट और अन्य सभी धंधे पहले अशरफ ही संभलता था, लेकिन अशरफ की ज़ैनब से शादी होने के बाद अशरफ अपने ससुराल वालों के साथ मिलकर अलग ज़मीनों का काम करने लगा। प्रयागराज, कौशांबी और बरेली के अलावा भी कई शहरों में अशरफ ने अपने सालों के ज़रिए रियल स्टेट के कारोबार में बड़ी रकम लगाई थी। ज़मीन बेचने या फिर किसी का मकान खाली करवाने के लिए अशरफ को जो रकम मिलती उसको ज़ैनब खुद लेती थी। पुलिस को डेढ़ लाख, 5 लाख, 3 लाख, 8 लाख, साढ़े सात लाख, 12 लाख, 19 लाख अमाउंट प्राप्ति वाली काफी पर्चियां मिली हैं और नीचे ज़ैनब की साइन है। ज़ैनब एक पर्ची पैसा देने वाले को देती थी, जबकि दूसरी पर्ची अशरफ को बरेली जेल भिजवा देती थी।
भाई अशरफ भी माफिया अतीक से छुपाकर कर रहा था, कारोबार…
अतीक अहमद से छुपाकर अशरफ ने कई जगहों पर बड़ी-बड़ी रकम रियल स्टेट में इन्वेस्ट किया था, जिसमें प्रयागराज और बरेली के कई नामी बिल्डर भी शामिल हैं। अशरफ ने सभी को बोल रखा था कि उसके इन्वेस्ट के बारे में कोई (भाई साहब) यानी अतीक को नहीं बताएगा। साल 2019 में जब अशरफ अपने ससुराल से गिरफ्तार हुआ और जेल गया तो पैसो का सारा हिसाब-किताब उसकी पत्नी ज़ैनब की रखने लगी थी। ज़ैनब के फार्म हाउस से ज़ब्त हुए सामानों में कई ज़मीनों और फ्लैट के कागजात भी मिले हैं, जो अलग-अलग नामों पर है। पुलिस अब इन लोगों का पता लगा रही है कि ये लोग कौन हैं और अशरफ से इनके क्या ताल्लुक हैं।
पर्चियों में तीन करोड़ के लेन-देन का चलता है, पता…
ज़ैनब की अलमारी से मिले फोल्डर में रकम प्राप्त करने वाली पर्चियों के बारे में डीसीपी सिटी दीपक भूकर का कहना है कि सभी पर्चियों में पैसा प्राप्त करने की बात हिंदी में लिखा गया और साइन इंग्लिश में किया गया है। इस बारे में पुलिस की स्पेशल टीम जांच कर रही है। डीसीपी के मुताबिक पुलिस को मिली पर्चियों का अगर अमाउंट जोड़ा जाए तो तीन करोड़ के आस-पास के लेन-देन का पता चलता है। जब धन अकूत का आता हो तो उसे निवेश करने के लिए सबसे सुरक्षित धंधा जमीन और रियल स्टेट का है। शायद इसी उद्देश्य से अशरफ की बेगम ज़ैनब ने अशरफ के नाम पर मिलने वाली धनराशि को निवेश के रूप में जमीन और रियल स्टेट के कारोबार लगाया था।