कैबिनेट में बड़ा फैसला; 1 अप्रैल से सभी वाहनों के लिए फास्टैग अनिवार्य, नहीं तो देना होगा दोगुना टोल
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में 1 अप्रैल से सभी वाहनों के लिए फास्टैग लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। राज्य कैबिनेट ने इस फैसले को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत सभी वाहनों को फास्टैग स्टिकर लगाना आवश्यक होगा। अगर किसी वाहन में फास्टैग नहीं होगा, तो उसे दोगुना टोल देना पड़ सकता है।
कैबिनेट के निर्णय के बाद, 1 अप्रैल से महाराष्ट्र में 22 राज्य-संचालित हाईवे पर सभी वाहन चालकों को टोल भुगतान के लिए फास्टैग का उपयोग करना अनिवार्य होगा। अधिकारियों का कहना है कि इस कदम का उद्देश्य डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना, टोल बूथों पर भीड़ को कम करना और राज्य के सड़क नेटवर्क की क्षमता को बढ़ाना है। यह नई नीति लोक निर्माण विभाग द्वारा संचालित राजमार्गों और महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम द्वारा देखरेख किए जाने वाले राजमार्गों पर लागू होगी।
फास्टैग न लगाने पर क्या होगा…
परिवहन विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, NHAI द्वारा प्रबंधित राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए फास्टैग नीति 2021 से लागू है, और अब यह राज्य राजमार्गों और निजी ठेकेदारों द्वारा संचालित टोल प्लाजा पर भी लागू होगी। फास्टैग न होने पर, वाहन मालिकों को कैश जैसे अन्य तरीकों से टोल का भुगतान करते समय दोगुना टोल भरना होगा। इसके अलावा, सरकार बुनियादी ढांचे के विकास और टोल संग्रह को बेहतर बनाने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी नीति 2014 में संशोधन करने की योजना भी बना रही है