मिल्कीपुर उपचुनाव को लेकर बड़ी खबर,पूर्व भाजपा विधायक की केस वापसी की अर्जी हाईकोर्ट में मंजूर, उपचुनाव का रास्ता हुआ साफ, कभी भी हो सकती है घोषणा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट को लेकर बड़ी खबर है। जिस याचिका की वजह से मिल्कीपुर में उपचुनाव नहीं हो सका वह याचिका वापस हो गई है।इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मिल्कीपुर में उपचुनाव को लेकर दाखिल याचिका वापस लेने की मंजूरी दे दी है। इससे मिल्कीपुर में उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया है।
लखनऊ हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले मिल्कीपुर के पूर्व भाजपा विधायक बाबा गोरखनाथ इसे वापस लेने के लिए अपील की थी। इसे सोमवार को अदालत ने मंजूरी दे दी। इसके साथ ही याचिका भी वापस हो गई है।हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई कर रहे जस्टिस पंकज भाटिया की एकल पीठ ने याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी है।जिस दिन उपचुनाव घोषित हुए थे उसके अगले दिन ही भाजपा प्रत्याशी रहे बाबा गोरखनाथ ने याचिका वापस लेने के लिए हाईकोर्ट में अर्जी लगाई थी। बाद में सपा ने अड़ंगा लगा दिया था।
माना जा रहा है कि कोर्ट से याचिका वापस होने से चुनाव आयोग कभी भी मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर चुनाव का ऐलान कर सकता है। विधानसभा की किसी सीट को छह महीने तक ही रिक्त रखा जा सकता है।मिल्कीपुर से विधायक रहे अवधेश प्रसाद के जून में सांसद बनने के बाद से यह सीट रिक्त है। अगले महीने अवधेश प्रसाद के इस्तीफे को छह महीने पूरे हो जाएंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि दिसंबर में यहां चुनाव हो सकता है।
बताते चलें कि मिल्कीपुर से पूर्व भाजपा विधायक बाबा गोरखनाथ एक याचिका दाखिल की थी। याचिका में बाबा गोरखनाथ ने 2022 में मिल्कीपुर सीट से समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद के निर्वाचन को चुनौती दी थी। उनका कहना था कि अवधेश प्रसाद के नामांकन पत्रों में विसंगतियां हैं।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ ने कहा कि आज मेरी और एक अन्य निर्दलीय की चुनाव याचिका वापस हो गई है। हम चाहते हैं कि मिल्कीपुर की जनता सफर न करे और वहां जल्द चुनाव हो।बाबा गोरखनाथ ने कहा कि चुनाव आयोग जल्द आज के फैसले का संज्ञान लेगा और चुनाव की घोषणा होगी। भाजपा वहां पर बड़े अंतर से जीतेगी। इस दौरान उन्होंने सपा पर हमला भी बोला। कहा कि याचिका वापसी के विरोध पर वकील न खड़ा करने की बात कहने वालों का पर्दाफाश भी हो गया है।
ज्ञात हो कि यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना था,लेकिन उपचुनाव घोषणा के समय याचिका की वजह से मिल्कीपुर में उपचुनाव रोक दिया गया था। दो दिन पहले ही 23 नवंबर को उपचुनाव के नतीजे आए हैं। इसमें भाजपा को सात सीटों पर विजय मिली। सपा को महज दो सीटें हासिल हुईं।नौ सीटों के उपचुनाव परिणाम सपा और भाजपा को कई सबक सिखा गए। करहल और कुंदरकी में भाजपा जहां वोटबैंक बढ़ाने में कामयाब रही, वहीं गाजियाबाद और मझवां में जीत दोहराने के बावजूद घटे वोटबैंक ने उसके लिए चुनौती बढ़ा दी है। दूसरी ओर सपा भले ही करहल और सीसामऊ सीट बचाने में कामयाब रही हो, लेकिन घटा वोटबैंक उसके लिए भी खतरे की घंटी है।