जम्मू में आतंकी मुठभेड़ के दौरान बिहार के जवान संतोष कुमार बलिदान, गांव में शोक की लहर
आतंकियों की मौजूदगी की सूचना पर नौशेरा सेक्टर के समीप ऑपरेशन चलाया जा रहा था। इसी दौरान आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें संतोष कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए। अस्पताल ले जाने के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।परिजनों ने बताया कि संतोष कुमार भारतीय सेना में वर्ष 2001 में भर्ती हुए थे और पिछले 23 वर्षों से सेवा दे रहे थे। दो माह पहले वे छुट्टी में घर आए थे और उन्होंने सेवानिवृत्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। उनका कहना था कि अब बच्चों की पढ़ाई और माता-पिता की सेवा में समय देना चाहते हैं।
चार बच्चों के पिता हैं संतोष…
बलिदानी संतोष चार संतानों के पिता थे। उनकी बड़ी बेटी ने इस वर्ष सीबीएसई की 10वीं परीक्षा उत्तीर्ण की है। छोटा बेटा लव कुमार मात्र 5 वर्ष का है।पत्नी गुड़िया देवी बच्चों को भागलपुर स्थित स्कूल भेजने की तैयारी में थीं, तभी उन्हें संतोष के बलिदान की सूचना मिली। परिजनों के अनुसार, संतोष तीन भाइयों में सबसे बड़े थे और परिवार की आर्थिक और सामाजिक जिम्मेदारियां उन्हीं पर थीं। उनके छोटे भाई अभिनव कुमार ने बताया कि संतोष पूरे परिवार के सहारा थे। पिता और मां की स्थिति भी बेहद खराब है।