कौशांबी लोकसभा में राजा भईया के दखल से मुश्किल में फंसी भाजपा, मौजूदा सांसद को लेकर असमंजस
लखनऊ। लोकसभा चुनाव का बिगुल के बाद कौशाम्बी लोकसभा सियासी हलचल तेज हो गई है। जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी के मुखिया कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भईया की भारतीय जनता पार्टी से नजदीकी बढ़ी है। भाजपा और राजा भईया की बढ़ती नजदीकी को देखते हुए कौशाम्बी से भाजपा सांसद विनोद सोनकर के भविष्य को लेकर कयास लग रहे हैं। भाजपा अगर समझौते के तहत कौशाम्बी लोकसभा सीट राजा भईया को दे देती है तो विनोद सोनकर का क्या होगा ? इसको लेकर मंथन जारी है।
कौशांबी लोकसभा में राजा भईया के दखल ने भाजपा नेतृत्व के सामने बड़ी मुश्किलें पैदा कर दी हैं। हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में राजा भईया ने भाजपा प्रत्याशी को वोट दिया था। इसके बाद कयास लगने लगे कि कौशांबी लोकसभा में राजा भईया समर्थित उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरेगा। वहीं मौजूदा सांसद विनोद सोनकर और राजा भईया के समर्थकों के बीच छत्तीस के आंकड़े को देखते हुए भाजपा के बड़े नेता अब विनोद सोनकर को मछलीशहर से चुनाव लड़ाने पर विचार कर रहे हैं। यदि राजा भईया को भाजपा एक सीट देती है तो उनकी पहली पसंद कौशाम्बी ही होगी। राजनीतिक दृष्टि से तो राजा भईया को भाजपा से गठबंधन करके मछलीशहर की सीट भी आसानी से निकाली जा सकती है। उन्हें ही अपनी सीट बदल लेनी चाहिए।
भगवान गौतम बुद्ध की नगरी कौशांबी यूपी की टॉप-5 अनुसूचित बाहुल्य लोकसभा में शामिल है। कौशांबी लोकसभा में चुनावी मैदान में कूदने वाले उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करने में कुंडा और बाबागंज विधानसभा के वोटरों की अहम भूमिका होती है। कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह के उर्फ राजा भईया के गढ़ में सपा उम्मीदवार शैलेंद्र कुमार ने 2009 लोकसभा चुनाव में रिकार्ड वोट से विजय प्राप्त की थी। इन्ही गुणा भाग में कौशाम्बी संसदीय सीट का पेंच फंसा हुआ है। राजनीति के जानकारों का खाना है कि राजा भईया को ही मछली शहर की सीट लेकर NDA का हिस्सा बन जाना चाहिए और 4 जून के बाद योगी मंत्रिमंडल में शामिल होकर सभी को एक बार पुनः चित कर देने वाला दांव खेलना चाहिए।
लोकसभा चुनाव- 2014 में भाजपा ने विनोद सोनकर को उम्मीदवार बनाया। कुंडा और बाबागंज विधानसभा में सपा उम्मीदवार रहे शैलेंद्र कुमार ने खासी बढ़त तो ली, लेकिन कौशांबी में हार का सामना करना पड़ा।विनोद सोनकर ने विजय प्राप्त की। साल- 2019 लोकसभा चुनाव में राजा भईया ने अपनी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से शैलेंद्र को उम्मीदवार बनाया। सपा से पूर्व मंत्री इंद्रजीत सरोज तो भाजपा से विनोद सोनकर चुनावी मैदान में उतारे। भले ही कुंडा और बाबागंज विधानसभा में भाजपा उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा, लेकिन कौशांबी में मिले वोट से विनोद सोनकर ने विजय प्राप्त की। दूसरे स्थान पर सपा उम्मीदवार तो तीसरे स्थान पर शैलेंद्र कुमार रहे।
राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को वोट देने से राजा भईया का कद भाजपा की नजर में बढ़ गया। राजनीतिक गलियारों में चर्चा होने लगी कि कौशांबी से भाजपा उसे ही चुनाव लड़ाएगी जिसे राजा भईया चाहेंगे। हालांकि पहली प्राथमिकता शैलेंद्र कुमार को उम्मीदवार बनाने की ही रही। राजा भईया द्वारा कौशांबी लोकसभा में दावेदारी से भाजपा नेतृत्व मुश्किल में नजर आ रहा है। भाजपा से दो बार कौशांबी से विजय प्राप्त करने वाले विनोद सोनकर को मछली शहर से उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा आम हो गई है। सियासी पंडितों का कहना है कि राजा भईया की वजह से भाजपा नेतृत्व अपना उम्मीदवार बदल सकता है। अब सबकी नजरें भाजपा हाईकमान के फैसले के साथ ही राजा भईया के कदम पर टिकी है।