मंच पर रो पड़े बीजेपी सांसद संगमलाल गुप्ता, कहा- क्या राजाओं के गढ़ में तेली सांसद नहीं बन सकता…
प्रतापगढ़। राजाओं के गढ़ प्रतापगढ़ में लोकसभा चुनाव- 2024 का मतदान छठे चरण में 25 मई को होना है। यहां जीत के लिए विभिन्न राजनीतिक दल के नेता वोट के लिए तरह-तरह की पैंतरेबाजी कर रहे हैं। ऐसा ही नजारा सोमवार को केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के साथ जनसभा में भाजपा प्रत्याशी संगम लाल गुप्ता की तरफ से देखने को मिला। मंच से भाषण के बीच मौजूदा सांसद एवं भाजपा प्रत्याशी संगम लाल गुप्ता फफक-फफक कर रोने लगे।
एक राष्ट्रीय पार्टी का उम्मीदवार जो वर्तमान में सांसद हो, वह मतदान से चंद दिनों पहले जनसभा में मंच पर रो पड़े, आखिर क्या है, सांसद संगम लाल गुप्ता के रोने की असली वजह। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के ही लोग जो अपनी उम्मीदवारी के लिए परेशान थे, वह सुनियोजित तरीके से क्षेत्र में एक माहौल तैयार किया कि इस बार सांसद सनागम लाल गुप्ता की छवि ठीक नहीं है। उनका टिकट इस बार काट दिया जायेगा, परन्तु सभी के इरादों पर पानी फिर गया और भाजपा की पहली ही लिस्ट में संगम लाल गुप्ता प्रतापगढ़ संसदीय सीट पर भाजपा से प्रत्याशी बनाये गए।
इस बार प्रतापगढ़ के सांसद संगम लाल गुप्ता को चुनाव प्रचार के लिए भरपूर समय मिला, परन्तु भाजपा के ही लोग यह दुष्प्रचार करने में सफल रहे कि संगम लाल गुप्ता का बहुत विरोध है। वजह पूछने पर पता नहीं… फिर भी संगम लाल गुप्ता अपने हिसाब से क्षेत्र में अपना प्रचार अभियान संभाले रखा। उन्हें इस बात का एहसास था कि मतदान नजदीक आते-आते नाराज लोग मां जायेंगे, क्योंकि और नेताओं की तरह वह किसी का अनभल और नुकसन नहीं किया है। नामांकन हुआ और पीएम और सीएम की जनसभा भी हुई, परन्तु कथित नाराज लोग संगम लाल गुप्ता के खिलाफ साजिश करते रहे।
कथित नाराज लोगों की नाराजगी दूर करते-करते संगम लाल गुप्ता उस समय अपने आपको रोक न सके और एक जनसभा में मंच पर ही भाषण के दौरान भावुक हुए और मंच पर ही रोने लगे। उनका कहना था कि वह तेली समाज से आते हैं और तेली समाज पिछड़े वर्ग से आता है। जनपद प्रतापगढ़ में ऐसे भी उम्मीदवार रहे जो चार-चार बार प्रतापगढ़ के सांसद निर्वाचित होते रहे, परन्तु प्रतापगढ़ के विकास के लिए कुछ भी नहीं किये। सपा और कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार डॉ एसपी सिंह पटेल से संगम लाल गुप्ता का मुकबला है। सच यही है कि लोकसभा चुनाव से पहले डॉ एसपी सिंह को लोग क्षत्रिय समझते थे और वह स्वयं भी अपने नाम के आगे पटेल नहीं लिखते थे।
सांसद संगम लाल गुप्ता का कहना है कि सपा प्रत्याशी भी पिछड़ी जाति से आते हैं और कुर्मी समाज से हैं। वह अपने नाम के आगे कभी पटेल नहीं लिखे। वह अपने नाम के आगे सिंह लिखते रहे और अब प्रतापगढ़ के सांसद के चुनाव में अब पटेल लिखने लगे। वो और उनकी पत्नी 18 सालों तक यानि तीन बार एमएलसी रही, प्रतापगढ़ के लिए कुछ भी नहीं किया। ऐसे में जो लोग मुझसे कथित रूप से नाराज हैं वह हमें बतायेंगे कि हमने उनका क्या बिगाड़ा है ? बस यही कि वह तेली समाज से आते हैं, इसलिए उन्हें प्रतापगढ़ का सांसद नहीं बनना चाहिए, चाहे बाहरी ब्यक्ति भले ही पिछड़ी जाति से वह बन जाए, वह चलेगा। बस यही बात से संगम लाल गुप्ता को मन में पीड़ा हुई और वह मंच पर ही रोने लगे।
इसी वजह से बीजेपी सांसद संगम लाल गुप्ता ने मंच से रोते हुए सवाल किया कि क्या राजाओं के गढ़ में केवल क्षत्रिय ही सांसद बन सकते हैं ? क्या एक बनिया तेली सांसद नहीं बन सकता। उन्होंने कहा कि तेली होने के कारण मेरा विरोध हो रहा है। भाजपा प्रत्याशी के बयान पर सवाल भी उठ रहे हैं। बताया जा रहा है कि भाजपा प्रत्याशी संगम लाल गुप्ता केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के साथ जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान बीजेपी प्रत्याशी ने जातिगत आधार पर जाति विशेष को लेकर टिप्पणी की और मंच पर रोने लगे। किसी के आँख में आंसू यूं ही नहीं आते, जब तक कि पीड़ा मन में न हो। इसलिए ये कहना ठीक नहीं कि संगम लाल गुप्ता इमोशनल होकर अपना काम निकाल रहे हैं।
संगम लाल गुप्ता ने कहा कि लंबे समय तक इस सीट पर विपक्षी दलों का कब्जा रहा। उनसे अगर 18 गांवों के नाम पूछ लें, तो बता नहीं पाएंगे। साल- 2019 से लेकर आज तक मैंने किसी का अपमान नहीं किया। मेरे बारे में लोग यह नहीं कह सकते कि मैंने किसी का दिल दुखाया हो। मैं आपके समुदाय से आता हूं, तेली समाज से हूं, इसलिए मेरा यहां पर विरोध किया जा रहा है। गौरतलब है कि हाल ही में एक जनसभा में केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने बिना राजा भैया का नाम लिए कहा था कि लोकतंत्र में राजा-रानी पेट से नहीं, बल्कि ईवीएम की बटन से पैदा होते हैं। स्वघोषित राजाओं को कुंडा उनकी जागीर लगती है। इस बार इस भ्रम को तोड़ने के लिए आपके पास बहुत बड़ा अवसर है। याद रखिए मतदाता ही सर्वशक्तिमान हैं।