पट्टी तहसील में तैनात रिश्वतखोर लेखपाल राजेश कुमार सरोज को एसडीएम पट्टी ने किया सस्पेंड
प्रतापगढ़। जनपद प्रतापगढ़ की सबसे बड़ी तहसील पट्टी जो जौनपुर और सुल्तानपुर जनपद को जोड़ती है और यहाँ पर राजस्व विभाग के हल्का लेखपाल बहुत ही ढीठ और निरंकुश हैं। प्रतापगढ़ में लेखपालों की दशा ऐसी है जो बिना कहे भल है। यहाँ के लेखपाल पुलिस से अधिक निरस हैं। वह बिना रिश्वत लिए कोई कार्य करना ही नहीं चाहते। प्रार्थना पत्रों एवं प्रमाण पत्रों में रिपोर्ट लगाने, जमीन की माप करने और वरासत करने तक में बिना रिश्वत लिए प्रतापगढ़ के किसी भी तहसील में कार्य नहीं कराया जा सकता। प्रतापगढ़ में ऐसे भी लेखपाल हैं जो अरबपति भी हैं। फिर भी उनके द्वारा रिश्वत बिना लिए कोई कार्य नहीं किया जाता है। हल्का लेखपाल राजेश कुमार सरोज की बात करें तो वह अपनी नौकरी का कार्यकाल का समय 75 फीसदी पट्टी तहसील में ही पूरा किया है। ये बहुत ही निर्लज्ज और निरंकुश किस्म का हल्का लेखपाल है। बिना चढ़ावा चढ़ाये यह कोई कार्य नहीं करता।
पट्टी तहसील में एक ग्राम पंचायत सरसीखाम हैं जहाँ पर राजस्वकर्मी के रूप में हल्का लेखापाल राजेश कुमार सरोज की तैनाती है। सरसीखाम हल्का के लेखपाल राजेश कुमार सरोज के विरूद्ध दो दिन पहले सोशल मीडिया में रिश्वत के रूप में रूपये लेने का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें हल्का लेखपाल राजेश कुमार सरोज द्वारा किसी व्यक्ति से कुछ रूपया लेकर जेब में रखा जा रहा है। सोशल मीडिया में चल रही खबर को जिलाधिकारी डा. नितिन बंसल ने त्वरित संज्ञान लेते हुये उपजिलाधिकारी पट्टी को जांच करने हेतु निर्देशित किया।उपजिलाधिकारी पट्टी द्वारा जांच के दौरान लेखपाल द्वारा रूपये लेने का वीडियो सही पाया गया, जिसके कारण राजस्व गाँव सरसीखाम के घूंसखोर लेखपाल राजेश कुमार सरोज को डीएम के निर्देश पर उपजिलाधिकारी पट्टी द्वारा तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है। लेखपाल राजेश कुमार सरोज का घूंस जो कैमरे की जद में आ गया तो वह पकड़ा गया, परन्तु सच यही है कि प्रतापगढ़ के लेखपालों की हकीकत यही है कि बिना रिश्वत लिए ये कोई कार्य करना ही नहीं चाहते। इनकी असलियत देखनी हो तो तहसील में जाकर देखी जा सकती है कि ये विधवा से भी रिश्वत लेकर ही उसके प्रार्थना पत्र में रिपोर्ट लगाते हैं।