सिपाही ने ASI को गोली मारकर की हत्या, कड़ी मशक्कत के बाद आरोपी को किया गया गिरफ्तार
लोहरदगा। एसपी कोठी के बगल में किराये के मकान में रहनेवाले सिपाही अनंत सिंह मुंडा (बुंडू निवासी) ने बुधवार रात 9:00 बजे अपने साथ रहनेवाले जमादार धर्मेंद्र सिंह (बोकारो निवासी) की गोली मार कर हत्या कर दी। वारदात के बाद अनंत लगातार अपनी इंसास राइफल से फायरिंग कर रहा है। रात करीब 11:00 बजे अनंत की पत्नी भी घटनास्थल के पास पहुंची और पति के मोबाइल फोन पर कॉल कर उसे समझाना चाहा, लेकिन उसने फोन रिसीव नहीं किया। दूसरी ओर, एसपी हारिस बिन जमां समेत कई अधिकारी घटनास्थल के पास पहुंच चुके हैं, लेकिन, कोई उसके पास जाने की हिम्मत नहीं कर रहा। हालांकि, 12 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आरोपी सिपाही को घर से बाहर निकाल गिरफ्तार कर लिया गया, इधर, एएसआई के परिजनों मे जबरदस्त आक्रोश देखने को मिल रहा है। समाचार लिखे जाने तक शव को पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है। जानकारी के अनुसार, पूर्व नगरपालिका उपाध्यक्ष रह चुके बलराम साहू के तीन मंजिला मकान में पहले तल्ले पर अनंत, धर्मेंद्र और एक अन्य सिपाही किराये पर एकसाथ रह रहे थे।
बुधवार रात करीब 9:00 बजे किसी बात को लेकर अनंत और धर्मेंद्र के बीच बकझक हो गयी। इसके बाद अनंत ने अपनी सर्विस इंसास राइफल से धर्मेंद्र को गोली मार दी। घटनास्थल पर ही धर्मेंद्र की मौत हो गयी। इसके बाद वह अनंत मकान के चारों तरफ घूमने लगा और रुक-रुक कर गोली चलाने लगा। मकान के अन्य किरायेदार अपने-अपने कमरों दुबके थे। इस मकान से थोड़ी दूरी पर बलराम साहू का दूसरा मकान है। उसी की छत और खिड़की से अनंत की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। अधिकारियों को अंदेशा है कि अनंत की मानसिक स्थिति ठीक नहीं होगी। रात 11:30 बजे से अनंत को घूमता नहीं देखा जा रहा है।
रात 12:00 बजे के करीब एसपी हारिस बिन जमा ने मकान मालिक बलराम साहू से मकान में प्रवेश करने का रास्ता पूछ रहे थे। ताकि टियर गैस की आड़ में कुछ जवानों को घर के अंदर भेज कर अनंत को काबू में किया जा सके। वहीं, फायरिंग बंद होने से पुलिस अधिकारियों को आशंका है कि कहीं हताशा में अनंत ने खुद को भी भी गोली न मार ली हो। फिलहाल, पुलिस घर में प्रवेश करने की योजना बना रही थी। मृतक धर्मेंद्र पटना के रहनेवाले थे। वह वर्ष साल- 2000 में अनुकंपा पर बहाल हुए थे। उन्हें साल-2018 में एएसआइ में प्रोन्नति मिली थी।