51 लाख की बीमा राशि लिए दिव्यांग की निर्मम हत्या, हादसा दिखाने की कोशिश नाकाम
संभल। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में पुलिस ने 51 लाख रुपये के जीवन बीमा दावे के लिए एक दिव्यांग दलित व्यक्ति की हत्या की साजिश का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने शनिवार को बताया कि इस मामले में दो भाइयों, दोषी अपराधी और बीमा एजेंट को गिरफ्तार किया है।
संभल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा, यह एक सड़क दुर्घटना नहीं थी। पीड़ित दिव्यांग दरियाब जाटव के बीमा दावे के लिए उसकी हत्या की गई। हत्यारों ने पहले उसके सिर पर हथौड़े से वार किया और फिर उसे दुर्घटना का रूप देने के लिए वाहन से कुचल दिया।
चंदौसी पुलिस थाने में पिछले साल एक अगस्त को एक प्राथमिकी दर्ज की गई जिसमें कहा गया कि सैनिक चौराहे के पास एक ‘हिट-एंड-रन’ में दरियाब की मौत हो गई। बदायूं जिले के ढिलवारी गांव निवासी उसके भाई राजेंद्र ने शिकायत दर्ज कराई थी। कोई सुराग न मिलने पर पुलिस ने मामले को दुर्घटना मानकर बंद कर दिया और दिसंबर में अंतिम रिपोर्ट (एफआर) दाखिल कर दी।
एसएसपी के मुताबिक नौ माह बाद सच्चाई तब सामने आई, जब बीमा कंपनी के पास 50.68 लाख रुपये का संदिग्ध बीमा दावा पहुंचा। बीमाकर्ता ने पुलिस को इसकी सूचना दी, जिसके बाद अपर पुलिस अधीक्षक अनुकृति शर्मा और उनकी टीम ने दोबारा जांच की। जांच में कई विसंगतियां सामने आईं।
अपर पुलिस अधीक्षक शर्मा ने बताया, दरियाब दिव्यांग था और अपने घर से 27 किलोमीटर दूर नहीं चल सकता था, फिर भी दावे में कहा गया कि उसकी मौत उसके घर से दूर रात करीब 10 बजे एक दुर्घटना में हुई। इससे गंभीर संदेह पैदा हुआ। संदिग्धों से पूछताछ के बाद आखिरकार मामला खुला।
पुलिस ने बताया, हत्या की साजिश दो भाइयों हरिओम और विनोद ने रची थी, जिन्हें पैसों की सख्त जरूरत थी। उन्हें ‘मैक्स लाइफ’ के ‘एक्सिस बैंक’ के बीमा एजेंट पंकज राघव ने सलाह दी थी कि वे किसी गंभीर रूप से बीमार या शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्ति का बीमा कराएं। एक साल के दौरान उन्होंने दरियाब के नाम पर कई जीवन बीमा पॉलिसी लीं। जब पॉलिसी परिपक्व हो गईं, तो साजिशकर्ताओं ने हत्या को अंजाम देने के लिए पहले से एक अन्य मामले मे दोषी ठहराए जा चुके प्रताप को 50 हजार रुपये दिए।
पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘‘घटना की रात विनोद ने दरियाब पर हथौड़े से वार किया। इसके बाद प्रताप ने दुर्घटना दिखाने के लिए उसे कार से कुचल दिया। आरोपी बीमा भुगतान से 15.68 लाख रुपये प्राप्त करने में सफल हो गए, लेकिन फर्जीवाड़े का पता चलने पर शेष राशि रोक दी गई। चारों आरोपियों हरिओम, विनोद, प्रताप और बीमा एजेंट पंकज राघव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।