एसडीएम सदर पद से तवादला होने के बाद भी आदेश के लिए सैकड़ों पत्रवालियां बंगले पर गई थी, नहीं आई वापस, वादकारी हैं, परेशान

तहसील सदर के शपथ समारोह में एसडीएम सदर और उनके राजनीतिक संरक्षक…

ऐसा कोई सगा नहीं जिसे पूर्व एसडीएम सदर उदय भान सिंह ने ठगा नहीं…

जीवन में धन बहुत कुछ हो सकता है, परन्तु सबकुछ नहीं हो सकता। कभी-कभी इंसान धन पिपासु बन जाता है और उसके चक्कर में अमानवीय भी हो जाता है। उसके लिए पैसा ही सबकुछ हो जाता है। ऐसा ही एक ब्यक्ति उदय भान सिंह है जो संवैधानिक पद पर बैठे रहने के बाद भी धन लोलुपता के मायाजाल में ऐसा फंसा कि इसमें मानवीय संवेदना ही खत्म हो गई।

सबसे पहले प्रतापगढ़ की लालगंज तहसील में एसडीएम के पद पर रहकर जमकर लूटपाट मचाया। उन्हें लालगंज तहसील में एसडीएम पद पर पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह एवं तत्कालीन सांसद संगम लाल गुप्ता ने पोस्टिंग कराई थी। सांसद की 250 बीघे भूमि की धारा- 80 यही एसडीएम उदय भान सिंह ने ही किया था। बाद में हंगामा जब अधिक हुआ तो इन्हें मुख्यालय में अतिरिक्त एसडीएम का चार्ज दिया गया। जब एसडीएम सदर शैलेन्द्र कुमार वर्मा 16 जुलाई, 2023 को छुट्टी चले गए तो मौका देखकर तत्कालीन जिलाधिकारी प्रतापगढ़, प्रकाश चन्द्र श्रीवास्तव ने उदय भान सिंह को सदर तहसील का चार्ज दे दिया, बाद में इनकी पोस्टिंग सदर एसडीएम के पद पर कर दी गई।

सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का…

सदर तहसील का एसडीएम बनते ही उदय भान सिंह पूरी तरह से वसूली अभियान में लग गए। उनके इस अभियान में एक शासकीय अधिवक्ता बतौर मुख्य सलाहकार कार्य करने लगा और कचेहरी से लेकर तहसील तक की कई टीमें लगी जो समय-समय पर नजदीक और दूर होती रही। सदर एसडीएम उदय भान सिंह के जलवे बढ़ते गए, क्योंकि राजनीतिक संरक्षण में नपाध्यक्ष रहे हरि प्रताप सिंह भी खुलकर आ गए। पूर्व मंत्री डॉ महेंद्र सिंह और सांसद रहे संगम लाल गुप्ता पहले से ही उदय भान सिंह को खुली छूट दे रखी थी। फिर क्या था, सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का…?

पूर्व मंत्री डॉ महेंद्र सिंह, प्रतापगढ़ के सदर एसडीएम रहे उदय भान सिंह को राजनीतिक संरक्षण प्रदान करते रहे और उदय भान सिंह भी उन्हीं के दरबारी बने रहे। एसडीएम उदय भान सिंह कई बार उनके आवास पर देखे गए थे। जनपद प्रतापगढ़ के इतिहास में उदय भान सिंह जैसा भ्रष्ट एसडीएम सदर दूसरा कोई नहीं हो सकता। पूर्व SDM सदर के रिश्वतखोरी के कई ऑडियो खुलासा इंडिया के पास सुरक्षित है। निष्पक्ष जाँच हुई तो जाँच अधिकारी को बतौर साक्ष्य दिया जायेगा। पूर्व एसडीएम सदर उदय भान सिंह के कब्जे में अभी भी सैकड़ों पत्रावलियां हैं, जबकि उनका 23 सितंबर को तवादला चुका है।

ट्रांजिट हॉस्टल स्थित SDM उदय भान सिंह के आवास पर सपा नेत्री भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष के साथ पहुँच कर जमकर किया था, हंगामा 

पूर्व SDM सदर प्रतापगढ़ उदय भान सिंह के तवादले के बाद उनके ट्रांजिट हॉस्टल के आवास पर एक सपा नेत्री ने जमकर हंगामा किया। ट्रांजिट हॉस्टल स्थित SDM उदय भान सिंह के आवास पर सपा नेत्री भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष के साथ पहुँच कर जमकर हंगामा किया था और SDM को जमकर बेइज्जत किया था। बहुत दबाव के बाद SDM ने कुछ धन वापस भी किये हैं। अभी कुछ धन शेष रह गया है, जिसे वापस करने का विश्वास दिलाने पर सपा नेत्री उनका पिंड छोड़ी। सूत्रों की बातों पर यकीन करें तो पूर्व SDM सदर को बहुत गालियां दी। एसडीएम सदर रहे उदय भान सिंह को आखिर सपा नेत्री क्यों गालियां दी, लोग जानना चाहते हैं ?

पूर्व SDM सदर उदय भान सिंह का 30 सितंबर, 2024 को रिटायरमेंट है। वह अपना सेवा विस्तार चाहते हैं, उसके लिए वह प्रतापगढ़ से लखनऊ एक किये हुए हैं। एक पूर्व मंत्री के भरोसे वह अपना सेवा विस्तार के लिए प्रयासरत रहे, परन्तु उनका प्रयास शून्य रहा। पूर्व SDM सदर उदय भान सिंह को इतना भी ज्ञान नहीं कि एसडीएम का सेवा विस्तार यदि होने लगे तो शासन में एक पटल खोलना पड़ जायेगा। सेवा विस्तार मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक जैसे पदों पर आसीन नौकरशाहों के बढ़ाये जाते हैं, न कि एसडीएम जैसे पद पर बैठे भ्रष्ट अफसर का सेवा विस्तार किया जाता है।

देश में भ्रष्टाचार के मामले में केंद्र की मोदी और सूबे की योगी सरकार ने जीरो टॉलरेंस की बात करती है और उनकी ही सरकार में एक SDM स्तर का अधिकारी सिर्फ 14 माह में रिश्वत के रूप में करोड़ों रुपये कमा लिया। प्रतापगढ़ सदर तहसील से सिर्फ 14 महीने में करोड़ों रुपये ठीक कर लेने वाले पूर्व एसडीएम सदर उदय भान सिंह का अभी भी पेट नहीं भरा। तवादला हो जाने के बाद अभी भी उनके दलाल पूरी तरह सक्रिय हैं। आखिर तवादला हो जाने के बाद भी पूर्व एसडीएम सदर उदय भान सिंह के कुकृत्यों पर जिलाधिकारी प्रतापगढ़ संजीव रंजन अभी भी क्यों मेहरबान हैं ?

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