पिता ने दो घूंट शराब के लिए की बेटे की हत्या,प्रधान बहू का उजाड़ा सुहाग
गाजीपुर। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में बरेसर थाना क्षेत्र में दो घूंट शराब के लिए पिता ने फावड़े से वार कर अपने बेटे की हत्या कर दी। दोनों साथ में शराब पी रहे थे। मृतक की पत्नी मौजूदा ग्राम प्रधान है। दिलशादपुर गांव में बीती रात घटी घटना के बाद से गांव में मातम है। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है। नशा उतरने पर पिता को अफसोस है।दिलशादपुर गांव के 42 वर्षीय शैलेंद्र सिंह की पत्नी गुंजन सिंह ग्राम प्रधान हैं। शैलेंद्र के बेटे अंकित सिंह ने शनिवार सुबह पुलिस को तहरीर दी। बताया कि गांव के बाहर परसा-तिराहीपुर मुख्य मार्ग के किनारे हमारा ट्यूवबेल है।
बीती रात करीब नौ बजे पिता शैलेंद्र सिंह, दादा वशिष्ठ सिंह और चचेरा भाई संजीव सिंह ट्यूबवेल पर जा रहे थे। रास्ते में ही दादा और पिता ने बाराचंवर चट्टी से शराब खरीदी। तीनों लोग ट्यूबवेल पर आए। दादा और पिता वहां बैठकर शराब पीने लगे। चचेरा भाई पास में ही टहल रहा था। अंत में जब दो घूंट शराब बची तो दादा ने कहा कि इस मैं पीऊंगा। दोनों लोग नशे में थे। बोतल में बची थोड़ी सी शराब के लिए दादा और पिता उलझ गए। इस दौरान दादा ने पिता को थप्पड़ जड़ दिया। इस पर बात और बढ़ गई।पिता शैलेंद्र सिंह ने कहा कि मेरे पास भी हाथ है, मैं भी मार सकता हूं।
इतना सुनकर दादा वशिष्ठ सिंह आक्रोशित हो उठे। वहां मौजूद चचेरा भाई दोनों में बीच बचाव करता रहा। इसी दौरान गुस्से में दादा ने पास में रखे फावड़े से पिता शैलेंद्र सिंह के सिर पर वार कर दिया। हमला होते ही पिता लहूलुहान होकर जमीन पर गिरे और तड़पने लगे। चचेरा भाई दौड़कर घर आया और परिजनों को घटना की जानकारी दी।आनन फानन पिता शैलेंद्र सिंह को मऊ स्थित निजी अस्पताल लेकर गए। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इससे परिजनों में कोहराम मच गया।सुबह घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। शैलेंद्र के बेटे की तहरीर के आधार पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी वशिष्ठ सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
बरेसर थानाध्यक्ष राजेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि मृतक के पुत्र अंकित की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर आरोपी वशिष्ठ सिंह को गिरफ्तार कर विधिक कार्रवाई की जा रही है।बता दें कि शराब की लत ने पूरे परिवार को ऐसा दर्द दिया कि जो भुलाया नहीं जा सकेगा।शराब ने जहां एक पिता को अपने बेटे का हत्यारा बना दिया, वहीं एक पत्नी का सुहाग, मां की गोद को सूनी कर दिया और बच्चों को अनाथ बना दिया। शैलेंद्र सिंह तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर था। तीनों भाइयों में काफी प्रेम था। पूरा परिवार संयुक्त रहता है।पिता वशिष्ठ सिंह के दिशा-निर्देश में परिवार आगे बढ़ रहा था।घर में खुशियां थी।शैलेंद्र की पत्नी ग्राम प्रधान गुंजन सिंह, पुत्र अंकित और आलोक के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे।