मेडिकल कॉलेज में ड्यूटी कर रही महिला डॉक्टर की रेप के बाद की गई हत्या, अर्धनग्न अवस्था मे मिला शव
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के कोलकाता से एक डरा देने वाली खबर सामने आई है। यहां रहस्यमय परिस्थितियों में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल की महिला डॉक्टर मृत पाई गई। वह अस्पताल में स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की मेडिकल छात्रा थी और चेस्ट मेडिसिन विभाग में हाउस स्टाफ के रूप में भी काम कर रही थी। अस्पताल के कर्मचारियों ने दोपहर करीब 12 बजे अस्पताल की आपातकालीन बिल्डिंग की चौथी मंजिल पर शव देखा। शव मिलने के बाद परिसर में तनाव फैल गया। कोलकाता पुलिस के उत्तरी उपनगरीय प्रभाग के उपायुक्त अभिषेक गुप्ता के नेतृत्व में एक पुलिस दल तुरंत मौके पर पहुंचा। इसके तुरंत बाद शहर के पुलिस आयुक्त विनीत कुमार गोयल भी अस्पताल परिसर में पहुंचे।
अस्पताल से जुड़े कुछ डॉक्टरों ने बताया कि मृतक डॉक्टर के शरीर पर चोट के निशान थे। कपड़े फटे थे और शव अर्धनग्न अवस्था में था। शरीर की स्थिति के देखकर उन्होंने रेप का आशंका जाहिर की। देर शाम तक हंगामा चलता रहा लगभग 10 घंटे के प्रदर्शन, धरने और बहस के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया डॉक्टर के पिता ने आरोप लगाया कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज परिसर के अंदर उनकी बेटी का रेप किया गया और हत्या कर दी गई। अब मेडिकल कॉलेज प्रशासन सच्चाई को छिपाने का प्रयास कर रही है। घटना पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महिला के माता-पिता को फोन किया और उन्हें दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
पिता ने लगाए आरोप…
पीड़िता के पिता ने कहा, ‘मैं इस बात से बिल्कुल आश्वस्त हूं कि मेरी बेटी की हत्या करने से पहले उसके साथ बलात्कार किया गया है। उसके शरीर पर चोट का निशान इसका साक्ष्य है। वह अर्ध निर्वस्त्र अवस्था में मिली है। सच को छिपाने का प्रयास किया जा रहा है। मैं नहीं समझ पा रहा हूं कि वे (अस्पताल अधिकारी) जांच में विलंब क्यों कर रहे हैं।’ अस्पताल की एक चिकित्सक ने नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर कहा, ‘उन्होंने रात करीब दो बजे अपने जूनियर्स के साथ भोजन किया। चूंकि वहां कोई अलग से आराम करने के लिये कमरा नहीं है इसलिए वह सेमिनार रूम में चली गईं।’ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘शव के गाल, नाक, होठ, भौंहों के बीच और गर्दन पर खरोंच के निशान हैं। इन निशानों से पता चलता है कि वहां संघर्ष हुआ था।’
डॉक्टर्स ने छोड़ा काम…
इधर आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पीजीटी चिकित्सकों ने दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हुए इमरजेंसी वॉर्ड को छोड़कर सभी विभागों में काम करना बंद कर दिया है। कई छात्र संगठनों ने महिला चिकित्सक की मौत की त्वरित जांच की मांग को लेकर रैली निकाली। विधायक अग्निमित्र पॉल सहित कई विपक्षी भाजपा नेताओं ने भी अस्पताल का दौरा किया और मजिस्ट्रेट से स्वतंत्र जांच कराने की मांग की। असोसिएशन ऑफ हेल्थ सर्विस डॉक्टर्स के वरिष्ठ सदस्य डॉ. मानस गुमटा ने आरोप लगाया कि मामले को ‘दबाने’ की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह अप्रत्याशित है, और बंगाल में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि अब तथ्यों को दबाने और इसे आत्महत्या का मामला बनाने की कोशिश की जा रही है।
ऐसे बढ़ता गया मामला…
शव मिलने के बाद पीजीटी, प्रशिक्षु, हाउस स्टाफ और एमबीबीएस छात्रों ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए नहीं ले जाने दिया, जब तक कि पोस्टमार्टम और जांच के लिए तय की गई शर्तें पूरी नहीं हो गईं। वहीं, राजनीतिक दलों सहित विभिन्न संगठनों ने भी मौत का विरोध करने के लिए मेडिकल कॉलेज में धावा बोल दिया। आखिरकार शाम करीब साढ़े पांच बजे शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया जा सका। एक पीजीटी ने कहा, ‘हमें शक की बू तब आई, जब कॉलेज प्रशासन ने इसे आत्महत्या का मामला मानने की कोशिश की, जबकि यौन शोषण और हत्या के सभी संकेत मिल रहे थे। हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे, जब तक हमें यकीन नहीं हो जाता कि सही तरह की जांच और पोस्टमार्टम किया गया है।’
डरीं दूसरी महिला डॉक्टर्स…
कई महिला पीजीटी और एमबीबीएस छात्राओं ने कहा कि वे असुरक्षित महसूस कर रही हैं। एमबीबीएस की एक छात्रा ने कहा, ‘इस घटना ने हमें डरा दिया है। अगर एक सीनियर के साथ ऐसा हो सकता है तो हम परिसर के अंदर कैसे सुरक्षित महसूस कर सकते हैं?’
पहले भी विवादों में रहा मेडिकल कॉलेज…
सरकार से संचालित मेडिकल कॉलेज कई बार गलत कारणों से चर्चा में रहा है, जिसके कारण कुछ छात्रों ने प्रिंसिपल को हटाने की मांग की थी। दो बार तबादला किए जाने के बावजूद प्रिंसिपल संदीप घोष को दोनों बार बहाल कर दिया गया। आखिरी विवाद मानिकतला स्थित बॉयज हॉस्टल में स्नातक छात्रों की रैगिंग को लेकर था।
बनाई गई कमिटी पर उठे सवाल…
‘घटना की जांच के लिए गठित 11 सदस्यीय आंतरिक जांच पैनल में दो इंटर्न हैं जो रैगिंग मामले में आरोपी हैं। दोनों प्रिंसिपल के करीबी हैं। हम कैसे भरोसा कर सकते हैं कि यह समिति घटना की निष्पक्ष जांच करेगी,’ एक जूनियर डॉक्टर ने कहा। निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए मेडिकल सर्विस सेंटर, सर्विस डॉक्टर्स एआईडीएसओ, वेस्ट बंगाल डॉक्टर्स फोरम और एएचएसडी समेत विभिन्न संगठनों के सदस्यों ने अस्पताल परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। बाद में डॉक्टरों के संयुक्त मंच ने भी आंदोलन में शामिल होकर कहा कि वे जांच के नतीजे से संतुष्ट होने तक विरोध जारी रखेंगे।
अमित मालवीय ने साधा निशाना…
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख और पश्चिम बंगाल में पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक अमित मालवीय ने ममता बनर्जी सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि कोलकाता के एक प्रमुख सरकारी अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। ड्यूटी रूम से उसका नग्न शव बरामद हुआ। ममता बनर्जी सरकार अपराध को छिपाने की कोशिश कर रही है। कोलकाता पुलिस को इसे आत्महत्या के रूप में दिखाने के लिए कहा गया है। मीडिया को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। पश्चिम बंगाल के चोपड़ा और संदेशखली घटनाओं के बाद यहां कोई महिला सुरक्षित नहीं है।