करोड़पति कारोबारी को महिला कर्मचारी ने झूठे रेप केस में फंसाया, मांगे 5 करोड़ रुपये
गाजियाबाद के एक करोड़पति कारोबारी पर उनकी महिला कर्मचारी द्वारा फर्जी रेप का मुकदमा दर्ज करवाया गया। जिसकी वजह से कारोबारी को तीन महीने से ज्यादा जेल में समय बिताना पड़ा। इस घटना में शामिल पुलिसकर्मियों पर भी सवाल उठे हैं, जिन्होंने कारोबारी की पत्नी से धाराएं कम करने के नाम पर 32 लाख रुपये वसूले।
मामले में कारोबारी ने गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर से शिकायत की और निष्पक्ष जांच की मांग की। जांच में पता चला कि महिला कर्मचारी ने अपने गर्भपात करवाने के लिए रेप के झूठे आरोप लगाए थे, क्योंकि वह 22 सप्ताह की गर्भवती थी और भारतीय कानून के अनुसार रेप के मामलों में 24 सप्ताह तक का गर्भपात किया जा सकता है. महिला ने अपने बॉस से 5 करोड़ रुपये की मांग भी की थी।
फर्जी रेप केस में कारोबारी को फंसाया…
पुलिस की एसीपी जांच में कारोबारी पर लगाए गए सभी आरोप गलत पाए गए और उन्हें बरी कर दिया गया। गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर ने मामले की गहन जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया, जिसने 19 फरवरी 2024 को फाइनल रिपोर्ट दर्ज की। कोर्ट ने कारोबारी को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया।
आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी में सामने आया कि पुलिसकर्मियों की कार्यशैली में लापरवाही पाई गई। हालांकि, दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। कारोबारी ने चेतावनी दी है कि अगर दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे न्याय के लिए कोर्ट का रुख करेंगा।
तीन महीने बाद मिली जमानत…
बता दें, इस पूरे मामले में पहले दिल्ली के बुराड़ी थाने में बीती 4 फरवरी 2023 बिजनेसमैन के खिलाफ चार घटनाओं में आईपीसी की धारा 376 और 504 में महिला एम्पलाइज मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसमें उसने आरोप लगाए थे कि 10 मई 2022 वैशाली स्टेट कंपनी में काम के दौरान उसका बॉस उसे अपने क्लाउड नाइन समिति स्थित फ्लैट पर ले गया और वहां नशीली कोल्ड ड्रिंक पिलाकर बेहोश कर दिया। इसके बाद 16 जून 2022 को जब मैं बॉस के फ्लैट पर डिजाइन देने के लिए गई तो वहां हथियार दिखाकर रेप किया था।