भदोही के पूर्व विधायक उदयभान सिंह को गैंगस्टर एक्ट के मामले में 10 साल की सजा, एक लाख जुर्माना
भदोही। उत्तर प्रदेश के भदोही के पूर्व विधायक उदयभान सिंह को गैंगस्टर एक्ट के एक मामले में दोषी पाते हुए विशेष न्यायाधीश (एमपी एमएलए) अवनीश गौतम की अदालत ने दस साल कैद और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। सजा सुनाए जाने के बाद उदयभान को जेल भेज दिया गया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जेल में बिताई गई अवधि सजा की अवधि में समायोजित की जाएगी।
साल 1999 में भदोही में हुए तिहरे हत्याकांड में उसे उम्रकैद की सजा हो चुकी है और फिलहाल वह सुप्रीम कोर्ट से मिली सशर्त जमानत पर बाहर था। अदालत ने आदेश में कहा कि अभियोजन यह सिद्ध करने में सफल रहा कि उदयभान का मीरजापुर के सेमरा गांव में गिरोह है। वह अपराध के जरिए आर्थिक, भौतिक व अन्य लाभ लेता है। अभियोजन की ओर से एडीजीसी विनय कुमार सिंह ने पैरवी की।
उदयभान के खिलाफ शिवपुर थाने में 13 जुलाई 2005 को तत्कालीन थाना प्रभारी आदित्य कुमार ने गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि विनीत सिंह का संगठित गिरोह है और उदयभान, संतोष गुप्ता उर्फ किट्टू व प्रदीप उर्फ सीओ उसके सदस्य हैं। सेंट्रल जेल में बंद रहने के दौरान विनीत सिंह और उदयभान सिंह के उकसाने पर 13 मई 2005 को संतोष गुप्ता उर्फ किट्टू व प्रदीप उर्फ सीओ ने अनुराग त्रिपाठी उर्फ अन्नू की गोली मारकर हत्या कर दी।
इससे पहले पांच मार्च 2005 को वाराणसी कोर्ट से नैनी जेल ले जाते समय गोपीगंज बाजार के पूरब फिलिया पुल के पास अन्नू त्रिपाठी पर सुशील सिंह ने फायरिंग की थी। यह साजिश विनीत सिंह और उदयभान ने रची थी। हमले में सरकारी वाहन चालक की मौत हो गई थी जबकि अन्नू त्रिपाठी घायल हुआ था। उदयभान के खिलाफ भदोही में हत्या व अन्य मामलों में भी कई मुकदमे दर्ज हैं। अन्नू त्रिपाठी हत्याकांड में उदयभान के खिलाफ साक्ष्यों व गैंगचार्ट के साथ छह जुलाई 2006 को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया था।