सपा के पूर्व जिला महासचिव रमेश यादव और उनका शार्प शूटर ने किया अदालत में सरेंडर, जमानत हुई निरस्त, भेजे गए जेल
अब आया ऊँट पहाड़ के नीचे, भाजपा नेता लल्लू गुप्ता की मेहनत रंग लाई, छः वर्ष तक अथक प्रयास के बाद जानलेवा हमले के आरोपियों के घमंड को नेस्तनाबूत करके उन्हें कानून के शिकंजे में लाकर अपाराधियों और पुलिस के बीच पके हुए पुलाव में डाल दिया जहर…
प्रतापगढ़। भारत रत्न व देश के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित अटल बिहारी वाजपेयी की कविता “हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा” को स्मरण कर भाजपा नेता लल्लू गुप्ता हार नहीं मानी और अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और ईश्वर के प्रति पूरी निष्ठा मन में जगाकर अपनी कानूनी लड़ाई को विगत छः वर्षो से अनवरत लड़ते रहे और इस लड़ाई में उन्हें बहुत नुकसान उठाना पड़ा। दो बार हाईकोर्ट की शरण में जाना पड़ा और तब जाकर उन्हें आज न्याय मिला। जबकि कोहड़ौर पुलिस जानलेवा हमले के मुकदमें में फाइनल रिपोर्ट लगाकर आरोपियों को अभयदान देने का कार्य किया था और लल्लू गुप्ता गोली खाने के बाद अपने ऊपर हुए कातिलाना हमले में न्याय की भीख मांगते रहे, परन्तु पुलिस ने उन्हें न्याय नहीं दिया।
भाजपा नेता लल्लू गुप्ता को अखिलेश सरकार में सपा नेता रमेश यादव और उनके दो शूटरों ने 16 अगस्त, 2016 को दिनदहाड़े गोली मार थी। किसी तरह उनकी जान बची थी। आज भी अभी तक उन्हें दवा का सेवन करना पड़ रहा है। फिर भी रिश्वतखोर कोहड़ौर पुलिस जानलेवा हमला और षड्यंत्र करने के आरोप में दर्ज मुकदमें में 2बार FR लगाया। पर कोर्ट ने उसे रद्द कर दिया। कोहड़ौर पुलिस के ऊपर न्यायालय के NBW वाले आदेश भी हवाहवाई साबित हो रहे हैं। अपराधियों को खुलेआम कोहंडौर पुलिस संरक्षण दे रही है। न्यायालय ने 10 जून, 2022 को NBW आदेश जारी किया, परन्तु 2 जुलाई हो गई फिर भी अपराधियों को पुलिस गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश नहीं किया। इससे कोहड़ौर थाना के थाना प्रभारी का दोहरा चरित्र उजागर हुआ है।
समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला सचिव रमेश यादव समेत उनके दो शार्प शूटरों के खिलाफ गैर जमानती वारंट कोर्ट ने 10 जून को जारी किया, परन्तु कोहड़ौर थाना प्रभारी और हल्का दरोगा के ऊपर उसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा और जानलेवा हमले के आरोपी को खुलेआम घूमने की छूट घूंसखोर कोहड़ौर पुलिस ने दे रखी थी। जिससे पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगता रहा। जानलेवा हमले के आरोपियों को पुलिस की यह छूट उसे हाईकोर्ट से स्थगनादेश लाने के लिए दे रखी थी। क्योंकि तीन आरोपियों में एक आरोपी अरुण है, जिनके नाम से जिला जज के यहाँ रिवीजन केस फाइल की गई, परन्तु उस रिवीजन केस को नोटिस जारी होने के बाद भी एडोकेसी के तहत नॉट प्रेस में वापस ले लिया गया और उक्त प्रकरण को आरोपियों द्वारा हाईकोर्ट में ले जाया गया और कोहड़ौर थाना प्रभारी को गिरफ्तारी के सम्बन्ध में स्थगनादेश का इंतजार था, ताकि आरोपी रमेश यादव को मदद पहुंचाई जा सके। परन्तु रमेश यादव का स्टार गर्दिश में चला गया और हाईकोर्ट खंडपीठ ने स्टे ऑर्डर देने से मना करते हुए रिट याचिका खारिज करते हुए सम्बन्धित अदालत में सरेंडर करने का निर्देश भी जारी कर दिया।
सबसे मजेदार बात यह है कि कोहड़ौर में थाना प्रभारी चाहे जो रहे, परन्तु सपा के पूर्व महासचिव रमेश यादव का टिप्पस सब पर भारी रहता है। न्यायालय के आदेश के बाद कोहड़ौर पुलिस जानलेवा हमले के आरोपी के प्रकरण में NBW जारी होने के बाद भी उन्हें गिरफ्तार नहीं करती, बल्कि उनकी रखवाली करती है। इसकी हकीकत जब खंगालने का प्रयास किया गया तो पता चला कि रमेश यादव जो लाखीपुर ग्राम पंचायत का कभी प्रधान हुआ करता था, वह थाने में मुखबिरी से लेकर क्षेत्र के कार्य में पुलिस की जेब गरम करवाता है और उसी की आड़ में अपनी जेब भी गरम कर लेता है। यही वजह है कि रमेश यादव के खिलाफ NBW जारी होने के बाद पुलिस उसकी मददगार बनी हुई है। सिर्फ कागजी कोरम और दिखाने के लिए दबिश दी जाती रही। न्यायालय ने कोहड़ौर पुलिस के उस FR को निरस्त कर दिया और जानलेवा प्रकरण में न्यायालय ने सीधे संज्ञान लेते हुए जानलेवा हमले और षड्यंत्र करने के आरोप को मान लिया और 28 मार्च, 2022 को अभियुक्तगण को हाजिर होने के लिए आदेश निर्गत किया। परन्तु आरोपीगण अदालत में हाजिर नहीं हुए।
तदोपरांत हाजिर न होने पर NBW जारी हुआ। परन्तु आज तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई। इसकी एक वजह और भी है। क्योंकि पूर्व विधायक सदर नागेन्द्र सिंह उर्फ़ मुन्ना यादव भी उसके मददगार रहे हैं। जबकि रमेश यादव भाजपा नेता लल्लू गुप्ता के ऊपर जानलेवा हमला कराने और घटना का षड्यंत्र करने का आरोपी है। न्यायालय उसके खिलाफ घटना घटित होने के छः साल बाद प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए NBW जारी किया है। फिर भी कोहड़ौर पुलिस उसे गिरफ्तार करके न्यायालय के समक्ष पेश नहीं कर रही है। इसकी वजह तो कोहड़ौर पुलिस ही बता सकती है। ऐसे ही अपराधियों के हौसले बुलंद होते हैं। पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं और पीड़ित लल्लू गुप्ता का आरोप है कि उसके ऊपर जानलेवा हमले के आरोपियों को रिश्वतखोर कोहड़ौर पुलिस हाईकोर्ट से स्थगनादेश लाने में मददगार बनती नजर आ रही है। इस बात का खुलासा स्वयं पीड़ित लल्लू गुप्ता ने किया। भाजपा नेता लल्लू गुप्ता आज बहुत प्रसन्न हुए, क्योंकि उनके ऊपर जानलेवा हमले की साजिशकर्ता रमेश यादव एवं एक शार्प शूटर विष्णु हरिजन उर्फ रिंकू को अदालत ने उनकी जमानत अर्जी खारिज करके दोनों को जेल भेज दिया। अभी एक शूटर अरुण कुमार फरार बताया जा रहा है।