डेंगू से हेड कांस्टेबल की हुई मौत: पांच दिन में तोड़ा दम; आखिरी वक्त में प्लेटलेट्स रह गई थीं पांच हजार
गाजियाबाद में डेंगू जानलेवा होता जा रहा है। डेंगू की चपेट में आने से हेड कांस्टेबल की मौत हो गई है। मंगलवार को हेड कांस्टेबल ने निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया। शहीद नगर पुलिस चौकी पर तैनात हेड कांस्टेबल अजीत सिंह सोलंकी पिछले 5 दिनों से तेज बुखार से पीड़ित थे। उनका प्लेटलेट्स घटकर पांच हजार रह गई थी। जबकि मंगलवार को जनपद में डेंगू के 15 नए मरीजों की पुष्टि हुई है।
क्या है पूरा मामला…
साहिबाबाद थाना स्थित चौकी में तैनात हेड कांस्टेबल को तेज बुखार के बाद सोमवार को यशोदा अस्पताल कौशांबी में भर्ती कराया गया था। जांच के बाद अजीत की प्लेटलेट्स सिर्फ पांच हजार निकली। चिकित्सकों ने हेड कांस्टेबल का इलाज शुरू किया। मंगलवार की सुबह 10 बजे चिकित्सकों ने अजीत सोलंकी को मृत घोषित कर दिया। मूल रूप से बुलंदशहर के ग्राम झमका निवासी अजीत सिंह सोलंकी 2005 में पुलिस में बतौर सिपाही भर्ती हुए थे। इसके बाद प्रोन्नत होने पर वह हेड कांस्टेबल हो गए। जिला सर्विलांस अधिकारी डॉक्टर आरके गुप्ता का कहना है कि हेड कांस्टेबल को बुखार के साथ हाई बीपी और अन्य दूसरी बीमारी भी थी, जिसके कारण उनकी मौत हुई। स्वास्थ्य विभाग द्वारा मंगलवार को 15 नए डेंगू मरीजों की पुष्टि की गई है।
जिसके बाद जिले में डेंगू मरीजों की संख्या 1075 पहुंच गई है। जनपद में डेंगू का प्रकोप जारी है। प्रतिदिन 14 से 15 मामले सामने आ रहे हैं। जबकि लगातार संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जा रहा है। यहां तक कि अक्टूबर माह में डेंगू का प्रकोप कम होना शुरू हो जाता है, लेकिन इस बार चिकित्सकों की थ्योरी भी उल्टी पड़ती नजर आ रही है। लोग तेजी से डेंगू की चपेट में आ रहे हैं। मंगलवार को 4572 घरों में सर्वे करने के बाद 95 घरों में डेंगू का लार्वा पाया गया। जिसे मौके पर नष्ट किया गया।