शिवराज सिंह चौहान नहीं तो कौन होगा एमपी का अगला सीएम, रिजल्ट के बाद दिल्ली पहुंचे ये बड़े नेता
भोपाल। मध्य प्रदेश में 163 सीटों के साथ प्रचंड जीत के बाद अब मुख्यमंत्री कौन होगा? इन दिनों यह सवाल पूछे जाने का सिलसिला तेज हो गया है। एक ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुलकर बोल रहे हैं कि जो केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा, उन्हें स्वीकार होगा लेकिन अंदरखाने के विश्लेषक बता रहे हैं कि खुद सीएम शिवराज ने अपने विधायकों की खेमेबंदी शुरू कर दी है। शिवराज के अलावा प्रदेश में बंपर जीत हासिल करने वाले केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और नरेंद्र सिंह तोमर भी अब मजबूती से सीएम का चेहरा दिखने लगे हैं।
प्रहलाद पटेल ने अमित शाह से की मुलाकात…
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल नरसिंहपुर विधानसभा से जीते हैं। खास बात यह है कि जिले की सभी चारों सीटों पर भाजपा जीती है। कांग्रेस से 2 सीटें छीन लिया है। वे पिछड़ा वर्ग का बड़ा चेहरा हैं। जीत के दूसरे ही दिन वे शिवराज से मिलने की बजाए नई दिल्ली पहुंच गए, उन्होंने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलेंगे, ऐसी चर्चा है।
शिवराज के खिलाफ मुखर हुए कैलाश विजयवर्गीय…
इंदौर 1 विधानसभा सीट से जीते महासचिव कैलाश विजयवर्गीय अब खुलकर सीएम शिवराज के बारे में बोल रहे हैं। उन्होंने कहा है कि मोदी मैजिक के कारण हम मध्य प्रदेश जीते हैं, उन्होंने लाड़ली बहना योजना को भी नकार दिया। विजयवर्गीय नई दिल्ली में कई बड़े नेताओं से मिल रहे हैं। संघ के बड़े पदाधिकारियों से भी उन्होंने मुलाकात की है। बता दें कि इंदौर की सभी सीटें भाजपा ही जीती है।
नरेंद्र सिंह तोमर शांत दिख रहे…
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी दिल्ली रवाना हो रहे हैं। हालांकि सीएम बनने संबंधी कोई बयान सामने नहीं आया है। वैसे भी कूल स्वभाव के नेता माने जाते हैं, लेकिन उनके मन में भी कुछ तो चल ही रहा है। वे भी सीएम पद की रेस में शामिल हैं।
शिवराज भी सीएम पद की रेस में सबसे आगे…
मध्य प्रदेश में वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज पिछड़ा वर्ग के नेता है, जबकि प्रहलाद पटेल भी खुद ओबीसी हैं। लोकसभा चुनाव में जब देश की आधी से अधिक आबादी ओबीसी है, उसका फायदा भाजपा जरूर उठाना चाहेगी। हालांकि सीएम शिवराज की लाड़ली बहना के मैजिक के चलते ही मध्य प्रदेश में भाजपा बंपर सीटों से जीती है, केंद्रीय नेतृत्व इस बात को दरकिनार करके मुसीबत नहीं लेना चाहेगा।
क्यों इनका नाम आया सामने…
गौरतलब है कि भाजपा ने अपनी 39 प्रत्याशियों की दूसरी ऐसी सूची जारी की थी, जिसमें 7 सांसद और एक महासचिव का नाम था। इनमें से 2 को छोड़कर अधिकांश सीटें हारी हुई थी। इन 39 में से भाजपा 26 पर फतह हासिल की है। नरेंद्र सिंह तोमर ने मुरैना, प्रहलाद पटेल ने नरसिंहपुर, कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर जिले की पूरी सीटें जिताई हैं। सांसद केंद्रीय मंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते खुद निवास से हार गए और मंडला की तीन में से दो कांग्रेस के खाते में गईं, ऐसे में वे दौड़ से बाहर हैं।