जमीनी विवाद में एक भाई, दूसरे भाई के खून का प्यासा हो गया है, रिश्ते-नाते हो रहे हैं, तार-तार
समाजसेवी रोशन लाल का आरोप है कि यह विवाद दो भाईयों के बीच का है और उनकी बहन विन्दु देवी हैं, जिसकी वजह से इसमें उन्हें और उनके परिवार को घसीटा जा रहा है। क्योंकि प्रतापगढ़ विधायक राजेंद्र मौर्य के दबाव में यह मुकदमा लिखा गया है और उन्हीं के प्रभाव में मेडिकल मोयना कराकर गंभीर धारा में मुकदमा लिखाया गया है। विधायक प्रतापगढ़ के खिलाफ उनके द्वारा जो मुकदमा लिखाया गया है वह अब एमपी/एमएलए कोर्ट में ट्रायल चल रहा है और विधायक को डर है कि यदि उन्हें सजा हो गई तो उनकी विधायकी चली जायेगी। ये मुकदमा साजिशन लिखाया गया है। उन्हें न्याय पर भरोसा है। अंतत: जीत उन्हीं की होगी।
एक सप्ताह पूर्व हुई लाइव मारपीट में दोनों पक्ष के खिलाफ जानलेवा हमले जैसे गंभीर धाराओं में कोतवाली नगर में लिखा गया मुकदमा
प्रतापगढ़। कोतवाली नगर के चिलिबला में प्रयागराज-अयोध्या राष्ट्रीय राजमार्ग पर देर शाम अचानक एक ही परिवार के दो भाईयों में विवाद शुरू हुआ तो रुकने का नाम नहीं ले रहा था। चिलबिला के पट्टी मोड़ से पहले श्याम जी की दुकान है और उसी मकान में श्याम जी का परिवार रहता है। कुछ दूर पर छोटेलाल किराना नाम से दुकान है, जहाँ रामजी और उत्तम का परिवार रहता है। विवाद की वजह जमीनी विवाद है। रामजी और संतोष का जमीनी विवाद है। संतोष की पत्नी विन्दु देवी का आरोप है कि वह अपनी जमीन पर एक बोर्ड लगाई थी, जिसे रामजी जबरन उखाड़ रहे थे, जबकि रामजी का कहना है कि यह जमीन उन्होंने अपनी पत्नी के नाम बैनामा लिया है।
छोटेलाल उमर वैश्य के चार लड़के हैं। सबसे बड़े रामजी, दूसरे नम्बर पर श्याम जी और तीसरे नम्बर पर संतोष एवं चौथे नम्बर पर उत्तम हैं। सभी भाईयों का शादी-विवाह हो गया है और सभी के बाल बच्चे हैं। छोटे लाल जी बड़े ही सम्मानित ब्यापरियों में से एक थे और उन्होंने अपने तीसरे बेटे संतोष की शादी पड़ोस में ही शंकर लाल के बेटी विन्दु से बड़े ही धूमधाम से की थी। उस समय छोटेलाल का परिवार संयुक्त था। संतोष की शादी के बाद छोटेलाल के परिवार में कलह शुरू हुई और संतोष अपनी पत्नी को लेकर अलग हो गए। उसी के बाद से छोटेलाल के घर में अशांति पैदा हुई जो अब खत्म नहीं हो रही है।
फिलहाल छोटेलाल के चारो बेटे अब आपस में अलग-अलग रहते हैं और तीन बेटों रामजी, श्याम जी और उत्तम अलग रहते हुए भी आपस में भाईयों का प्रेम बना हुआ है, परन्तु संतोष के परिवार से इन तीनों भाईयों का मनमुटाव रहता है। वजह पारिवारिक सम्पत्ति का बंटवारा और तीन भाईयों की एकजुटता के साथ ब्यवसाय में उनकी सफलता एवं संतोष की असफलता ही प्रमुख वजह बनी हुई है जो अब घर के झगड़े को सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया है। विन्दु का मायका बगल में होने की वजह से मायका पक्ष का भी छोटेलाल के परिवार में दखल रहता रहा और इस बार मारपीट में खुलकर सामने आ गया है।
दोनों पक्ष में पहले सड़क से मारपीट शुरू हुई जो घर में घुसकर मारपीट होने लगी। दोनों तरफ से मेडिकल मोयना कराया गया और दोनों पक्ष से कोतवाली नगर में तहरीर देकर एक दूसरे के खिलाफ मुकदमा लिखाया गया। पहले मुकदमा रामजी उमरवैश्य सुत स्व० छोटेलाल, निवासी चिलबिला, थाना कोतवाली नगर, जनपद प्रतापगढ़ की तरफ से लिखाया गया। रामजी की तहरीर के मुताविक मारपीट की घटना दिनांक-23.09.2024 समय 10:20 बजे रात्रि की है। जबकि दूसरे पक्ष की तहरीर में संतोष ने घटना दिनांक-23.09.2024 समय 10:00 बजे रात्रि का बताया है। संतोष की तहरीर पर दिनांक- 28/09/2024 समय- 23:10 बजे कोतवाली नगर में मुकदमा दर्ज किया गया है।
रामजी का कहना है कि वह अपने भाई श्याम जी की दुकान पर अपनी गाड़ी से जैसे पहुंचा ही था तो पहले से घात लगाकर बैठे रोशन लाल, श्याम बाबू व विजय बाबू सुतगण शंकर लाल, आशीष, आदर्श सुतगण रोशन लाल, सूरज उमरवैश्य सुत दिनेश उमरवैश्य, अमन उमरवैश्य सुत राकेश, संतोष कुमार सुत स्व. छोटेलाल, बिन्दु देवी पत्नी संतोष कुमार, शोभित सुत संतोष कुमार समस्त निवासीगण चिलबिला, थाना कोतवाली नगर, जनपद प्रतापगढ़ सभी लोग एकराय होकर भद्दी-भद्दी गालियां व जान से मारने की धमकी देते हुए घसीटते हुए मारने पीटने लगे, तब हम अपनी जान बचाते हुए घर में आये तो यह लोग घर में घुसकर मारने लगे।
रामजी के विरोध करने पर उपरोक्त सभी लोग रामजी को जान से मारने की नियत से लोहे की राड व टाइल्स से उसके सिर पर हमला कर दिये, जिससे उसके सिर में गम्भीर चोटे आयी और वह बेहोश हो गया। रामजी के सहयोगी के हल्ला-गुहार मचाने पर उसके परिजन आये और बीच-बचाव करने की कोशिश किया एवं विरोध करने पर वो लोग लोहे की राड से मारने लगे, तब रोशन लाल और बिन्दु देवी ने यह धमकी दिया कि इस बार तो बच गये पर अगली बार जान से मार देंगे। जब बचाने के लिए रामजी का भतीजा अर्पित आया तो वे लोग लोहे की राड से उसको भी मारने लगे, जिससे रामजी के भाई श्याम जी की पत्नी और भतीजे को गम्भीर चोटे आ गयी।
घटना की सूचना पर स्थानीय पुलिस आयी और एम्बुलेन्स से जिला चिकित्सालय, प्रतापगढ़ भेजा गया, जिसके बाद वहां चिकित्सकों द्वारा रामजी व रामजी के परिजनों की हालत गंभीर देखते हुए सभी को स्वरूप रानी मेडिकल कालेज, प्रयागराज रिफर कर दिया गया। रामजी अपने तहरीर में लिखे हैं कि इलाज कराने के कारण समय से प्रार्थना पत्र नहीं दे सका, इसलिए आज दिनांक-24.09.2024 को प्रार्थना पत्र दिया है। रामजी का मुकदमा 27 सितमबर को लिखा गया तो संतोष का मुकदमा 28 सितम्बर को लिखा गया है। घटना घटित होने के चार दिन बाद पहला मुकदमा तो पांच दिन बाद दूसरा मुकदमा लिखा गया है। ऐसे मुकदमे को क्रास मुकदमा कहा जाता है।
विधायक प्रतापगढ़ राजेंद्र मौर्या ने समाजसेवी रोशनलाल के आरोप को वेवुनियाद और मनगठंत कपोल कल्पित बताया। दिनांक- 23/09/2024 की घटना दो भाईयों और उनके परिवार के बीच की थी और रोशन लाल व उनके भाई व भतीजे सहित बेटे भी मारपीट की घटना में शामिल थे। चूँकि चिलबिला की घटना थी और चिलबिला के हम भी रहने वाले हैं और रोशन लाल स्वभावतः फेंक आरोप लगाने के आदी हैं। सच बात तो यह है कि बहन की आड़ में रोशन लाल एक ब्यवसायी परिवार को बर्बाद करने पर तुले हैं।
उधर रामजी के छोटे भाई सन्तोष कुमार उमरवैश्य पुत्र स्व छोटेलाल उमरवैश्य भी घटना दिनांक- 23.09.2024 को रात्रि लगभग 10 बजे रामजी उमरवैश्य, श्यामजी उमरवैश्य, उत्तम सुतगण स्व छोटेलाल, पियूष, प्रिंस सुतगण रामजी, अनुज, अर्पित सुतगण श्यामजी एवं छोटू पाण्डेय पिता का नाम आज्ञात तथा तीन आज्ञात व्यक्तियों द्वारा एक राय होकर उनकी भूमि प्रयागराज-आयोध्या राष्ट्रीय राजमार्ग पर चिलबिला बाजार में घर से कुछ दूरी पर ही स्थित है, जिसमें लगा बोर्ड अचानक उखाड़ कर ले जाने लगे तो संतोष व उसकी पत्नी विन्दु देवी को जानकारी मिलने पर दोनों भाग कर स्थल पर आये व उनके इस वेजा हरकत को मना करने पर उक्त घटना घटित हुई।
घटना स्थल पर पहले से उपस्थित लोगों में से रामजी के द्वारा भद्दी-भद्दी गालियां देते हुए ललकारते हुए कहा गया कि मार कर ढेर कर दो सालो को, जिन्दा न बचने पायें। इसके बाद उक्त लोग एक राय होकर हमलावर हो गये और संतोष व उसकी पत्नी विन्दु को श्याम जी की दुकान से नीलू पत्नी श्याम जी द्वारा लोहे की पाइप निकालकर देने पर श्याम जी ने राड से ही जानलेवा प्रहार कर दिया। अन्य लोग उसे गिराकर लात घूसो से भी मारना आरम्भ कर दिया, जिससे संतोष की पत्नी बेहोश होकर मरणासन्न स्थित में गिर पड़ी। मौके पर हल्ला-गुहार व चिल्लाहट सुनकर बचाने दौड़े संतोष के लड़के शोभित को भी उक्त लोगो ने भारी मार पीट कर चोंटे पहुंचाई।
पूरे नेशनल हाई-वे पर अफरा-तफरी मच गई। बाजार के लोग दुकाने बंद करके भागने लगे। बाजार के तमाम लोग व पास में दुर्गा पंडाल के लोगों के भी आ जाने से रामजी भागते समय अपनी गाड़ी से प्रार्थी की पत्नी को कुचलने का प्रयास किया तथा चिल्लाकर-चिल्लाकर कर कहा कि हमारे काम में बाधा बने तो पूरे परिवार को जान से मारकर खत्म कर दूंगा। संतोष अपनी चोटहिल पत्नी को बेहोशी की हालत में चोटहिल बच्चे के साथ इलाज कराने अस्पताल ले गया, जहां पे हालत स्थिर होने के बाद कोतवाली नगर में प्रार्थना दिया। फिलहाल कोतवाली नगर में संतोष की तहरीर पर भी मुकदमा लिखा लिया गया है। एक परिवार में दो भाईयों और उसके परिवार के बीच यह घटित हुई है।
पहले मुकदमा रामजी की तहरीर पर दिनांक- 27/09/2024 को शाम- 18:15 पर 10 लोगों के खिलाफ जानलेवा हमले सहित कई गंभीर धाराओं में मुकदमा लिखा गया। आरोपियों की सूची में सबसे पहला नाम समाजसेवी रोशनलाल का है। रोशनलाल की सगी बहन विन्दु देवी है, जिसकी शादी संतोष से हुई है। घटना स्थल की बात करें तो श्याम जी का घर और रोशनलाल का घर अगल-बगल है। रोशन लाल के छोटे भाई श्याम बाबू और विजय बाबू भी आरोपी हैं और रोशनलाल के दोनों पुत्र आशीष और आदर्श भी उक्त मुकदमें में नामजद हैं। दोनों पक्ष ब्यवसायी परिवार से है और चिलबिला सहित प्रतापगढ़ शहर में भी दोनों पक्ष की एक पहचान है।
सूरज उमरवैश्य सुत दिनेश उमरवैश्य, रोशनलाल के चचेरे भाई हैं और अमन उमरवैश्य सुत राकेश, रोशन लाल जी के सगे भतीजे हैं। संतोष कुमार सुत स्व. छोटेलाल, रोशल लाल जी के बहनोई हैं और बिन्दु देवी पत्नी संतोष कुमार, रोशन लाल जी की बहन है और शोभित सुत संतोष कुमार सगा भांजा है। उक्त मुकदमें में वांछित अभियुक्त हैं। कुल 9 गंभीर धाराओं में मुकदमा लिखा गया है। उधर संतोष की तहरीर पर रामजी उमरवैश्य, श्यामजी उमरवैश्य, उत्तम सुतगण स्व छोटेलाल, पियूष, प्रिंस सुतगण रामजी, अनुज, अर्पित सुतगण श्यामजी एवं छोटू पाण्डेय पिता का नाम आज्ञात तथा तीन आज्ञात व्यक्तियों पर मुकदमा लिखा गया है।
संतोष की तहरीर पर जो मुकदमा लिखा गया उसमें छ: धाराएं हैं, वही धाराएं रामजी के द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमें में है, पर राम जी के मदवार दराज कराये गए मुकदमें में 3 धाराएं गंभीर हैं जिनमें 7 साल से 10 साल तक की सजा का प्राविधान है। ऐसी दशा में रोशन लाल के पक्ष पर जानेलवा हमले का मुकदमा लिखा गया जो गैर जमानतीय है। बीएनएस सेक्शन- 109 के अनुसार हत्या का प्रयास करना एक बेहद ही गंभीर अपराध माना जाता है। जिसमें आरोपी व्यक्ति द्वारा किए गए अपराध के कारण किसी व्यक्ति की जान जाने की भी संभावना हो सकती है। इसलिए इस अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए ही इसे संज्ञेय व गैर-जमानती (Cognizable Or Non-Bailable) रखा गया है।