दिल्ली दंगा मामले में कपिल मिश्रा को बड़ी राहत, अगली सुनवाई तक कोर्ट ने जांच पर लगाई रोक
नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने फरवरी साल-2020 के दंगों में कथित भूमिका को लेकर दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा के खिलाफ आगे की जांच पर 21 अप्रैल तक रोक लगा दी है। स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने मिश्रा की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया, जिसके बाद मामले में नया मोड़ आ गया है।
जांच पर अस्थायी रोक…
स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने बुधवार को मिश्रा की याचिका पर सुनवाई के बाद जांच पर रोक लगा दी। अदालत ने शिकायतकर्ता मोहम्मद इलियास को नोटिस जारी कर 21 अप्रैल तक जवाब देने को कहा है। इससे पहले, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने एक अप्रैल को जांच की जरूरत बताई थी, क्योंकि मिश्रा उस समय इलाके में मौजूद थे।
दिल्ली पुलिस का विरोध…
दिल्ली पुलिस ने मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग का विरोध किया है। पुलिस का कहना है कि मिश्रा की दंगों में कोई भूमिका नहीं थी और उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है। पहले भी उनकी भूमिका की जांच हो चुकी है, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं मिला।
दिल्ली दंगों में क्या हुआ था…
24 फरवरी 2020 को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध के बाद उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा भड़की थी। इस हिंसा में 53 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए। यमुना विहार के मोहम्मद इलियास ने कपिल मिश्रा समेत पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर की मांग की है। इसमें मिश्रा के अलावा दयालपुर थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी, भाजपा विधायक मोहन सिंह बिष्ट और पूर्व भाजपा विधायक जगदीश प्रधान सहित पांच अन्य के खिलाफ मामला दर्ज करने का अनुरोध किया था
कपिल मिश्रा ने दी जांच को कानूनी चुनौती…
मिश्रा ने अपने खिलाफ जांच के आदेश को चुनौती देते हुए अदालत में याचिका दायर की। उनकी ओर से कहा गया कि यह आदेश गलत है। अदालत इस मामले के साथ दिल्ली पुलिस की याचिका पर भी सुनवाई कर सकती है, जो जांच पर सवाल उठाती है।