GDA ने अवैध कॉलोनी और ऑफिस को किया ध्वस्त उत्तरप्रदेशगाजियाबाद गाजियाबाद में जमकर गरजा बुलडोजर, GDA ने अवैध कॉलोनी और ऑफिस को किया ध्वस्त By Mahfooz Khan Last updated Feb 28, 2025 36 गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) ने अवैध रूप से विकसित की जा रही कॉलोनियों पर ध्वस्तीकरण अभियान बृहस्पतिवार को भी जारी रखा। प्रवर्तन टीम ने अटौर गांव में करीब छह बीघा भूमि पर विकसित की जा रही अवैध कॉलोनी पर बुलडोजर चलाया। वहीं, कार्यवाही की जद में आए कॉलोनाइजर का कार्यालय भी बुलडोजर से जमींदोज किया गया। यहां दीपक और जोगिंदर चौधरी द्वारा अवैध रूप से कॉलोनी विकसित की जा रही थी। प्राधिकरण की टीम ने कॉलोनी के भूखंड की बाउंड्रीवाल पर बुलडोजर चलाकर ध्वस्त किया। विरोध करने वालों को खदेड़ा… इसके साथ ही प्लॉट के लिए रास्तों पर टाइल से निर्मित सड़क व विद्युत पोल को बुलडोजर से उखाड़ दिया। कॉलोनाइजर ने अपने लोगों के साथ मिलकर जीडीए की ओर से की जा रही कार्यवाही का विरोध किया, लेकिन अधिकारी व कर्मचारियों के साथ सचल दल एवं पुलिस बल ने विरोध करने वालों को मौके से बलपूर्वक खदेड़ दिया। निगम ने कराई सात करोड़ की भूमि कब्जा मुक्त… नगर निगम ने मोहन नगर जोन के अर्थला और सिटी जोन के सद्दीक नगर में सात करोड़ की भूमि को कब्जा मुक्त कराया। नगर आयुक्त ने कब्जा करने वालों पर रिपोर्ट दर्ज कराने का आदेश दिया है। नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बताया कि संपत्ति प्रभारी पल्लवी सिंह निगम की टीम के साथ अर्थला की खसरा नंबर 1330 में 700 वर्ग मीटर भूमि पर पहुंची। यहां पर भूमि पर कब्जा कर निर्माण किया हुआ था। इस भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया। इसकी कीमत 3.50 करोड़ रुपये है। सद्दीक नगर में 1640 वर्ग मीटर भूमि को कब्जा हुआ था। इसकी काफी दिन से शिकायत मिल रही थी। भूमि की पैमाइश कर कब्जा मुक्त कराया गया है। इसका खसरा नंबर 307, 316, 317 है। इसकी कीमत लगभग साढे तीन करोड़ रुपये हैं। कब्जा मुक्त कराई गई भूमि पर निगम का बोर्ड लगाया जाएगा। इसकी तारबंदी कराई जाएगी। जिससे लोग दोबारा से इस पर कब्जा न कर सकें। कर्मचारियों के हित में कार्य करना निगम की प्राथमिकता… नगर आयुक्त ने नगर निगम कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। नगर आयुक्त द्वारा बताया गया कि निगम में कार्य कर रहे सभी कर्मचारियों का समय से वेतन का भुगतान, मृतक आश्रितों की नियुक्ति, मेडिकल भुगतान और रिटायर हुए कर्मचारियों की देयता का भुगतान निगम की प्राथमिकता है। उनके पुराने मामलों को सुलझाया गया है। विभागीय अधिकारियों को भी सभी कर्मचारियों के हितों में नियम अनुसार काम करने के निर्देश दिए गए हैं। समाचार 36 Share