मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में बड़ा फर्जीवाड़ा, तीन बच्चों का पिता निकला दूल्हा, सीडीओ ने पड़कर पुलिस को सौंपा
अमरोहा में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ में आया है। सामूहिक विवाह में शादी करने के लिए तीन बच्चों का बाप भी पहुंच गया। उसने युवती संग शादी की और अतिथियों से आशीर्वाद भी लिया। विवाह संपन्न होने पर अधिकारियों को जब पूरे मामले की जानकारी हुई तो हड़कंप मच गया। आनन-फानन में सीडीओ ने संबंधित ग्राम पंचायत सचिव को निलंबित करने के साथ ही दूल्हा-दुल्हन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने का निर्देश जारी किया। वहीं, शादी के दौरान वर-वधू के रूप में दिए गए उपहार को वापस ले लिया गया है।
अमरोहा के गजरौला में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह के आयोजन में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। यहां दूल्हा नहीं पहुंचा तो, युवती की शादी एक शादीशुदा शख्स के साथ करा दी गई, जिसके तीन बच्चे भी हैं। योजना का लाभ लेने के लिए क्षेत्र के एक गांव निवासी किसान ने अपनी बेटी की शादी के लिए आवेदन किया था। शनिवार को योजना के तहत उसकी विवाह की रस्में भी पूरा करा दी गईं। कार्यक्रम में युवती की शादी सलेमपुर गांव निवासी कपिल के साथ करा दी गई, जबकि कपिल पहले से शादीशुदा है और परिवार में पत्नी व तीन बच्चे भी हैं।
शादी की रस्म पूरी होने के बाद हुआ खुलासा…
शादी की रस्म अदायगी पूरी होने के बाद फेरे लेते समय फर्जी दूल्हे के किसी परिचित ने उसको पहचान लिया जिसके बाद मामले की शिकायत सीडीओ अश्वनी कुमार मिश्रा से कर दी। प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए सीडीओ ने तत्काल जांच कराई। जिसमें शिकायत सही पाई गई। सीडीओ ने बताया कि युवती की शादी जिस लड़के से होनी थी, वह नहीं पहुंचा। इसके बाद उसके परिजनों ने कपिल को बैठाते हुए जानबूझकर विवाह करा दिया। उन्होंने बताया कि युवती के बयान दर्ज करते हुए फर्जीवाड़े में शामिल आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। साथ ही सत्यापन प्रक्रिया पूरी करने वाली पंचायत सचिव पल्लवी भी कार्रवाई के दायरे में आ गई हैं। मूलरूप से आगरा में तैनात पंचायत सचिव अमरोहा में संबद्ध हैं। इसलिए निलंबन की कार्रवाई की संस्तुति करते हुए डीडीओ आगरा को पत्र लिखा गया है।
परिजनों की सहमति से हुए फेरे…
विभागीय जांच के अनुसार युवती ने परिजनों की सहमति से ही शादीशुदा युवक के साथ फेरे लिए। युवती व परिजनों के अनुसार लड़के की तबीयत खराब होने के चलते वह नहीं आ सका. जिसके बाद योजना का अनुचित तरीके से लाभ लेने के लिए परिजनों ने कपिल को बैठा दिया, लेकिन शिकायत के बाद सारी पोल खुलने से परिजनों के मंसूबे नाकाम हो गए। मामले की शिकायत मिली थी। जिसकी तत्काल जांच कराए जाने पर शिकायत सही पाई गई है। मामले में पंचायत सचिव के निलंबन की संस्तुति की गई है। साथ ही शादी कपिल व युवती के विरुद्ध शासकीय धनराशि के आहरण, धोखाधड़ी तथा गलत तरीके से लाभ लेने के आरोप मे प्राथमिकी दर्ज कराने के आदेश जिला समाज कल्याण अधिकारी व बीडीओ को दिए गए हैं।
पंचायत सचिव पर लापरवाही बरतने का आरोप…
अश्वनी कुमार मिश्रा, सीडीओ ने गलत तरीके से योजना का लाभ लेने वाली युवती से सारा सामान वापस ले लिया गया है. साथ ही योजना के तहत दी जाने वाली राशि पर भी रोक लगा दी गई है। मामले में एडीओ समाज कल्याण को मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। जिला विकास अधिकारी सरिता द्विवेदी ने बताया कि सत्यापन करने वाली पंचायत सचिव पल्लवी पर योजना में जानबूझकर शिथिलता बरतने, शासकीय धनराशि का दुरुपयोग करने, उच्चाधिकारियों के आदेशों का पालन नहीं करने का आरोप है। जबकि पंचायत सचिव के द्वारा वेदी पर बैठे वर-वधू को सत्यापन करना चाहिए था, जो उनके द्वारा नहीं किया गया।