लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें चरण में 8 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में 1 जून को मतदाता ईवीएम की बटन दबाकर 904 उम्मीदवार की किस्मत का करेंगे, फैसला
सांतवें चरण के लिए 8 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 57 संसदीय क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों द्वारा 2105 नामांकन पत्र किए गए, दाखिल
साल- 2019 से साल- 2024 का चुनाव पूरी तरह से बदला हुआ है। 27 साल से पंजाब में बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाली अकाली दल इस बार अलग होकर चुनाव लड़ रही है। लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में 1 जून को उत्तर प्रदेश की 13 सीटों पर मतदान होना है। बिहार से लेकर यूपी तक में सियासी समीकरण बदले हुए हैं, तो बंगाल में ममता बनर्जी को अपनी सीटें बचाए रखने की चुनौती है।
लोकसभा का आखिरी चरण तय करेगा सत्ता की कुर्सी, जानें 8 राज्यों की 57 सीटों पर किसका पलड़ा भारी
लोकसभा चुनाव अब फाइनल और अंतिम दौर में पहुंच चुका है। लोकसभा चुनाव के सातवें चरण में आठ राज्यों की 57 सीटों पर एक जून को वोटिंग है। इस फेज में 904 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर लगी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाराणसी सीट पर परीक्षा होनी है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के सियासी वारिस माने जाने वाले अभिषेक बनर्जी की डायमंड हार्बर और लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती की पाटलिपुत्र सीट पर इम्तिहान होगा।लोकसभा चुनाव के सातवेंव अंतिम चरण में 57 सीटों पर चुनाव है। इसमें बिहार, चंडीगढ़, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल की सीटों पर चुनाव होगा।
उत्तर प्रदेश की 13 सीटों पर 144 प्रत्याशी मैदान में हैं। बिहार की आठ सीटों पर 134 उम्मीदवार एक दूसरे के सामने ताल ठोक रहे हैं। ओडिशा की 6 सीटों पर 66, झारखंड की 3 सीटों के लिए 52, हिमाचल प्रदेश की 4 सीटों के लिए 37, पश्चिम बंगाल की 9 सीटों के लिए 124 और चंडीगढ़ की एक सीट पर 19 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। देखना होगा कि 1 जून को होने वाले चुनाव में मतदाता किसे अपनी पहली पसंद बनाता है और किसे नापसंद करता है। चुनाव प्रचार में अभी दो दिन शेष हैं। उम्मीदवार और उनकी पार्टी के स्टार प्रचारक जी जान से चुनावी जीत के लिए दिनरात एक कर मतदाताओं से अपने पक्ष में वोट देने की अपील कर रहे हैं।
सातवें चरण में सियासी समीकरण साधने में जुटे हैं, पार्टिया
सातवें चरण की जिन 57 सीटों पर एक जून को चुनाव है। साल- 2019 में उन सीटों पर बीजेपी का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा। पिछले चुनाव में इन 57 सीटों में से बीजेपी ने 25 सीटें जीती थीं, तो कांग्रेस को सिर्फ 8 सीटों से संतोष करना पड़ा था। इसके अलावा जेडीयू को 3 सीटें मिली थीं, तो अपना दल (एस) दो सीटें, शिरोमणि अकाली दल 2 सीटें, आम आदमी पार्टी एक, बीजेडी 2, जेएमएम एक सीट और टीएमसी 9 सीटें जीतने में सफल रही थी। बीजेपी नेतृत्व वाला एनडीए 32 सीटें जीतने में कामयाब रहा, जबकि यूपीए को 9 सीटें ही मिलीं और अन्य दलों को 14 सीटें मिली थीं।
साल- 2019 से साल- 2024 का चुनाव पूरी तरह से बदला हुआ है। 27 साल से पंजाब में बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाली अकाली दल इस बार अलग होकर चुनाव लड़ रही है। इतना ही नहीं पंजाब में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी अलग-अलग चुनावी मैदान में है। पंजाब की सत्ता में आम आदमी पार्टी है, जिसके चलते उसे इस बार अपनी सीटें बढ़ने की उम्मीद दिख रही है। इसी तरह हिमाचल की सत्ता में इस बार कांग्रेस काबिज है, जिसके चलते बीजेपी के लिए क्लीन स्वीप करना आसान नहीं है। बिहार से लेकर यूपी तक में सियासी समीकरण बदले हुए हैं, तो बंगाल में ममता बनर्जी को अपनी सीटें बचाए रखने की चुनौती है।
यूपी की 13 सीटों पर फंसी हुई है, 144 प्रत्याशियों की सांसे
लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में 1 जून को उत्तर प्रदेश की 13 सीटों पर मतदान होना है। महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट शामिल हैं। ये सभी 13 सीटें पूर्वांचल क्षेत्र की हैं। साल- 2019 के चुनाव में बीजेपी 13 में से 9 सीटें जीतने में कामयाब रही थी, जबकि दो सीटें उसके सहयोगी अपना दल (एस) ने जीती थीं और दो सीटें बसपा को मिली थीं। बसपा ने गाजीपुर और घोसी सीटें जीती थीं, तो अपना दल (एस) ने मिर्जापुर और राबर्ट्सगंज जीती थी।
इस बार बीजेपी अंतिम चरण की 13 में से 10 सीट पर चुनाव लड़ रही है और तीन सीट पर सहयोगी दल हैं। अपना दल (एस) दो सीट पर, तो ओम प्रकाश राजभर की पार्टी एक सीट पर चुनाव लड़ रही है। वहीं, इंडिया गठबंधन की तरफ से सपा 9 सीट और कांग्रेस 4 सीट पर चुनावी किस्मत आजमा रही है। बसपा सभी 13 सीट पर चुनाव लड़ रही है। इस चरण का चुनाव पूरी तरह से जातीय बिसात पर होता नजर आ रहा है, जिसमें ओबीसी वोटों के लिए भी सियासी खींचतान है। इसके अलावा बसपा के दलित वोट बैंक को भी साधने की कवायद बीजेपी और सपा दोनों ही कर रही हैं। पूर्वांचल के जातीय समीकरण को साधने में जो सफल रहेगा, उसके लिए सियासी राह आसान हो सकती है।
उत्तर प्रदेश में कई दिग्गजों की किस्मत दांव पर
यूपी में सातवें चरण की हाई प्रोफाइल सीटों की बात करें तो इनमें पीएम मोदी की वाराणसी, चंदौली में डॉ महेंद्र नाथ पाण्डेय, अभिनेता सांसद रवि किशन की गोरखपुर, बलिया में नीरज शेखर तो मिर्जापुर में अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल की सीट शामिल हैं। आपको बता दें कि इन 13 सीटों में से 11 पर भाजपा गठबंधन को साल 2019 में जीत मिली थी। गाजीपुर और घोसी सीट पर विपक्षी दलों ने कब्जा जमाया था। इसके अलावा बलिया सीट पर भी इस बार कांटे की टक्कर मानी जा रही है।