दरोगा बना लुटेरा, ज्वैलरी व्यापारी से की 42 लाख की लूट
वाराणसी में चौकी इंचार्ज ने 42 लाख की लूट को अंजाम दिया। मामले का जब खुलासा हुआ तो पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। पुलिस ने दरोगा सूर्यप्रकाश पांडेय समेत अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पूरा मामला थाना रामनगर के हाइवे का है, जहां वाराणसी के नादेसर चौकी पर तैनात चौकी इंचार्ज सूर्यप्रकाश पांडेय ने अपने अन्य साथियों के साथ ज्वेलरी व्यापारी के 42 रुपये लूट लिए। पीड़ित व्यापारी ने थाना रामनगर में शिकायत दर्ज कराई। मामला बड़ा था तो पुलिस ने जांच करनी शुरू की। जांच और सीसीटीवी फुटेज से जब पहली तस्वीर सामने आई तो परत दर परत पूरा मामला खुलता चला गया। चौकी इंचार्ज सूर्यप्रकाश पांडेय से तीन दिन तक कड़ी पूछताछ चली। तीन दिन के बाद जब मामला खुला तो सच सामने आया है और लूट की पूरी कहानी खुल गई।
दरअसल 22 जून को वाराणसी के नीचीबाग बाग स्थित ज्वैलरी व्यापारी वाराणसी से कोलकत्ता अपने कर्मचारियों से 93 लाख की रकम भेज रहा था। दो कर्मचारी यह रकम लेकर बस से जा रहे थे, जिसकी सूचना चौकी इंचार्ज सूर्य प्रकाश पांडेय को हुई और उसने लूट का प्लान बनाया। चौकी इंचार्ज सूर्यप्रकाश पांडेय ने दो अन्य लोगों को लूट के प्लान में शामिल किया। बस में पहले से ही अपने एक आदमी को बैठा दिया। बस जैसे ही हाइवे पर पहुंची, वैसे ही चौकी इंचार्ज ने वर्दी में और एक अन्य लुटेरे अपने आपको क्राइम ब्रांच का अफसर बताकर बस रुकवाई. कैश लेकर दोनों कर्मचारियों को बस से उतार दिया। हवाला का पैसा बताकर 93 लाख में से 42.50 लाख रख लिए और 50 लाख लौटा दिए।
लूटकांड की बार-बार ले रहा था अपडेट…
डीसीपी गौरव बंसले ने बताया, ‘दोनों कर्मचारियों ने कारोबारी को फोन लगाया और पूरी वारदात बताई। यह भी बताया कि एक व्यक्ति पुलिस की वर्दी में था और दो व्यक्ति सिविल ड्रेस में थे. सूचना मिलते ही कारोबारी रामनगर थाने पहुंचा लेकिन पुलिस ने ऐसी किसी कार्रवाई से इनकार कर दिया। ऐसे में कारोबारी में अपने दोनों कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। घटनास्थल चंदौली जिले का था, इसलिए वाराणसी पुलिस ने केस चंदौली पुलिस को ट्रांसफर कर दिया। चंदौली पुलिस को जांच में एक नंबर हाथ लगा। जब उस नंबर को ट्रेस किया तो वह दरोगा सूर्यप्रकाश पांडेय का निकला। चंदौली पुलिस ने वाराणसी कमिश्नर मोहित अग्रवाल को सूचना दी। फिर स्पेशल टीम जांच में लगाई गई।
जांच में सामने आया कि सूर्यप्रकाश रामनगर और सैय्यदरजा थाने से लूटकांड की बार-बार अपडेट ले रहा था। ऐसे में जांच टीम का शक और गहरा गया। सोमवार दोपहर नदेसर चौकी की टीम सूर्यप्रकाश के घर पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया। सूर्यप्रकाश से कमिश्नर की निगरानी में पूछताछ की गई तो उसने अपने अन्य साथियों के नाम बताए. दरोगा के पास से पुलिस को कुल 8.5 लाख रुपये बरामद हुए हैं। वाराणसी कमिश्नरेट ने पूरे मामले का खुलासा किया। लूट के मामले में दो लुटेरों को मीडिया के सामने पेश किया लेकिन दारोगा सूर्यप्रकाश पांडेय को पूछताछ के बहाने पेश नहीं किया। चौकी इंचार्ज के पद पर तैनात होते हुए लूट को अंजाम देने वाले दरोगा को पुलिस मीडिया के सामने आने से बचाती हुई दिखी। इस मामले में पूरी कहानी सूर्यप्रकाश पांडेय ने ही लिखी।