आईये जाने प्रतापगढ़ संसदीय क्षेत्र में कौन कर रहा है, सांसद संगम लाल गुप्ता का विरोध
प्रतापगढ़ में भाजपा उम्मीदवार का विरोध जनता में कम और पार्टी के भीतर राजनीतिक प्रतिद्वंदी जनप्रतिनधियों और उनके समर्थकों में अधिक है…
प्रतापगढ़। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की, जिसमें प्रतापगढ़ संसदीय क्षेत्र से वर्तमान सांसद संगम लाल गुप्ता पर पुनः भरोसा जताते हुए उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है। भाजपा शीर्ष नेतृत्व के इस निर्णय इस निर्णय से उन लोगों के मंसूबो पर पानी फिर गया जो स्वयं उम्मीदवार होना चाहते थे। एक तरह से पार्टी का यह निर्णय अच्छा रहा। क्योंकि वर्ष- 2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रतापगढ़ संसदीय क्षेत्र सीट को गठबंधन दल अपना दल के पाले में दे दी और अपना दल द्वारा नामांकन के दौरान मुंबई के उद्योग पति कुंवर हरिवंश सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया था और रिकार्ड मतों से प्रतापगढ़ की जनता ने उन्हें जीत दिलाई थी। कुंवर हरिवंश सिंह पड़ोसी जनपद जौनपुर के रहने वाले हैं, परन्तु उन्होंने अपने जिले को न चुनकर प्रतापगढ़ संसदीय क्षेत्र चुना था। सच भी यही है कि जो काम प्रतापगढ़ के जनप्रतिनिधियों को बीस बरस करना चाहिए था, उसे कुंवर हरिवंश सिंह सांसद के रूप में किया।
वर्ष-2017 के विधानसभा चुनाव में अपना दल में दो फाड़ हो गया था और भाजपा ने एक रणनीति के तहत अपना दल में मां बेटी का विवाद कराराकर चुनाव आयोग में अपना दल को फ्रीज करा दिया और जवाहर लाल पटेल को संस्थापक अध्यक्ष बनकर अपना दल एस एक नए राजनीतिक दल का चुनाव आयोग में रजिस्ट्रेशन करा दिया और अनुप्रिया पटेल से गठबंधन कर प्रतापगढ़ और विश्वनाथगंज विधानसभा सीट अपना दल एस सहयोगी दल के खाते में दे दिया। इस तरह प्रतापगढ़ विधानसभा से संगम लाल गुप्ता और विश्वनाथगंज विधानसभा से डॉ आर के वर्मा को दिया गया। दोनों उम्मीदवार विजयी हुए। चूँकि डॉ आर के वर्मा अपना दल से लोकसभा चुनाव के साथ हुए उप चुनाव में विश्वनाथगंज विधानसभा से फ्रेंडली फाइट कर भाजपा के उम्मीदवार बृजेश सौरभ को मात दी थी और पहली बार विधायक निर्वाचित हुए थे। वह भी माँ-बेटी के झगड़े में बेटी अनुप्रिया पटेल के साथ रहे। इसलिए अनुप्रिया पटेल ने विश्वनाथगंज विधानसभा का टिकट डॉ आर के वर्मा को दिया और वह दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुए।
विधायक बनने के बाद संगम लाल गुप्ता का मन प्रतापगढ़ लोकसभा से चुनाव लड़कर संसद भवन, नई दिल्ली पहुँचने के लिए वेताब हो उठा और वह पार्टी शीर्ष नेतृत्व से सम्पर्क में रहते हुए लोकसभा चुनाव-2019 में अपना दल के सांसद कुंवर हरिवंश सिंह को झटका देकर स्वयं भाजपा से उम्मीदवार बन बैठे। एक तरह से गठबंधन सीट को गठबंधन से मुक्त कर भाजपा ने सनागम लाल गुप्ता को अपना उम्मीदवार बनाया। ये निर्णय लेने में पार्टी शीर्ष नेतृत्व को काफी समय लगा और नामांकन के समय सनाग्म लाल गुप्ता को अन्तोगत्वा टिकट देकर सारे दावेदारों को दरकिनार कर दिया था। संगम लाल गुप्ता विधायक रहते सांसद निर्वाचित हुए और पार्टी का शीर्ष नेतृत्व संगम लाल गुप्ता पर लोकसभा चुनाव- 2024 में पार्टी ने तीसरी बार विश्वास जताते हुए अपना उम्मीदवार बनाया है। बस यही निर्णय राजनीतिक प्रतिद्वंदिता रखने वाले को अखर रही है कि संगम लाल गुप्ता को ही भाजपा शीर्ष नेतृत्व अधिक तवज्जों देते हुए तीसरी बार टिकट क्यों दे दिया ? बस इसी बात का विरोध है जो निकल कर पोस्टर के जरिये आ रहा है।
भाजपा से टिकट के लिए जिन लोंगो ने दावेदारी की थी, उन्हें और उनके समर्थकों को सांसद संगम लाल गुप्ता रास नहीं आ रहे हैं। वो पचा नहीं पा रहे हैं कि पार्टी शीर्ष नेतृत्व बार-बार संगम लाल गुप्ता पर ही क्यों विश्वास जता रहा है। इसी बीच अलग-अलग क्षेत्रों से भाजपा उम्मीदवार सनागम लाल गुप्ता के विरोध की खबरें सामने आ रही हैं। विरोध के क्रम में अमरगढ़, गौरमाफी, ढकवा, रामगंज, आसपुर देवसरा समेत कई बाजारों में सांसद संगम लाल गुप्ता के खिलाफ पोस्टर चिपकाने की खबर सोशल मीडिया पर पोस्ट हुई। जबकि उधर जिले की रामपुरखास विधानसभा के बॉर्डर पर सांसद संगम लाल गुप्ता के उम्मीदवार बनने के बाद प्रथम आगमन पर उनके समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी से अगई में स्वागत समारोह कर एक तरह से शक्ति प्रदर्शन किया और विपक्ष सहित उन्हें संदेश दिया जो सांसद संगम लाल गुप्ता का विरोध कर रहे हैं।
सांसद संगम लाल गुप्ता पर भूमाफिया को संरक्षण देने का आरोप लगाकर क्षेत्र में पोस्टर चश्पा कर चुनावी समय में विरोध करने का तरीका निकाला गया है। सांसद संगम लाल गुप्ता पर आरोप है कि भूमाफिया अनिल गुप्ता ने सांसद संगम लाल गुप्ता के सहयोग से कृषि बीज गोदाम की भूमि व बिल्डिंग पर कब्जा कर किया है और अवैध निर्माण किया है। पोस्टर में बीज गोदाम के कर्मचारियों व क्षेत्रीय किसानों से गाली-गलौज करने का भी आरोप लगाया गया है। आगामी आम चुनाव में दांत खट्टा कर देने वाले भयंकर विरोध का दावा भी किया है। राजकीय कृषि बीज गोदाम बचाओ संघर्ष समिति के नाम से रात के अंधेरे में अज्ञात लोगो द्वारा यह पोस्टर लगाया गया है। यानि यह भी स्पष्ट है कि जो विरोध कर रहे हैं उनमें इतनी ताकत नहीं कि वह सामने से आकर विरोध कर सके। क्या वास्तव में सांसद सनाग्म लाल गुप्ता का विरोध इस कदर है कि वह क्षेत्र में भ्रमण कर अपना प्रचार न कर सके और उन्हें लोग सामने से भागने के लिए मजबूर करें। शायद नहीं !