Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण से पहले भाजपा ने जोर का झटका धीरे से दिया, सूरत ने निर्विरोध चुने गए भाजपा के मुकेश दलाल
सूरत। लोकसभा चुनाव- 2024 की मतगणना भले ही 4 जून को होगी, परन्तु भारतीय जनता पार्टी का खाता का श्रीगणेश आज ही हो गया है। सूरत से बीजेपी उम्मीदवार मुकेश दलाल को निर्विरोध चुना गया है। दरअसल, कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुम्भाणी का नामांकन रद्द होने के बाद बसपा समेत सभी आठ उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया। इसके बाद रिटर्निंग ऑफिसर ने मुकेश दलाल को विजेता घोषित किया।
कांग्रेस का मुख्य उम्मीदवार और वैकल्पिक उम्मीदवार के चार सेट में भरे नामांकन का खारिज होना कांग्रेस पार्टी के रणनीतिकारों के ज्ञान पर सवाल खड़ा करता है
इससे पहले सूरत लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुंभाणी का नामांकन पत्र रविवार को खारिज कर दिया गया। जिला चुनाव अधिकारी ने प्रथम दृष्टया प्रस्तावकों के हस्ताक्षर में विसंगतियां पाईं। सूरत से कांग्रेस के वैकल्पिक उम्मीदवार सुरेश पडसाला का नामांकन पत्र भी अमान्य करार दिया गया, जिससे विपक्षी पार्टी इस निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव मैदान से बाहर हो गई।
चुनाव अधिकारी सौरभ पारधी ने अपने आदेश में कहा कि कुंभाणी और पडसाला द्वारा सौंपे गए चार नामांकन फॉर्म को प्रस्तावकों के हस्ताक्षरों में प्रथम दृष्टया विसंगतियां पाए जाने के बाद खारिज कर दिया गया। उन्होंने कहा कि ये हस्ताक्षर असली नहीं लग रहे हैं। आदेश में कहा गया कि प्रस्तावकों ने अपने हलफनामों में कहा है कि उन्होंने फॉर्म पर खुद हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
अदालत का दरवाजा खटखटायेगी कांग्रेस
इस घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए कांग्रेस के वकील बाबू मंगुकिया ने कहा, ‘‘नीलेश कुंभाणी और सुरेश पडसाला के नामांकन पत्र खारिज कर दिए गए हैं। चार प्रस्तावकों ने कहा है कि फॉर्म पर उनके हस्ताक्षर नहीं हैं।” उन्होंने कहा कि अब हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार मुकेश दलाल के चुनाव एजेंट दिनेश जोधानी ने शनिवार को नामांकन पत्र पर आपत्ति जताई थी, जिसके बाद चुनाव अधिकारी ने कांग्रेस उम्मीदवार को अपना पक्ष रखने के लिए रविवार सुबह उपस्थित होने का समय दिया था।
कुंभाणी ने अपने जवाब में कहा कि प्रस्तावकों ने उनकी मौजूदगी में अपने हस्ताक्षर किए थे और उनके हस्ताक्षरों की जांच लिखावट विशेषज्ञ से कराई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि न्याय के हित में उनसे भी पूछताछ की जानी चाहिए। निर्वाचन अधिकारी ने प्रस्तावकों द्वारा प्रस्तुत शपथ पत्र और संबंधित साक्ष्यों पर विचार करने, प्रस्तावकों की पहचान और यह सुनिश्चित करने के बाद नामांकन पत्र खारिज करने का आदेश दिया कि उन्हें धमकी नहीं दी गई थी या वे दबाव में नहीं हैं। आदेश में कहा गया है कि कांग्रेस उम्मीदवार के वकील के अनुरोध पर जांच किये गए वीडियो फुटेज में भी प्रस्तावकों की उपस्थिति नहीं पाई गई।
जब उम्मीदवारों के प्रस्तावक ही मुकर गए तो नामांकन निरस्त होना ही था
भाजपा ने सूरत लोकसभा सीट पर मुकेश दलाल को मैदान में उतारा है। दलाल (63) भाजपा शासित सूरत नगर निगम की स्थायी समिति के पूर्व अध्यक्ष हैं और वर्तमान में पार्टी की सूरत शहर इकाई के महासचिव हैं। वहीं, भावनगर लोकसभा सीट से आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार उमेश मकवाणा और अमरेली लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार जेनी थुम्मर के नामांकन दोनों पक्षों को सुनने के बाद संबंधित चुनाव अधिकारियों द्वारा स्वीकार कर लिए गए। भाजपा ने दोनों उम्मीदवारों के फॉर्म पर आपत्ति जताते हुए दावा किया था कि उन्होंने अपने फॉर्म के साथ जमा किए गए हलफनामे में कुछ विवरण छिपाए हैं।
गुजरात में लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन है। कांग्रेस ने 26 में से 24 सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि आप भावनगर और भरूच सीट पर चुनाव लड़ रही है। यह बात सत्य है कि देश भर में लोकसभा चुनाव 2024 ही नहीं इसके पहले भी जितने उम्मीदवार चुनाव में नामांकन पत्र भरते हैं, वह किसी न किसी विशेषज्ञ से ही भरवाए जाते हैं और उम्मीदवार सिर्फ उस पर अपना हस्ताक्षर करके अपने दायित्वों की इतिश्री कर लेता है। यही नहीं एक उम्मीदवार कम से कम चार सेट में नामांकन भरता है और प्रत्येक सेट में प्रस्तावक अलग-अलग होते हैं। राजनीतिक दलों से जो नामांकन भरे जाते हैं, उनमें एक सेट के लिए दो प्रस्तावक लगते हैं।