Loksabha Election 2024: मुजफ्फरनगर सीट का राजनीतिक इतिहास, वहां का जातिगत समीकरण और चुनावी आंकड़ों की गुणा गणित
Loksabha Election 2024: उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से एक मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट है। आजादी के बाद हुए पहले लोकसभा चुनाव- 1952 में यह सीट अस्तित्व में आ गई थी। साल- 1952 के पहले लोकसभा चुनाव से लेकर साल- 1962 तक ये सीट कांग्रेस के खाते में ही रही। उसके बाद इस सीट पर लगातार दो बार कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया का कब्जा रहा। साल- 1977 से साल- 1991 तक ये सीट जनता दल और कांग्रेस के खाते में रही, लेकिन जब प्रदेश में राम मंदिर का मुद्दा गरमाने लगा तो इसका असर इस सीट पर भी देखने को मिला।
मुजफ्फरनगर की पांच विधानसभा सीटें- बुढ़ाना, चरथावल, मुजफ्फरनगर, खतौली और सरधना
साल- 1991 से साल- 1998 तक लगातार इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा रहा। साल- 1999 में यह सीट कांग्रेस के खाते में गई, जबकि 2004 में यह सीट समाजवादी पार्टी और 2009 में बहुजन समाज पार्टी के खाते में गई। आपको बता दें कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की इस सीट को जाटलैंड के नाम से भी जाना जाता है और साल- 2014 के मोदी लहर में इस सीट पर एक बार फिर से बीजेपी ने जीत का परचम लहराया।
मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट के अंतर्गत कुल 5 विधानसभा सीटें बुढ़ाना, चरथावल, मुजफ्फरनगर, खतौली और सरधना आती हैं। साल- 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में दो सीटें समाजवादी पार्टी, दो राष्ट्रीय लोकदल और एक सीट भारतीय जनता पार्टी के खाते में गई थी। आईये आपको बताते हैं कि किस जिले के अंतर्गत कौन सी विधानसभा सीटें आती हैं।
मुजफ्फरनगर लोकसभा में कुल मतदाताओं की संख्या
लोकसभा चुनाव में मुजफ्फरनगर सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 16 लाख, 85 हजार, 594 है। कुल मतदाताओं में पुरुष मतदाताओं की संख्या 9 लाख, 12 हजार, 745 महिला मतदाताओं की संख्या 7 लाख, 72 हजार, 733 और ट्रांसजेंडर के कुल 116 मतदाता शामिल हैं।
साल- 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डाले एक नजर
एक नजर पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालें तो। साल 2019 में हुए चुनाव में इस सीट पर बीजेपी के संजीव बालियान ने 5 लाख 73 हजार 780 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी तो वहीं राष्ट्रीय लोकदल के चौधरी अजित सिंह 5 लाख 67 हजार 254 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे, जबकि नोटा को 5 हजार 110 वोट मिले थे और वो तीसरे स्थान पर था।
साल- 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डाले एक नजर
साल 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखें तो इस सीट पर बीजेपी के संजीव बालियान ने 6 लाख 53 हजार 391 वोट हासिल कर पहली बार जीत दर्ज की थी, तो वहीं बहुजन समाज पार्टी के कादिर राणा 2 लाख 52 हजार 241 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे, जबकि समाजवादी पार्टी के वीरेंद्र सिंह को 1 लाख 60 हजार 810 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।
साल- 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डाले एक नजर
साल- 2009 में हुए लोकसभा चुनाव पर नजर डालें तो, बहुजन समाज पार्टी के कादिर राणा ने 2 लाख, 75 हजार, 318 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था तो वहीं आरएलडी की अनुराधा चौधरी 2 लाख, 54 हजार, 720 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रही थीं। जबकि समाजवादी पार्टी के ठाकुर संगीत सोम को 1 लाख, 6 हजार, 667 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।
इस बार त्रिकोणीय मुकाबला होने के हैं, आसार
मुजफ्फरनगर लोकसभा उत्तर प्रदेश की सीट नंबर-तीन है। ये मुस्लिम और जाट बहुल मानी जाती है, मगर गैर जाट ओबीसी मतदाता भी यहां निर्णायक भूमिका में है। गुड़ की मिठास वाले इस क्षेत्र में साल- 2009 में बीएसपी का पहली बार खाता खुला था और कादिर राणा हाथी के निशान पर चुनाव जीते थे। पिछले एक दशक से इस सीट पर बीजेपी के संजीव बालियान का कब्जा है। देश में आम चुनाव- 2024 का ऐलान हो चुका है। इस सीट पर बीजेपी ने तीसरी बार भी संजीव बालियान को प्रत्याशी बनाया है। सपा-कांग्रेस गठबंधन ने पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक पर दांव चला है। जबकि बीएसपी ने इस बार ओबीसी कार्ड यहां खेला है। बीएसपी ने दारा सिंह प्रजापति को उम्मीदवार घोषित किया है। इस हिसाब से बीजेपी, सपा और बीएसपी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार हैं।