Loksabha_Election_2024: आईये जाने शाहजहांपुर लोकसभा सीट का इतिहास, वहां का जातिगत समीकरण और चुनावी आंकड़ों की गुणा-गणित
Shahjahanpur loksabha 2024: उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से एक शाहजहांपुर लोकसभा सीट है। आपको बता दें कि शाहजहांपुर की लोकसभा सीट साल- 1962 में अस्तित्व में आई। शाहजहांपुर लोकसभा सीट के इतिहास की बात करें तो शुरुआती तीन चुनाव साल-1962 व 1967 में कांग्रेस के उम्मीदवार प्रेम कृष्ण खन्ना चुनाव जीतकर सांसद निर्वाचित हुए थे। साल-1971 में कांग्रेस के टिकट से जीतेन्द्र प्रसाद चुनाव जीते थे। लेकिन साल- 1977 में सरकार विरोधी लहर में कांग्रेस को यहां से हार का सामना करना पड़ा और जनता दल के उम्मीदवार सुरेन्द्र विक्रम ने कांग्रेस को परास्त किया था।
शाहजहांपुर लोकसभा सीट का संसदीय इतिहास
हालांकि 3 साल बाद साल- 1980 में जब देश में फिर चुनाव हुए तो कांग्रेस ने जीत के साथ वापसी की थी। साल- 1980 के बाद साल- 1984 में भी कांग्रेस के टिकट पर जितेंद्र प्रसाद ने जीत हासिल की। साल-1989 में भाजपा के उम्मीदवार सत्यपाल सिंह यादव ने चुनाव जीतकर भाजपा का कमल खिलाया था और साल-1991 में दूसरी बार भी कमल खिलाने में सफलता पाई थी। साल-1996 में सपा के राममूर्ति सिंह वर्मा ने खाता खोला था, परन्तु साल- 1998 में पुनः भाजपा के उम्मीदवार सत्यपाल सिंह यादव ने भगवा लहराकर जीत हासिल की थी।
साल- 1999 और साल- 2004 में हुए लोकसभा चुनाव की करें तो शाहजहांपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस के जितिन प्रसाद ने जीत हासिल की थी। साल- 2009 की बात करें तो सपा के मिथिलेश कुमार ने जीत का परचम लहराया था। वहीं अगर पिछले दो चुनावों की बात करें तो साल- 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी के कृष्णा राज ने जीत दर्ज की और साल- 2019 में बीजेपी के अरुण कुमार सागर ने इस सीट पर जीत का परचम लहराया।
शाहजहांपुर लोकसभा में कुल 6 विधानसभा सीटें
शाहजहांपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की कुल 6 सीटें आती है। शाहजहांपुर जिले की कटरा, जलालाबाद, तिलहर, पुवायां, शाहजहांपुर और ददरौल विधानसभा सीटें शाहजहांपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती हैं। वहीं साल- 2017 के बाद से भाजपा ने लगभग सभी चुनाव में जीत हासिल की है। सभी छः विधानसभा सीटों पर भाजपा के विधायक हैं। साल- 2022 के विधानसभा चुनाव में इन सभी सीटों पर बीजेपी ने जीत का परचम लहराया था। वहीं, अगर लोकसभा चुनाव की बात करें तो साल- 2014 और साल- 2019 के लोकसभा चुनाव में भी इस सीट पर बीजेपी का कमल खिला था।
लोकसभा चुनाव में भाजपा हैट्रिक लगाने का दावा कर रही है। अरुण सागर भाजपा से दूसरी बार मैदान में हैं। वहीं 5 जनवरी को भाजपा विधायक मानवेंद्र सिंह के निधन के बाद ददरौल में हो रहे उपचुनाव की स्थिति भी कम रोचक नहीं है। भाजपा ने मानवेंद्र सिंह के बेटे अरविंद पर भरोसा जताते हुए चुनावी मैदान में उतारा है। साल- 2022 के विधानसभा चुनाव में इन सभी सीटों पर बीजेपी ने जीत का परचम लहराया था। वहीं, अगर लोकसभा चुनाव की बात करें तो साल- 2014 और साल- 2019 के लोकसभा चुनाव में भी इस सीट पर बीजेपी का कमल खिला था।
लोकसभा चुनाव में शाहजहांपुर सीट पर मतदाताओं की संख्या
इस बार साल- 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में शाहजहांपुर लोकसभा सीट पर 23 लाख, 22 हजार, 103 वोटर अपने मत का प्रयोग करेंगे। जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 12 लाख, 46 हज़ार, 206 है, जबकि महिला वोटरों की संख्या 10 लाख, 75 हजार, 739 है। वहीं ट्रांस जेंडर वोटरों की संख्या 158 है।
साल- 2004 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
अगर बात साल 2004 में हुए लोकसभा चुनाव की करें तो शाहजहांपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस के जितिन प्रसाद ने 2 लाख 20 हजार 763 वोटों के साथ जीत हासिल की थी। वहीं सपा के राम मूर्ति सिंह वर्मा 1 लाख, 38 हजार, 931 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे। जबकि बसपा के सत्यपाल सिंह यादव को 1 लाख, 27 हजार, 472 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहना पड़ा था।
साल- 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
साल- 2009 की बात करें तो सपा के मिथिलेश कुमार ने 2 लाख, 57 हजार, 33 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था, तो वहीं बसपा की सुनीता सिंह 1 लाख, 86 हजार, 454 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रही थीं। जबकि बीजेपी की कृष्णा राज को 1 लाख, 68 हजार, 434 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा था।
साल- 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
अब एक नजर साल- 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालें तो इस सीट पर BJP की कृष्णा राज ने 5 लाख, 25 हजार, 132 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था। तो वहीं बसपा के उमेद सिंह कश्यप 2 लाख, 89 हजार, 603 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे। जबकि सपा के मिथिलेश कुमार को 2 लाख, 42 हजार, 913 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।
साल- 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
अब एक नजर पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालें तो साल- 2019 में इस सीट पर BJP के अरुण कुमार सागर ने 6 लाख, 88 हजार, 990 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था तो वहीं, बसपा के अमर चंद्र जौहर 4 लाख, 20 हजार, 572 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे। जबकि सपा के ब्रह्म स्वरूप सागर को 35 हजार, 283 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।
शाहजहांपुर सीट पर इस बार राजनीतिक दिग्गजों की फंसी है, प्रतिष्ठा
जिले में दो कद्दावर कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना और जितिन प्रसाद हैं। सहकारिता राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार जेपीएस राठौर भी मजबूत पकड़ रखते हैं। वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना भाजपा प्रत्याशी अरुण सागर के पक्ष में प्रचार के दौरान पूरा जोर लगाए रहे। ऐसे में मंत्रियों की प्रतिष्ठा भी शाहजहांपुर की सीट में फंसी हुई है। वहीं सपा प्रत्याशी ज्योत्सना गौंड के मामा और सपा पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष राजपाल कश्यप राजनीति के बड़े खिलाड़ी माने जाते हैं। अपनी भांजी के लिए राजपाल रणनीतिकार की भूमिका भी निभा रहे हैं।
शाहजहांपुर में BJP लगाएगी हैट्रिक या BSP खोलेगी खाता अथवा सियासी जमीन सपा की फिर से दौड़ेगी साइकिल…???
शाहजहांपुर लोकसभा सीट उन सीटों में शामिल है, जहां से बसपा का कभी खाता नहीं खुला, पिछले 35 साल से बसपा कभी अपने बूते तो कभी गठबंधन करके प्रदेश में चुनाव लड़ती रही है, लेकिन वह आज तक इस सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाई। जबकि शाहजहांपुर में कांग्रेस, बीजेपी, जनता पार्टी और सपा उम्मीदवार जीत हासिल कर चुके हैं।
बीजेपी ने शाहजहांपुर सीट पर जीत की हैट्रिक लगाने के एक बार फिर अरुण सागर को हो ही मैदान में उतारा है। वहीं, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन ने ज्योत्सना गौड़ को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। वहीं, बसपा ने इस सीट पर अपना खाता खोलने के लिए पुराने नामों को दरकिनार कर पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. डीआर वर्मा पर दांव खेला है। इस बार कुल 10 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। देखना होगा कि इस बार भाजपा के उम्मीदवार अरुण सागर हैट्रिक लगाने में कामयाब होते हैं अथवा सपा अपनी खोई हुई जमीन वापस लाने में सफल हो पाती है ?