Loksabha_Election_2024: आईये जाने सूबे की जौनपुर लोकसभा सीट का संसदीय इतिहास, वहां का जातिगत समीकरण और चुनावी आंकड़ों की गुणा-गणित

उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से एक जौनपुर लोकसभा सीट है। बता दें कि जौनपुर की स्थापना 14वीं शताब्दी में फिरोज शाह तुगलक ने अपने भाई मुहम्मद बिन तुगलक की याद में की थी। इसका वास्तविक नाम जौना खां था जो बदलकर जौनपुर हो गया। जौनपुर अपने पुरातात्कि धरोहरों के लिए भी जाना जाता है। यहां पर स्थापित अटाला मस्जिद, शाही किला, शाही पुल करीब छह सौ वर्षों से लोगों को आकर्षित कर रहे हैं और इन्हे देखने के लिए हर साल काफी टूरिस्ट यहां आते हैं।

जौनपुर लोकसभा सीट का संसदीय इतिहास

अगर बात जौनपुर लोकसभा सीट के राजनीतिक इतिहास की करें तो इस सीट पर साल- 1957 में पहली बार चुनाव हुए। जिसमें कांग्रेस के गणपत राम ने जीत दर्ज की। जिसके बाद साल- 1962 में जनसंघ के ब्रह्मजीत सिंह ने इस सीट पर कब्जा जमाया। वहीं साल- 1967 में कांग्रेस ने वापसी की और साल- 1971 में  हुए चुनाव में भी इस सीट पर दर्ज की। साल- 1977 में भारतीय लोकदल, साल- 1980 में जनता पार्टी सेक्युलर और साल- 1984 में फिर जौनपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस विजयी हुई।

जैनपुर लोकसभा सीट पर पहली बार साल- 1989 में भारतीय जनता पार्टी ने बाजी मारी थी। साल- 1991 में अर्जुन सिंह यादव ने पहली बार इस सीट पर जनता दल को जीत दिलाई। लेकिन साल- 1996 में भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर कब्ज़ा  जमा लिया। वहीं साल- 1998 में समाजवादी पार्टी के पारसनाथ यादव जौनपुर से जीतकर लोकसभा पहुंचे और साल- 1999 में भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी से एक साल पहले हुई अपनी हार का बदला ले लिया।

साल- 2004 में यहां सपा ने अपना परचम लहराया, लेकिन साल- 2009 में बसपा के दिग्गज धनंजय सिंह ने सपा से ये सीट छीन ली। जौनपुर के बाहुबली नेता धनंजय सिंह ने पहली बार बसपा का खाता खोला था। साल- 2014 में इस सीट पर भगवा फहराया और कृष्ण प्रताप यहां से सांसद चुने गए। वहीं, साल- 2019 में इस सीट पर बसपा के श्याम सिंह यादव ने जीत दर्ज की। साल- 2019 ले लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा का गठबंधन था।

लोकसभा क्षेत्र जौनपुर सीट की 5 विधानसभा सीटें

जौनपुर संसदीय क्षेत्र में 5 विधानसभा सीटें बदलापुर, शाहगंज, जौनपुर, मल्हनी और मुंगरा बादशाहपुर आती हैं और ये सभी सीटें जौनपुर जिले में शामिल हैं। साल- 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में जौनपुर लोकसभा क्षेत्र की पांच में से दो विधानसभा सीटों पर ही भाजपा जीत दर्ज कर पाई थी, वहीं, दो सीटों पर सपा और एक सीट पर निषाद पार्टी ने जीत दर्ज की थी।

लोकसभा सीट जौनपुर में मतदाताओं की संख्या

इस बार होने वाले लोकसभा चुनाव में जौनपुर लोकसभा सीट पर कुल 19 लाख, 58 हजार, 554 वोटर अपने मत का प्रयोग करेंगे, जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या- 10 लाख, 15 हजार, 545 हैं, जबकि महिला वोटरों की संख्या- 9 लाख, 42 हजार, 923 है। मतदाताओं के ये आंकड़े न्यूज वेबसाइटों से लिए गए है, आंकड़े सटीक है, इसकी पुष्टि खुलासा इंडिया नहीं करता है।

साल- 2004 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर

साल- 2004 में हुए लोकसभा चुनाव पर नजर डालें तो सपा के पारसनाथ यादव ने जीत दर्ज की थी और उन्हे 2 लाख, 19 हजार, 614 वोट मिले थे। वहीं बसपा के ओम प्रकाश दुबे 1 लाख, 92 हजार, 489 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर थे। जबकि LJNSP के धनंजय सिंह 1 लाख, 17 हजार, 397 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे।

साल- 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर

साल- 2009 में हुए लोकसभा चुनाव पर नजर डालें तो बसपा के धनंजय सिंह ने 3 लाख, 2 हजार, 618 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी। वहीं सपा के पारसनाथ यादव 2 लाख, 22 हजार, 267 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे, जबकि बीजेपी की सीमा को तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा था। उन्हे 1 लाख 43 हजार 377  वोट मिले थे।

साल- 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर

अब एक नजर लोकसभा चुनाव- 2014 के नतीजों पर डालें तो इस सीट पर बीजेपी के कृष्ण प्रताप ने जीत हासिल की थी। उन्हे 3 लाख, 67 हजार, 149 वोट मिले थे। वहीं बसपा के सुभाष पांडेय 2 लाख, 20 हजार, 839 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर थे, जबकि सपा के पारसनाथ यादव 1 लाख, 80 हजार, 3 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे। देश में लोकसभा चुनाव-2014 में मोदी की सुनामी थे और विपक्ष दल सब धराशायी हो गए थे।

साल- 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर

अब एक नजर पिछले लोकसभा चुनाव- 2019 डाले तो जौनपुर लोकसभा की इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी के श्याम सिंह यादव ने जीत हासिल की थी। उन्हे 5 लाख, 542 वोट मिले थे। वहीं बीजेपी के कृष्ण प्रताप सिंह को 4 लाख, 40 हजार, 192 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे। जबकि कांग्रेस के देवव्रत मिश्र 27 हजार, 185 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।

साल- 2024 के लोकसभा चुनाव में जौनपुर संसदीय सीट पर हो रहा दिलचस्प मुकाबला

अब बात साल- 2024 के चुनाव की कर लेते हैं। इस बार जौनपुर सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है। भाजपा ने दो मार्च को महाराष्ट्र के गृह राज्यमंत्री रह चुके कृपाशंकर सिंह को चुनाव मैदान में उतारा तो सब चौंक गए। कृपाशंकर सिंह जौनपुर के सहोदपुर गांव के मूल निवासी हैं, मगर राजनीति की गहरी जड़ें उनकी मुंबई में भी हैं। दरअसल जौनपुर का मुंबइया कनेक्शन ऐसा है कि लगभग हर छठे घर से एक आदमी मुंबई में हैं। इसी से समझा जा सकता है कि भाजपा ने उन्हें टिकट क्यों दिया। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रहे कृपा शंकर सिंह ने साल- 2019 में कांग्रेस छोड़ दी थी।

साल- 2021 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। कृपा शंकर सिंह की उम्मीदवारी का एलान होने के बाद धनंजय सिंह ने भी चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी, मगर नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर के अपहरण और रंगदारी वसूलने के एक मामले में 6 मार्च को जौनपुर की विशेष एमपी एमएलए अदालत ने दोषी मानते हुए उन्हें सात साल की सजा सुना दी। ऐसे में वह चुनाव की दौड़ से बाहर हो गए। इससे समीकरण फिर बदल गए। 14 अप्रैल को सपा ने बाबू सिंह कुशवाहा को अपना उम्मीदवार बनाकर सभी को चौंका दिया। बसपा से सपा में आए कुशवाहा कभी मायावती के बेहद करीबी लोगों में शामिल थे।

बसपा ने 16 अप्रैल को मौजूदा सांसद श्याम सिंह यादव का टिकट काटकर धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी को मैदान में उतार दिया तो जौनपुर के मुकाबले में फिर नया मोड़ आ गया। श्रीकला ने नमांकन भी कर दिया। इसके बाद भी आखिरी वक्त में बहुजन समाजवादी पार्टी ने श्रीकला सिंह का टिकट काट दिया। बसपा ने श्याम सिंह यादव को फिर से पार्टी उम्मीदवार बना दिया। मायावती के इस फैसले से एक बार फिर जौनपुर सीट से समीकरण बदल गए। लोकसभा सीट जौनपुरपत्नी का टिकट कटने के बाद धनंजय सिंह ने भाजपा को समर्थन देने का एलान कर दिया। श्रीकला ने गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात भी कर चुकी हैं।

पूर्वांचल के बाहुबली नेता व जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनकी पत्नी श्रीकला के भाजपा को समर्थन देने से जौनपुर का मुकाबला दिलचस्प हो गया है। छठे चरण में 25 मई को जौनपुर सीट पर मतदान है। इसी दिन उम्मीदवार की किस्मत ईवीएम में कैद हो जाएगी। जौनपुर की जनता ने किसे अपना प्रतिनिधि चुना, यह 4 जून को पता चलेगा। इसके साथ ये भी पता चलेगा कि किसके समीकरण कितने सही बैठे।

लोकसभा सीट जौनपुर पर जातीय समीकरण 

अब जौनपुर लोकसभा सीट के जातीय समीकरणों की बात करें तो ब्राह्मण और ठाकुर वोटर्स निर्णायक भूमिका निभाते हैं। हालांकि अनुसूचित जाति मुस्लिम और यादवों की आबादी भी यहां अच्छी खासी है। इस सीट पर ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है। ब्राह्मणों की आबादी 15.72 फीसदी हैं, जबकि राजपूत 13.30 फीसदी हैं। इस सीट पर ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या भले ही सबसे अधिक है, पर अब तक इस सीट पर राजपूतों का ही दबदबा रहा है। अब तक 17 चुनावों में 11 बार राजपूत उम्मीदवारों के जीतने का रिकॉर्ड है। चार बार यादव और दो बार ब्राह्मण उम्मीदवारों को भी कामयाबी हासिल हुई।

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