Loksabha_Election_2024: आईये जाने कैसरगंज लोकसभा सीट का संसदीय इतिहास, वहां का जातिगत समीकरण और चुनावी आंकड़ों की गुणा-गणित
Loksabha Election 2024: उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से कैसरगंज एक सीट है और देश का 57वां लोकसभा क्षेत्र है, जिसकी स्थापना 1952 में हुई थी। यह बहराइच जिले की दूसरी लोकसभा सीट है। नेपाल के पास स्थित कैसरगंज, साल- 1952 में पहली बार हुए चुनाव में भारतीय जनसंघ की शकुंतला नैय्यर को जीत हासिल हुई थी। इसके बाद साल- 1957 में स्वतंत्र पार्टी के भगवानदीन मिश्रा और 1962 में बसंत कुमारी स्वतंत्र पार्टी से सांसद चुनी गईं। वहीं, साल- 1967 में हुए चुनाव में एक बार फिर बाजी भारतीय जनसंघ की शकुंतला नैय्यर ने मारी और शकुंतला नैय्यर साल- 1971 में भी जनसंघ से सांसद चुनी गईं।
कैसरगंज सीट का संसदीय इतिहास
साल- 1980 के चुनाव में पहली बार इस सीट पर कांग्रेस को जीत मिली थी और इण्डियन नेशल कांग्रेस के राना वीर सिंह सांसद चुने गए थे। उसके बाद साल- 1984 और साल- 1989 दोनों ही चुनावों में राना वीर सिंह ने इस सीट पर काबिज रहकर जीत की हैट्रिक लगाई। वहीं साल- 1991 में पहली बार भाजपा ने जीत हासिल की लेकिन इसके बाद बेनी प्रसाद वर्मा साल- 1996 से साल- 2004 तक लगातार 4 बार इस सीट से सांसद चुने गए, जबकि साल- 2009 में सपा प्रत्याशी बृजभूषण शरण सिंह विजयी रहे। वहीं पिछले साल- 2014 और साल- 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के बृजभूषण शरण सिंह ने कैसरगंज सीट से जीत हासिल की थी।
कैसरगंज सीट कई ऐतिहासिक पलों को सजाए हुए हैं। दिवंगत बेनी प्रसाद वर्मा की बेटी गोंडा से चुनाव लड़ रही है,लेकिन चर्चा बेनी प्रसाद वर्मा की न हो इसके बिना लोक सभा चुनाव अधूरा है। बहराइच के कैसरगंज सीट से बेनी प्रसाद वर्मा ने समाजवादी पार्टी से निरंतर चार बार चुनाव लड़ा और उन्हें जीत हासिल हुई। इसी सीट से बेडनानापुर की राजमाता ने भी स्वतंत्र पार्टी से जीत दर्ज की थी। बेनी बाबू ने लगातार एक ही पार्टी से जीत का जो रिकार्ड बनाया वह अभी तक कायम है, मौजूदा सांसद हालाकि यहां से लगातार तीन बार जीत चुके हैं, लेकिन उनको यह सफलता एक बार सपा और दो बार भाजपा के सहारे मिली है और इस बार भाजपा से उनके बेटे को प्रत्याशी बनाया है।
स्वर्गीय बेनी प्रसाद वर्मा ने चार बार लगातार लोकसभा चुनाव जीतकर कायम किया रिकार्ड
बहराइच जिले के कैसरगंज सीट में कैसरगंज और पयागपुर विधानसभा के साथ गोंडा जिले की तीन विधान सभा क्षेत्र की सीट शामिल है। कैसरगंज से अभी किसी भी पार्टी ने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है। लेकिन इस सीट की प्रदेश और देश में अलग ही पहचान है। इस सीट से बाराबंकी जिला निवासी स्वर्गीय बेनी प्रसाद वर्मा ने चार बार लगातार लोकसभा चुनाव जीतकर रिकार्ड कायम किया है। बेनी प्रसाद वर्मा समाज वादी पार्टी के संस्थापक सदस्य और मुलायम सिंह यादव के पुराने साथी थे।
कुर्मी और क्षत्रिय बाहुल्य सीट पर समाजवादी पार्टी ने वर्ष साल- 1996 में बेनी प्रसाद वर्मा को कैसरगंज सीट से चुनाव मैदान में उतार दिया। बेनी प्रसाद वर्मा को जनता ने सिर आंखों पर बैठाते हुए जीत दर्ज कराई। इसके बाद बेनी प्रसाद वर्मा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने समाजवादी पार्टी के टिकट पर साल- 1998, 1999 और साल- 2004 में हुए चुनाव में भी जीत दर्ज की। इसके बाद सपा ने साल- 2009 के चुनाव में बृज भूषण शरण सिंह को टिकट दिया। उन्होंने भी जीत दर्ज किया।
समाजवादी पार्टी से कर लिया था, किनारा
साल- 2008 में मुलायम से नाराज होकर बेनी प्रसाद वर्मा ने समाजवादी पार्टी से किनारा कर लिया था। बेनी प्रसाद वर्मा अपने बेटे के लिए साल- 2007 के लोकसभा चुनाव में टिकट चाहते थे, लेकिन अमर सिंह की वजह से बेनी के बेटे राकेश वर्मा को टिकट नहीं मिल पाई। इसी वजह से नाराज बेनी प्रसाद वर्मा ने समाजवादी पार्टी छोड़ दी और समाजवादी क्रांति दल बनाया। इसके बाद साल- 2008 में वह कांग्रेस में शामिल हो गए। बाराबंकी जिला निवासी स्वर्गीय बेनी प्रसाद वर्मा को लोग प्यार से बाबू जी के नाम से पुकारते हैं। बेनी प्रसाद वर्मा ने कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में गोंडा से भी जीत दर्ज की। केंद्र में उन्हें मंत्री भी बनाया गया था।
लोकसभा क्षेत्र कैसरगंज की 5 विधानसभा सीटें
साल- 2009 में परिसीमन से पहले इस लोकसभा में बहराइच और बाराबंकी जिलों की पांच विधानसभा सीटें शामिल थीं, जिनमें पयागपुर, कैसरगंज, कटरा, कर्नलगंज और तरबगंज। परिसीमन के बाद कैसरगंज लोकसभा से बाराबंकी को हटा दिया गया और गोंडा जिले के तीन विधानसभा क्षेत्रों से तरबगंज, कर्नलगंज और कटरा के साथ-साथ बहराइच जिले के दो विधानसभा क्षेत्रों से कैसरगंज और पयागपुर को जोड़ दिया गया।
लोकसभा सीट कैसरगंज में मतदाताओं की संख्या
इस बार होने वाले लोकसभा चुनाव में कैसरगंज में कुल मतदाताओं की संख्या- 17 लाख, 91 हजार, 950 है, जिसमें मतदाताओं में पुरुष मतदाताओं की संख्या- 9 लाख, 61 हजार, 59 है, वहीं महिला मतदाताओं की संख्या- 8 लाख, 30 हजार, 818 है और ट्रांस जेंडर के कुल संख्या- 73 मतदाता शामिल हैं।
साल- 2004 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
साल 2004 में हुए लोकसभा चुनाव की करें तो कैसरगंज लोकसभा सीट पर सपा के बेनी प्रसाद वर्मा ने 2 लाख 19 हजार 920 वोटों के साथ जीत का परचम लहराया था। वहीं बीजेपी के आरिफ मोहम्मद खान 2 लाख 7 हजार 260 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि बसपा के फरीद महफूज़ 1 लाख 12 हजार 27 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।
साल- 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
साल 2009 की बात करें तो सपा के बृजभूषण शरण सिंह ने 1 लाख, 96 हजार, 63 वोट के साथ जीत हासिल की थी। वहीं बसपा के सुरेंद्र नाथ अवस्थी 1 लाख, 23 हजार, 864 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे, जबकि बीजेपी के लता प्रसाद मिश्रा 1 लाख, 20 हजार, 561 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।
साल- 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
साल- 2014 में इस सीट पर बीजेपी के बृज भूषण शरण सिंह ने 3 लाख, 81 हजार, 500 वोटों के साथ जीत हासिल की थी। वहीं सपा के विनोद कुमार 3 लाख, 3 हजार, 282 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे, जबकि बसपा के कृष्ण कुमार ओझा 1 लाख, 46 हजार, 726 वोट के तीसरे स्थान पर रहे थे।
साल- 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर
साल- 2019 के चुनाव में बीजेपी के बृजभूषण शरण सिंह ने 5 लाख, 81 हजार, 358 वोट हासिल कर जीत बरकरार रखी, जबकि बीएसपी उम्मीदवार चंद्रदेव राम यादव को 3 लाख, 19 हजार, 757 वोट मिले और कांग्रेस के विनय कुमार पांडेय को 37 हजार, 132 वोटों से संतोष करना पड़ा। साल- 2019 के चुनाव में कैसरगंज लोकसभा सीट पर मतदान 53.56% था।
लोकसभा सीट कैसरगंज पर जातीय समीकरण
जातीय समीकरण की बात करें तो सवर्ण बाहुल्य कैसरगंज में सर्वाधिक ब्राह्मण मतदाता हैं और राजपूत वोटर्स की संख्या भी अच्छी है। जबकि क्षेत्र में 18 फीसदी दलित और 25 फीसदी मुस्लिम भी हैं, जो एकतरफा धुर्वीकरण सियासी पांसे को पलटने की क्षमता रखता है। कैसरगंज लोकसभा सीट के अंतर्गत गोंडा जिले की तीन और बहराईच की दो विधानसभा सीटें आती हैं। कैसरगंज लोकसभा सीट पर सपा का दबदबा रह चुका है। कैसरगंज संसदीय क्षेत्र बहराइच की दूसरी लोकसभा सीट है। नेपाल के निकटवर्ती क्षेत्र में आने वाला कैसरगंज संसदीय सीट है।
कैसरगंज लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में 20 मई, 2024 को आज पांचवें चरण में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान पड़े। इस सीट से भाजपा ने मौजूदा चुनाव में लंबे समय से विवादों में घिरे बाहुबली नेता बृजभूषण शरण सिंह के छोटे बेटे को टिकट दिया है। हालांकि राजनैतिक गलियारे में पहले से ही ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार बीजेपी बृज भूषण का टिकट जरूर काटेगी और हुआ ही कुछ ऐसा ही, उनका टिकट तो कटा, पर भाजपा ने उन्हीं के छोटे बेटे करण भूषण सिंह पर दांव खेला है।
इससे बाहुबली नेता जो अपने संसदीय क्षेत्र में दबदबा होने का दावा करते हैं, सच साबित होता दिखाई पड़। यही कारण है इतने संगीन अपराधों से घिरे होने के बावजूद भाजपा ने उनके परिवार की तरफ रुख किया है। इस सीट से समाजवादी पार्टी ने भगत राम मिश्रा को टिकट दिया है जो कि श्रावस्ती के पूर्व बीजेपी सांसद दद्दन मिश्रा के बड़े भाई हैं। ऐसे में कैसरगंज लोकसभा सीट पर लड़ाई दिलचप्स हो गई है। वहीं बहुजन समाजवादी पार्टी ने सबसे पहले कैसरगंज से अपने उम्मीदवार की घोषणा की थी, जिसमें नरेंद्र पांडेय को उम्मीदवार बनाया गया है। लड़ाई भाजपा और सपा में आमने-सामने है।