Loksabha_Election_2024: आईये जाने सूबे की कुशीनगर लोकसभा सीट का संसदीय इतिहास, वहां का जातिगत समीकरण और चुनावी आंकड़ों की गुणा-गणित

कुशीनगर: कुशीनगर लोकसभा की पहचान महात्मा गौतम बुद्ध के महापरिनिर्वाण के स्थली के रूप में है। यहीं पर बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ था। पूरी दुनिया में बौद्धधर्म को मानने वाले यहां एक बार जरूर आते हैं।  वर्तमान कुशीनगर को पहले कुसावती और कुशीनारा के नाम से जाना जाता था। कुशीनारा प्राचीन काल में मल्ल प्रदेश की राजधानी थी। यह शहर मौर्य, शुंग, कुषाण, गुप्त, हर्षवर्धन और पाल राजवंशों के तत्कालीन साम्राज्यों का अभिन्न अंग रहा है।

कुशीनगर गौतम बुद्ध और गुप्तकाल के कई प्रचीन धरोहरों को अपने आप में समेटे हुए है। इस जिले में बौद्ध धर्म से जुड़े हुए कई प्राचीन धरोहर आज भी मौजूद हैं। जिसे देखने के लिए पूरी दुनिया से लोग कुशीनगर पहुंचते हैं। देश की आजादी के बाद, कुशीनगर देवरिया जिले का हिस्सा बना। बाद में 13 मई, 1994 को यह नए जिले के रूप में अस्तित्व में आया। बौद्ध तीर्थस्थली के रूप में मशहूर कुशीनगर के पूर्व की ओर बढ़ने पर करीब 20 किमी बाद बिहार राज्य लग जाता है। पहले इस संसदीय क्षेत्र को पडरौना के नाम से जाना जाता था, लेकिन साल- 2008 में हुए परिसीमन के बाद कुशीनगर लोकसभा सीट अस्तित्व में आया और साल- 2009 में यहां पहली बार लोकसभा का चुनाव हुआ।

लोकसभा कुशीनगर सीट का संसदीय इतिहास

अगर बात करें इस सीट के राजनैतिक इतिहास की तो यह सीट जब पडरौना सीट थी। तब कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह के पिता कुंवर चंद्र प्रताप नारायण सिंह यहां से साल- 1980 और साल- 1984 का चुनाव जीता था। साल- 1952 से लेकर साल- 1984 तक यहां कांग्रेस का दबदबा रहा। कांग्रेस केवर साल- 1977 के चुनाव में हारी थी और यहां जनता पार्टी ने जीत हासिल की साल- 1989 में भी जनता दल ने यहां चुनाव जीता। साल- 1991 से साल- 1999 बीजेपी के राम नगीना मिश्र कमल खिलाते रहे और साल- 2004 में नेशनल लोकतांत्रिक पार्टी के बलेश्वर यादव ने जीत हासिल की थी।

साल- 2009 में यह सीट कुशीनगर सीट में बदल गई और यहां कुंवर रतनजीत प्रताप सिंह यानी कि आरपीएन सिंह चुनाव जीते। 2014 के चुनाव में बीजेपी के राजेश पांडेय ने आरपीएन सिंह को चुनाव हराया और एक बार फिर कमल खिलाया। 2019 लोकसभा चुनाव में यहां बीजेपी ने विजय दुबे को अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं गठबंधन के खाते से सपा के पास गई इस सीट पर नथुनी प्रसाद कुशवाहा मैदान में है तो कांग्रेस के आरपीएन सिंह एक बार फिर मैदान में हैं।

लोकसभा कुशीनगर सीट की 5 विधानसभा सीटें  

अगर बात करें विधानसभा सीटों की तो इस लोकसभा के अंतर्गत 5 विधानसभा सीटें आती हैं। जिनमें खड्डा, पडरौना, कुशीनगर, हाटा और रामकोला सीटें शामिल हैं। साल- 2017 के विधानसभा चुनाव में 4 सीटें बीजेपी ने और  1 सीट बीजेपी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने रामकोला सीट जीती थी। सभी सीटें बीजेपी के पास ही रही।

लोकसभा सीट कुशीनगर में मतदाताओं की संख्या

कुशीनगर लोकसभा सीट पर कुल 18 लाख, 75 वोटर, 750 अपने मत का प्रयोग करेंगे। जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या- 10 लाख, 35 हज़ार, 308  है। जबकि महिला वोटरों की संख्या- 8 लाख, 40 हज़ार, 305 है। वहीं ट्रांस जेंडर वोटरों की संख्या- 137 है।

साल- 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर

बात करें साल- 2009 के लोकसभा चुनाव की तो यहां कांग्रेस नेता कुंवर रतनजीत प्रताप सिंह ने चुनाव जीता था। आरपीएन सिंह को इस चुनाव में कुल 2 लाख, 23 हज़ार, 954 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर बसपा के स्वामी प्रसाद मौर्य रहे। स्वामी प्रसाद मौर्य को कुल 2 लाख, 2 हज़ार, 860 वोट मिले। तीसरे नंबर पर बीजेपी के विजय दुबे रहे। विजय को कुल 1 लाख, 62 हज़ार, 189 वोट मिले।

साल- 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर

साल- 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के राजेश पांडेय ने कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह को यहां से चुनाव हराया था। इस चुनाव में राजेश पांडेय को कुल 3 लाख, 70 हज़ार, 51 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहे कुंवर रतनजीत प्रताप सिंह को कुल 2 लाख, 84 हज़ार, 511 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर बसपा के डॉ. संगम मिश्रा रहे। संगम मिश्रा को कुल 1 लाख, 31 हज़ार, 881 वोट मिले थे।

साल- 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर एक नजर

साल- 2019 के लोकसभा चुनाव में कुशीनगर लोकसभा सीट पर बीजेपी को जीत मिली थी। इस चुनाव में बीजेपी ने विजय कुमार दुबे को मैदान में उतारा। उनके सामने समाजवादी पार्टी ने एनपी कुशवाहा को खड़ा किया। जबकि कांग्रेस की ओर से रतनजीत प्रताप नारायण सिंह मैदान में उतरे, लेकिन वो तीसरे स्थान पर रहे। विजय कुमार दुबे को 5 लाख, 97 हजार, 39 वोट मिले तो एनपी कुशवाहा के खाते में 2 लाख, 59 हजार, 479 वोट मिले थे। रतनजीत प्रताप नारायण सिंह को 1 लाख, 46 हजार, 151 वोट मिले थे। बीजेपी ने 3 लाख, 37 हजार, 560 मतों के अंतर से यह जीत हासिल की थी। कांग्रेस के आरपीएन सिंह को 1 लाख, 46 हजार, 151 वोट मिले थे।

बीजेपी का ब्राह्मण तो सपा-बसपा का ओबीसी चेहरे पर दांव

बीजेपी ने ब्राह्मण चेहरे विजय कुमार दुबे पर भरोसा जताते हुए एक बार फिर मैदान में उतारा है। वह साल- 2019 में भी यहां से सांसद बने थे। जबकि उनके मुकाबले समाजवादी पार्टी ने ओबीसी प्रत्याशी अजय प्रताप सिंह पर दांव लगाया है। बसपा ने भी पिछड़ा वर्ग से आने वाले शुभ नारायण चौहान को उम्मीदवार बनाया है। वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य भी राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के सिंबल पर ताल ठोक रहे हैं।

साल-2024 के चुनाव में लोकसभा सीट कुशीनगर 

भाजपा के सांसद विजय कुमार दुबे एक बार फिर किस्मत आजमा रहे हैं, जबकि सपा ने यहां इस बार अजय प्रताप सिंह को टिकट दिया है। बसपा ने भी शुभ नारायण चौहान को टिकट दिया है, लेकिन यहां की जनता राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के अध्यक्ष पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की दावेदारी को बसपा पर ज्यादा अहमियत दे रहे हैं। बीजेपी, सपा और बसपा प्रत्याशियों के बीच स्वामी प्रसाद मौर्य ने चुनावी मैदान में ताल ठोककर चुनावी जंग को दिलचस्प बना दिया है। यहां राष्ट्रहित और स्थानीय मुद्दे के साथ जातीय गणित भी खास मायने रखता है। इसी को ध्यान में रखकर सियासी दलों ने प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है।

लोकसभा सीट कुशीनगर पर जातीय समीकरण 

कुशीनगर लोकसभा सीट पर मुस्लिम वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा है। यहां करीब 3 लाख, 5 हजार मुस्लिम वोटर हैं। जबकि दलित मतदाताओं का अनुमानित आंकड़ा 2 लाख, 94 हजार है। इसके अलावा कुशवाहा वोटर 2 लाख, 24 हजार, ब्राह्मण मतदाता 2 लाख, 23 हजार, यादव 1 लाख, 75 हजार, कुर्मी, सैंथवार 1 लाख, 75 हजार, चौहान 1 लाख, 4 हजार, राजपूत 70 हजार, भूमिहार 14 हजार और अन्य की अनुमानित संख्या करीब 2 लाख, 48 हजार है।

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