सपा सरकार में कर्फ्यू के दौरान भी खुली जीप में हथियार लहराने वाला माफिया मुख्तार अंसारी, आखिर योगी आदित्यनाथ के आगे कैसे हुआ पस्त
लखनऊ। जयराम की दुनिया का जिक्र हो और माफिया मुख्तार अंसारी का नाम न लिया जाए ऐसा कैसे हो सकता है। पूर्वांचल में माफिया मुख्तार अंसारी का क्या खौफ था, इसका अंदाजा पूर्वांचल के लोग ही बयां कर सकते हैं, लेकिन किसका समय कब बदल जाए कुछ नहीं कहा जा सकता। एक समय था, मुख्तार अंसारी की तूती बोलती थी। मगर अब हालात कुछ और ही हैं। इसीलिए कहा गया है कि पुरुष बली नहिं होत हैं, समय होत बलवान।
भरत मिलाप कार्यक्रम के दौरान मऊ में दंगा भड़क गया था। उस समय भी मुख्तार अंसारी हवा में बंदूक लहराता हुआ खुली जीप से मऊ की सड़कों पर निकला। ऐसे में सवाल उठा कि क्या कोई इंसान कानून से बड़ा हो सकता है। दरअसल ये सवाल इसलिए भी उठा कि उस समय यूपी में सपा की सरकार थी और मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री थे। मुख्तार अंसारी निर्दलीय विधायक था और मुलायम सिंह यादव को समर्थन दे रहा था।
मुख्तार अंसारी का खौफ इस कदर छाया हुआ था कि लोग डर के साए में जी रहे थे और सरकारें एकदम चुप्पी साधे रखती थी। जब मऊ में सड़कों पर मुख्तार का काफिला निकलता था तो लोग खुद-ब-खुद किनारे हो जाते थे।तब गोरख पीठ के संन्यासी और सांसद योगी आदित्यनाथ ने मुख्तार को चुनौती दी। योगी जी उस समय गोरखपुर से सांसद हुआ करते थे। योगी के ऊपर छाप थी कि वह हिन्दू युवा वाहिनी के संस्थापक अध्यक्ष थे।
इसलिए जब मऊ में दंगा भड़का तो दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए योगी आदित्यनाथ निकल पड़े थे, जिस गाड़ी में योगी आदित्यनाथ बैठे थे, उस पर पत्थर फेंके गए। योगी आदित्यनाथ का आरोप था कि ये सब मुख्तार अंसारी ने कराया था। इस वाकये का जिक्र करते हुए योगी आदित्यनाथ संसद में भावुक भी हो गए थे, लेकिन समय ऐसा पलटा कि आज यूपी की बागडोर योगी आदित्यानाथ के हाथों में हैं और आज जरायम की दुनिया का बेताज बादशाह माफिया मुख्तार अंसारी व्हीलचेयर पर बैठकर अपनी जान की दुहाई दे रहा है।
बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को पिछले 18 महीने में 8 मामलो में सजा हो चुकी है। मुख्तार अंसारी के खिलाफ अलग-अलग जिलों के थानों में कुल 65 मुकदमे दर्ज है। 18 वर्षो से मुख्तार अंसारी जेल में बंद है। मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मुख्तार अंसारी को अब इलाज के बाद फिर से बांदा जेल वापस भेज दिया गया है। मुख़्तार अंसारी की ऐसी स्थिति होगी यह कोई सोचा भी न रहा होगा। अदालत से मुख़्तार को कहना पड़ रहा है कि उसे जेल में स्लो पॉइजन यानि मीठा जहर दिया जा रहा है। ऐसे में उसकी जनको खतरा है।