पांच महीने में 11 लाख से अधिक तैयार हुईं घरौनियां, स्वामित्व योजना में ललितपुर अव्वल
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पीएम स्वामित्व योजना के तहत घरौनियों के निर्माण और वितरण की प्रक्रिया तेज रफ्तार के साथ आगे बढ़ रही है। अब तक 66 लाख से अधिक घरौनियां तैयार हो चुकी हैं। यूपी के 90 हजार से अधिक गांवों के लिए घरौनियां तैयार कराई जा रही हैं, जिसमें से 47 हजार से अधिक गांवों की घरौनियों का कार्य पूरा हो गया है। इसमें भी यूपी के ललितपुर का परफॉर्मेंस सबसे अच्छा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिसंबर तक हर हाल में घरौनी बनाने के कार्य को शत प्रतिशत पूरा करने का लक्ष्य दिया है। सीएम योगी द्वारा सीधी मॉनीटरिंग से उत्तर प्रदेश में घरौनी बनाने के कार्य में रफ्तार आई है। हरमाह दो लाख घरौनी बनाने के लक्ष्य के सापेक्ष बीते 45 दिनों में 4,31,794 से अधिक घरौनियां बनाई गई हैं, जो 144 प्रतिशत तेज रफ्तार से लक्ष्य की ओर बढ़ रही है।
यूपी में ड्रोन सर्वे के आधार पर 90,908 गांवों के लिए घरौनी बनाने का कार्य चल रहा है। अब तक 47,893 गांवों के लिए घरौनियां तैयार हो चुकी हैं। 24 अप्रैल से 15 सितंबर तक 11,44,936 घरौनियां तैयार की जा चुकी हैं। वहीं 24 अप्रैल 2020 को योजना की शुरुआत होने से लेकर 15 सितंबर 2023 तक प्रदेश में 66,59,905 घरौनियां बनाने का कार्य पूरा हो चुका है।
स्वामित्व योजना में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिलों में ललितपुर अव्वल रहा है।कासगंज, मुरादाबाद, जालौन और संभल टॉप 5 जिलों में शामिल है। इन सभी जिलों में लक्ष्य के सापेक्ष 99 फीसदी से ज्यादा कार्य हुआ है।सबसे खराब जिलों में हरदोई बॉटम 5 में सबसे ऊपर है।प्रयागराज,लखनऊ, कुशीनगर और गोंडा जिले भी सबसे खराब परफॉर्मेंस वाले हैं। सीएम योगी ने इन सभी जिलों के डीएम को सख्त हिदायत देते हुए योजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने का निर्देश दिया हैं।
बता दें कि पीएम स्वामित्व योजना के तहत गांव के उन लोगों को अपने घर की जमीन का मालिकाना हक दिया जाता है, जो किसी भी सरकारी आंकड़े में दर्ज नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में काफी ऐसे लोग हैं, जिनके घर की जमीन किसी भी सरकारी आंकड़ों में दर्ज नहीं है,जिससे उनकी जमीन पर किसी अन्य व्यक्ति द्वारा कब्जा करने का खतरा हमेशा बना रहता है। इस जमीन पर लोन भी नहीं मिल पाता।
इसी समस्या को देखते हुए 24 अप्रैल 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पीएम स्वामित्व योजना का शुभारंभ किया था। इससे संपत्तियों के मुद्रीकरण को सुगम बनाने और बैंक ऋणों को आसान बनाने, संपत्ति विवादों को कम करने सहित व्यापक ग्राम स्तरीय योजना शामिल हैं। इसके अलावा यह पंचायतों के सामाजिक-आर्थिक प्रोफाइल को और बढ़ाएगा, जिससे वे आत्मनिर्भर बनेंगे। योजना में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, विकलांग, अल्पसंख्यक, महिला और अन्य कमजोर समूहों सहित समाज के प्रत्येक वर्ग को शामिल किया गया है।