नगरपालिका अध्यक्ष हरि प्रताप सिंह का इलाज के दौरान दिल्ली में हुआ निधन, प्रतापगढ़ शहर में शोक की लहर
प्रतापगढ़। नगरपालिका अध्यक्ष हरि प्रताप सिंह का इलाज के दौरान आज देर रात 11:44 मिनट पर निधन हो गया। होली के बाद उनकी तबियत ख़राब हुई तो पहले लखनऊ में इलाज हुआ, परन्तु सफलता न मिलने पर उन्हें परिजन दिल्ली ले गए और आज इलाज के दौरान उनका आसमयिक निधन हो गया। उनके निधन की सूचना उनके एकलौते बेटे विशाल सिंह ने फेसबुक पर पोस्ट कर साझा करके दी है। मध्यरात्रि में जैसी ही हरि प्रताप सिंह की मृत्यु की सूचना सोशल मीडिया पर प्रचारित हुई तो लोग हुई एक-दूसरे से फोन करके पुष्टि करने लगे। कुछ लोग तो रात्रि में ही सदर मोड़ उनके आवास पहुँच गए।
भाजपा सांसद संगम लाल गुप्ता सूचना मिलते ही नपाध्यक्ष हरि प्रताप सिंह के आवास पहुँचे और परिजनों को बंधाया, ढाढस
नपाध्यक्ष हरि प्रताप सिंह मूलतः पट्टी तहसील के सर्वजीतपुर के निवासी थे और उनके पिता स्व जगदीश बहादुर सिंह प्रतापगढ़ के अजीत नगर में आकर बसे और ट्रांसपोर्ट का धंधा करने लगे। हरि प्रताप सिंह पहले कांग्रेस में रहकर राजनीति की शुरुवात किये थे। जबकि इनके ससुर उमानाथ सिंह, सूबे की कल्याण सिंह के सरकार में कारगार मंत्री रहे और उनके दिवंगत होने के बाद इन्हें भाजपा में शामिल कराया गया और साल-1995 में पहली बार नगरपालिका अध्यक्ष पद का चुनाव भाजपा के सिम्बल से लड़ाया गया। उन्हें नगरपालिका अध्यक्ष पद रास आ गया और वह उस पर कुण्डली मारकर बैठ गए और आज यह पद उनके आत्मा के साथ चला गया।
हरि प्रताप सिंह पांच बार स्वयं और एक बार पत्नी को बनाया था, नपाध्यक्ष
पहली बार हरि प्रताप सिंह साल-1995 में नगरपालिका के अध्यक्ष बने और फिर नगरपालिका के अध्यक्ष पद पर वह लगातार बने रहे। बीच में साल-2017 में महिला सीट हुई तो अपनी पत्नी को उन्होंने अध्यक्ष पद चुनाव लड़ाया और अध्यक्ष पद पर उन्हें आसीन कराया था। साल-2023 में जब हरि प्रताप सिंह को भाजपा ने नगरपालिका अध्यक्ष पद के लिए टिकट दिया तो उन्ही के दल वालों ने विरोध किया कि मरते दम तक क्या प्रतापगढ़ की नगरपालिका अध्यक्ष पद हरि प्रताप सिंह के नाम भाजपा आवंटित कर देगी ? पर शीर्ष नेतृत्व ने सारा विरोध दर किनार करते हुए हरि प्रताप सिंह को टिकट दिया और वह पुनः चुनाव जीते।
प्रतापगढ़ से हरि प्रताप सिंह साल-2002 में भाजपा के टिकट से निर्वाचित हुए थे, विधायक
हरि प्रताप सिंह नपाध्यक्ष के साथ-साथ भाजपा के टिकट पर साल-2002 में प्रतापगढ़ से विधायक निर्वाचित हुए थे। साल-2007 और साल-2012 में भाजपा ने हरि प्रताप सिंह को टिकट दिया परन्तु विधानसभा का चुनाव जीतने में असफल रहे। एमएलसी के चुनाव में भाजपा ने हरि प्रताप सिंह को टिकट दिया, परन्तु जनसत्ता दल लोकत्रांतिक के उम्मीदवार अक्षय प्रताप सिंह गोपाल जी के सामने वह चुनाव हार गये। हरि प्रताप सिंह तीन भाई रहे और स्वय सबसे बड़े रहे। मझले भाई अरुण प्रताप सिंह कोरोना संक्रमण काल में दिवंगत हो गए थे और आज हरि प्रताप सिंह का आसमयिक निधन हो गया।
तीन भाईयों में सबसे बड़े थे, नपाध्यक्ष हरि प्रताप सिंह
अब सबसे छोटे भाई विनय प्रताप सिंह उर्फ बब्बू जो ट्रांसपोर्ट का धंधा करते हैं, उनके कन्धों पर सारी जिम्मेदारी छोड़कर आज हरि प्रताप सिंह हमेशा के लिए दुनिया को अलविदा कह दिए। दुनिया में धन ही सब कुछ नहीं होता, परन्तु हरि प्रताप सिंह धन के आगे सारे रिश्ते नाते गौढ़ मानते रहे। वह भूल चुके थे कि मृत्यु ही अंतिम सत्य है जो सबके जीवन में आती है और उन्हें भी एक दिन आयेगी। राजा हो या रंक एक दिन यह पंच तत्व से बना शरीर उसी पंच तत्व में मिल जाता है। यही अकाट्य सत्य है। खुलासा इंडिया परिवार नपाध्य्क्ष हरि प्रताप सिंह की आसमयिक मौत पर गहरा दुःख प्रकट करता है और मृत आत्मा को श्रद्धा सुमन अर्पित करता है।