अमेठी हत्याकांड में नया खुलासा; अस्पताल में दिन भर इसलिए रोया करती थी पूनम, चंदन ने दिया था भावनात्मक सहारा
यूपी के अमेठी में शिक्षक और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या के बाद माहौल गमगीन है। परिवार के सदस्य यादों के झरोखे में जाने पर सुबक पड़ते हैं। सोमवार को भी रायबरेली का सुदामापुर गांव शांत रहा। यहां कहीं कोई हलचल नहीं हुई। गांव के गलियारों में खामोशी छाई रही, लेकिन ग्रामीण और परिवार के सदस्यों की जुबां पर चंदन और पूनम के बीच की निकटता की सुगबुगाहट तेज है। खासकर महिलाएं धीरे-धीरे खुलकर बोलने लगी हैं। चर्चाओं से यह बात सामने आ रही है कि चंदन और पूनम की निकटता एक हादसे के बाद बढ़ी। पूनम टूट गई थी तो चंदन ने संबल दिया और फिर बात जीने-मरने तक आ गई।
सोमवार को सुदामापुर गांव के गलियारे शांत रहे। न कोई आया न गया, पुलिस के पहरा और उनकी बातचीत बीच-बीच में सन्नाटे को तोड़ती नजर आई। घरों के भीतर ही लोग रहे, जिसे काम पर जाना था वह चला गया। साथ ही हत्याकांड की पृष्ठभूमि क्यों बनी और कैसे शिक्षक सुनील जब कुछ जानने के बाद भी घुटता रहा। इस पर चर्चा न केवल परिवार के बीच होती रही, बल्कि ग्रामीण भी अपने घरों में इस पर दबी जुबां से बात कर रहे हैं।
गांव से एक किलोमीटर दूर रहने वाले अंबरा मुठई निवासी अरविंद (44) जो खुद को शिक्षक का मित्र बताते हैं। बताया कि कौन दोषी है, क्या चंदन और पूनम के बीच रहा, यह तो कहना मुश्किल है, लेकिन इतना जरूर है कि एक हादसे ने पूनम को चंदन की तरफ मोड़ दिया। बातों ही बातों में पता चला कि शिक्षक सुनील की शादी उतरपारा निवासी पूनम से साल-2016 में हुई थी।
उस दौरान सुनील भट्ठे पर मुनीम का काम करने के साथ फेरी लगाते थे। समय ने करवट ली और सुनील पहले पुलिस और फिर शिक्षक बने। इसी के साथ सुनील और पूनम की जिंदगी में बदलाव भी आया। साल-2018 में उनके जुड़वा बच्चे हुए। एक बेटी जिसकी नाम समीक्षा था और एक बेटा, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।
पैदा होने के बाद ही वह बेटा बीमार पड़ा गया। उस दौरान पूनम शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती थी। चंदन वहीं पर लैब टेक्नीशियन का काम करता था। पूनम को देखकर चंदन के मन में साहनुभूति जागी और उसने पूनम और सुनील की मदद की।
अस्पताल में दिन भर रोया करती थी पूनम…
बहुत कोशिश के बाद भी सुनील के जुड़वा बेटे की मौत हो गई। यह पूनम के लिए सदमा सरीखा था। वह अस्पताल में दिन भर रोया करती थी और इसी बीच चंदन ने उसे सहारा दिया। बातचीत में यह भी पता लगा कि चंदन ने पूनम को जो भावनात्मक सहारा दिया था। उसी के सहारे वह आगे बढ़ता चला गया। बातचीत नजदीकियों में बदल गई, लेकिन जब सुनील का ख्याल आता को पूनम के कदम बहुत आगे बढ़ने से रुक जाते। यह बात चंदन को नागवार लगने लगी थी।
यही कारण रहा कि मार्च से चंदन का एक रूप देखने को सामने आया। 18 अगस्त को इसी के चलते पूनम के साथ चंदन ने बदसलूकी की और सुनील को पीटा। दोनों अनजान रिश्ते धीरे-धीरे किसी बड़ी घटना की तरफ बढ़ चले और नतीजा यह रहा कि चंदन ने पूरे परिवार का सफाया कर दिया।
चार माह पहले सुदामापुर घर भी आया था चंदन…
बताते हैं कि चंदन सुदामापुर गांव चार माह पहले जुलाई में आया था। उस दौरान सुनील और पूनम तथा बच्चे गांव में थे। जब चंदन आया तो परिवार के लोग अचरज में पड़ गए। पूनम पर अंगुली उठी लेकिन सुनील की वजह से सब शांत हो गए और गांव में इसकी चर्चा किसी से नहीं की गई। गांव वाले भी यह नहीं जानते थे कि घर पर आए अजनबी की जान पहचान पूनम से है। जब हत्याकांड हुआ और चंदन का चेहरा न्यूज चैनलों में दिखा तब गांव के लोगों को पूनम और चंदन के बीच की जानकारी हो सकी। उसके बाद से हर कान सुगबुगाहट से जुड़ा हुआ है। परिवार के लोगों का कहना है कि पूनम की वजह से ही चंदन इतने आगे बढ़ गया था।
सुनील के फोटो भेजता था चंदन, इसे लेकर पति-पत्नी में हुआ था मनमुटाव…
सुनील ने एक अप्रैल में रायबरेली शहर में अपना घर बनवाने के लिए दो विस्वा जमीन ली थी। इसमें चंदन को गवाह बनाया था। नवरात्र में जमीन पर भूमि पूजन होना था। जब चंदन को यह बात पता लगी कि सुनील अब स्थाई रूप से रायबरेली रहने लगेगा तो उसके मंसूबे सफल नहीं होंगे।
असल में वह हर हाल में पूनम को पाना चाहता था और पूनम भी पति के स्वभाव के चलते चंदन के नजदीक आ गई थी, लेकिन किसी को नहीं मालूम था कि चंदन के दिमाग में क्या चल रहा है। पूनम की मां कृष्णा की मां का कहना है कि जब दामाद सुनील ने जमीन खरीदी थी तो उसी दौरान से वह दामाद के पीछे पड़ गया था। वह सुनील को पूनम से अलग करने के लिए फोटो भेजता था। इसे लेकर दंपती में मनमुटाव भी हो गया था।