10 साल नहीं अब उम्रकैद, योगी सरकार ने लव जिहाद विरोधी बिल किया और सख्त
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) अधिनियम 2024 पारित हो गया। संशोधित अधिनियम में छल कपट या जबर्दस्ती कराए गये धर्मांतरण के मामलों में कानून को पहले से सख्त बनाते हुए अधिकतम आजीवन कारावास या पांच लाख रुपये के जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है।
उप्र विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे की ओर से जारी मंगलवार की कार्यसूची में प्रस्ताव किया गया है कि आज इस संशोधित विधेयक को पारित करने के लिए विचार होगा। संशोधित विधेयक में किसी महिला को धोखे से जाल में फंसाकर धर्मांतरण कर अवैध तरीके से विवाह करने और उत्पीड़न के दोषियों को अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है।पहले इसमें अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान था।संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने सदन में पहले दिन सोमवार को उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) अधिनियम, 2024 को सदन में पुरःस्थापित किया था।
इसमें प्रस्ताव किया गया है कि कोई व्यक्ति धर्मांतरण कराने के इरादे से किसी को अगर धमकी देता है,हमला करता है,विवाह करता या करने का वादा करता है या इसके लिए साजिश रचता है,महिला,नाबालिग या किसी की तस्करी करता है तो उसके अपराध को सबसे गंभीर श्रेणी में रखा जाएगा।
संशोधित अधिनियम में ऐसे मामलों में 20 वर्ष कारावास या आजीवन कारावास का प्रावधान किया गया है।जब यह विधेयक के रूप में पहली बार पारित करने के बाद कानून बना तब इसके तहत अधिकतम 10 साल की सजा और 50 हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया गया था।
विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन के लिए फंडिंग को भी इस कानून के तहत अपराध के दायरे में लाया गया है।इसमें विदेशी संस्थाओं या किसी भी अवैध संस्था से हुई फंडिंग भी शामिल है।अगर कोई धर्म बदलावाने की नीयत से किसी व्यक्ति को जीवन या संपत्ति के भय में डालता है,हमला,बल प्रयोग या शादी करने का वादा करता है या इसके लिए षड्यंत्र करता है तो उसे आजीवन कारावास के साथ जुर्माना भी भरना होगा।
कोर्ट पीड़ित के इलाज के खर्च और पुनर्वास के लिए न्यायोचित धनराशि जुर्माने के रूप में तय कर सकेगी। सरकार का कहना है कि अपराध की संवेदनशीलता,महिलाओं की गरिमा व सामाजिक स्थिति,महिला,एससी-एसटी आदि का अवैध धर्मांतरण रोकने के लिए यह महसूस किया गया कि सजा व जुर्माना और कड़ा करने की जरूरत है।इसलिए यह विधेयक लाया जा रहा है।
पुराने विधेयक में एक से 10 साल तक की सजा का प्रावधान था।इस विधेयक के तहत सिर्फ शादी के लिए किया गया धर्म परिवर्तन अमान्य होगा।झूठ बोलकर,धोखा देकर धर्म परिवर्तन को अपराध माना जाएगा।स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन के मामले में दो महीने पहले मजिस्ट्रेट को बताना होगा।विधेयक के मुताबिक जबरन या धोखे से धर्म परिवर्तन के लिए 15,000 रुपये के जुर्माने के साथ 1-5 साल की जेल की सजा का प्रावधान है।अगर SC-ST समुदाय की नाबालिगों और महिलाओं के साथ ऐसा होता है तो 25,000 रुपये के जुर्माने के साथ 3-10 साल की जेल की सजा का प्रावधान है। विधेयक में बताया गया है कि धर्म परिवर्तन के इच्छुक लोगों को निर्धारित प्रारुप पर जिलाधिकारी को 2 महीने पहले सूचना देनी होगी, इसका उल्लंघन किए जाने पर 6 महीने से 3 साल तक की सजा और जुर्माने की राशि 10 हजार रुपये से कम की नहीं होने का प्रावधान है।