मेनका गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने UP की सुल्तानपुर सीट से सांसद राम भुआल निषाद से मांगा जवाब
मेनका गांधी ने आरोप लगाया है कि राम भुआल निषाद ने नामांकन के वक्त दाखिल हलफनामे में अपने खिलाफ दर्ज सभी 12 मुकदमों की जानकारी नहीं दी है…
यूपी के सुल्तानपुर सीट पर हुए लोकसभा चुनाव को चुनौती देने वाली पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने समाजवादी पार्टी से सांसद राम भुआल निषाद और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने चार हफ्तों में जवाब मांगा है, मेनका गांधी ने सुल्तानपुर सीट से सपा सांसद राम भुआल निषाद के निर्वाचन को चुनौती दी है। मेनका गांधी ने आरोप लगाया है कि राम भुआल निषाद ने नामांकन के वक्त दाखिल हलफनामे में अपने खिलाफ दर्ज सभी 12 मुकदमों की जानकारी नहीं दी है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मेनका गांधी की याचिका को खारिज कर दिया था, हाईकोर्ट का मानना था कि मेनका गांधी ने इलेक्शन पिटीशन दाखिल करने की समय सीमा खत्म होने के बाद याचिका दाखिल की है। मेनका गांधी की दूसरी याचिका सुप्रीम कोर्ट ने सुनने से इनकार कर दिया, जिसमें मेनका गांधी ने जनप्रतिनिधित्व कानून के उस प्रावधान को भी चुनौती दी है, जिसमें इलेक्शन पिटीशन दाखिल करने की समयसीमा का भी उल्लेख किया गया है। लोकसभा चुनाव 2024 में सपा से रामभुआल निषाद ने भाजपा प्रत्याशी और पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी को 43,174 मतों से हराया था।
बता दें कि 14 अगस्त, 2024 को मेनका गांधी की याचिका को खारिज किया गया था। कोर्ट ने याचिका को समय सीमा के उल्लंघन और जनप्रतिनिधित्व एक्ट की धारा- 81 और 86 के खिलाफ माना था, यह जनप्रतिनिधित्व एक्ट- 1951 के तहत दी गई समय सीमा 45 दिन से 7 दिन बाद दायर की गई थी, कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि मेनका गांधी की याचिका समय सीमा से बाधित थी। इस कारण इस याचिका को खारिज किया जाता है। देखना होगा कि अभी तक सुल्तानपुर से सपा सांसद राम भुआल निषाद जो बचते रहे, उनके द्वारा दाखिल झूठे हलफनामा में कोर्ट क्या एक्शन लेती है ?