पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी हत्याकांड के खुलासे पर पत्नी ने उठाए सवाल, पुलिस ने पुजारी का जारी कर दिया कबूलनामा वाला वीडियो
सीतापुर।उत्तर प्रदेश के सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी हत्याकांड 33 दिनों तक सस्पेंस में रहा, लोगों की नजरें पुलिस जांच पर थीं। 8 मार्च को राघवेन्द्र की हत्या हुई थी,हत्या के बाद लगातार सवाल उठते रहे कि आखिर राघवेंद्र की हत्या के पीछे क्या कारण था,इसमें कौन लोग शामिल थे।पुलिस ने कल गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस हत्याकांड का खुलासा किया।आरोपी पुजारी विकास मिश्रा उर्फ विकास राठौर उर्फ शिवानंद और उसके दो साथियों को गिरफ्तार करने की जानकारी दी गई,लेकिन अब इसमें एक नया मोड़ आ गया।
राघवेन्द्र बाजपेयी हत्याकांड के खुलासे के कुछ ही घंटों के अंदर राघवेन्द्र की पत्नी रश्मि और मां रजनी ने एक वीडियो जारी कर पुलिस की पूरी विवेचना पर सवाल उठाते हुए कई गंभीर आरोप लगाए हैं।उनका कहना है कि पुलिस की थ्योरी में कई विरोधाभास बातें हैं और जिस तरह से पहले पत्रकार पर कुकर्म का आरोप लगाया गया और अब ब्लैकमेलिंग की बात कही जा रही है, वह उन्हें समझ में नहीं आ रही है।पुलिस सिर्फ आरोपियों को पकड़ने की जल्दबाजी में है,जबकि असली सच अब भी छिपा है।
मृतक की पत्नी रश्मि ने अपने वीडियो बयान में साफ-साफ कहा कि उन्हें अब तक की विवेचना से संतोष नहीं है,उनका मानना है कि उनके पति को साजिशन फंसाया गया और फिर जान से मार दिया गया।रश्मि ने पुलिस से सीबीआई जांच की मांग भी की।इस वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।
मृतक पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी के परिवार के आरोपों से घिरी पुलिस ने चंद घंटों में जवाबी मोड़ में आते हुए आरोपी बाबा शिवानंद का एक वीडियो सार्वजनिक कर दिया।वीडियो में वह हत्या की साजिश कबूल कर रहा है।वीडियो में वह कह रहा है कि राघवेंद्र ने उसकी आपत्तिजनक फोटो और वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल किया था।बीस लाख रुपये की मांग की गई थी, कुछ पैसे दिए भी गए,लेकिन राघवेंद्र ने पैसे बढ़ाने का दबाव बनाया,जिससे परेशान होकर उसने दो लोगों को सुपारी देकर पत्रकार की हत्या करवा दी।
वीडियो में बाबा कह रहा है कि मेरा नाम शिवानंद है,मैं पिछले पांच वर्षों से कार्यदेव मंदिर में रह रहा हूं।राघवेंद्र बाजपेई से मेरी मुलाकात हुई,दोस्ती हुई और फिर एक दिन उन्होंने मेरी कुछ आपत्तिजनक फोटो और वीडियो बना लीं।इसके बाद मुझे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया,बीस लाख रुपये मांगे, कुछ रुपये दिए भी,बाकी जोड़ने की बात की तो उन्होंने मना कर दिया और पूरी रकम की मांग की।इससे परेशान होकर मैंने एक युवक से संपर्क किया और उसे चार लाख रुपये की सुपारी देकर राघवेंद्र को रास्ते से हटाने को कहा।पांच मार्च को राघवेंद्र का एक्सीडेंट हुआ और बाद में मुझे खबर मिली कि उनकी हत्या हो गई है।