पेपर लीक के आरोपी को होगी उम्रकैद की सजा और 10 करोड़ का होगा जुर्माना
राजस्थान में अब पेपर लीक के आरोपी को कड़ी सजा और जुर्माना भुगतना पड़ेगा। भर्ती परीक्षाओं में अनुचित साधनों की रोकथाम के लिए संशोधन बिल सदन में ध्वनिमत से पास हो चुका है। जानकारी के अनुसार अब के आरोपी को 10 साल या फिर उम्र कैद तक की सजा का प्रावधान कर दिया गया है। इसी तरह, मामले में जुर्म साबित होने पर आरोपी को 10 लाख से लेकर 10 करोड़ तक होगा जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। इस मामले में संसदीय कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल का कहना है कि राज्य सरकार सार्वजनिक भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक और नकल की रोकथाम के लिए बहुत गंभीर है। उन्होंने कहा कि इससे पहले ही राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम- 2022 लागू किया जा चुका था, लेकिन घटनाओं को देखते हुए अब इसमें ज्यादा सख्ती की जा रही है। जिससे आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दी जा सके।
उन्होंने कहा कि इस कानून के अंतर्गत आरोपी को कम से कम 5 साल से बढ़ाकर 10 साल, और अधिकतम 10 साल से बढ़ाकर आजीवन कारावास कर दिया गया है। बता दें कि मंत्री शांति धारीवाल ने शुक्रवार को विधान सभा में राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (संशोधन) विधेयक-2023 पर हुई वार्ता के बाद अपना जवाब पेश कर रहे थे। इस चर्चा के बाद विधेयक को सदन ने ध्वनिमत से पास कर दिया। मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि इन दिनों परिस्थितियों को देखते हुए संशोधन विधेयक लाना जरूरी हो गया था। इस दौरान उन्होंने कहा कि कई राज्यों में भी की घटनाएं हो रही हैं, लेकिन राजस्थान में और स्टेट्स की अपेक्षा पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए दंड ज्यादा सख्ती का प्रावधान किया गया है। उन्होंने ने कहा कि वर्तमान में मौजूद अधिनियम के अंतर्गत में संलिप्त व्यक्तियों से जुर्माना वसूलने और प्रॉपर्टी कुर्क किये जाने के साथ, परीक्षा में खर्च हुए पैसे वसूले जाने का भी प्रावधान है। इसके साथ उन्होंने कहा कि यह अपराध नॉन बेलेबल भी है।