शराब पार्टी के बाद गाड़ी से कुचलकर युवती की हत्या करने वाले अभियुक्त को पुलिस ने किया गिरफ़्तार
जयपुर के जवाहर सर्किल थाना परिसर में एक सफ़ेद रंग की फोर्ड एंडेवर गाड़ी खड़ी हुई है। गाड़ी के शीशे पर विधानसभा में प्रवेश का विधयाक पास लगा हुआ है। पुलिस का दावा है कि 26 दिसंबर की देर रात इसी गाड़ी से कुचलकर एक युवती की हत्या कर दी गई थी। इस घटनाक्रम का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें फोर्ड एंडेवर कार एक युवती और युवक को कुचलने के बाद फरार होती दिखाई दे रही है। पुलिस ने इस वारदात के अभियुक्त तीस साल के मंगेश अरोड़ा को गिरफ्तार कर लिया है। अभियुक्त मंगेश को गुरुवार को अदालत के समक्ष पेश किया गया। जवाहर सर्किल थाना प्रभारी दलबीर सिंह ने बीबीसी से कहा है, “आज अभियुक्त मंगेश को कोर्ट में पेश कर दो जनवरी तक रिमांड पर लिया है। हम अभियुक्त से विस्तृत पूछताछ करेंगे.” पुलिस ने इस घटना में घायल राजकुमार जाट की शिकायत पर एफ़आईआर दर्ज की है जो मृतक युवती के दोस्त भी हैं। इस घटना के संबंध में हत्या और हत्या की कोशिश के आरोप में मुक़दमा दर्ज किया गया है।
मंगेश और राजकुमार के बीच हुआ विवाद…
ये घना जवाहर सर्किल थाना इलाक़े में मालवीय नगर के एंडएवर होटल के ठीक सामने सुबह होने से कुछ देर पहले की है। पूर्वी जयपुर के डीसीपी ज्ञानचंद यादव ने बीबीसी हिंदी से फ़ोन पर घटना की जानकारी देते हुए कहा, “एवरलैंड होटल के रूफटॉप पर रेस्टोरेंट का काम चल रहा था, इसका एक जनवरी को उद्घाटन होना है।” “मृतका उमा सुथार और राजकुमार ग्यारह बजे होटल पहुंचे थे। होटल मालिक विशाल भी होटल आया जो कि अभियुक्त मंगेश और राजकुमार का परिचित है।” अभी तक की पुलिस जांच में पता चला है कि अभियुक्त और शिकायतकर्ता अलग-अलग जगह से शराब पी कर अलग-अलग समय पर होटल आए. इनके कॉमन फ्रेंड भी होटल आए।
डीसीपी का कहना है, “होटल के बेसमेंट में लाइसेंस बार है। होटल मालिक के मुताबिक उन्होंने साढ़े ग्यारह बजे तक बार बंद कर दिया था, लेकिन, यह सभी लोग बैठे देर रात तक बातचीत कर रहे थे।” एसीपी मालवीय नगर संजय शर्मा ने बीबीसी हिंदी को बताया, “अभियुक्त मंगेश अपनी एक महिला मित्र के साथ देर रात करीब दो बजे होटल आया। इस दौरान होटल के बेसमेंट में सभी एक साथ पार्टी कर रहे थे।” डीसीपी ज्ञानचंद यादव कहते हैं कि अभी तक की जांच में सामने आया है कि, “मंगेश ने राजकुमार से कहा कि तुम पहले से ही शादीशुदा हो और इस लड़की (उमा सुथार) को क्यों धोखे में रख रहे हो।” “इस बात से राजकुमार और मंगेश के बीच कहासुनी हो गई। मृतक युवती उमा ने भी मंगेश को कह दिया कि तुम्हें क्या मतलब है मैं किसी के भी साथ रहूं।” इस दौरान राजकुमार ने मंगेश को गालीगलौच की और विवाद बढ़ता गया।
राजकुमार और उमा सुथार ने होटल के बेसमेंट में मंगेश के साथ कहासुनी होने के बाद अल सुबह क़रीब पांच बजे कैब बुक की। सभी होटल के बाहर आ गए, बाहर भी इनकी कहासुनी हुई। राजकुमार का दावा है कि इस दौरान मंगेश ने अपनी गाड़ी से बेसबॉल का डंडा निकाला और कैब का शीशा तोड़ दिया। राजकुमार और मंगेश के बीच फिर विवाद बढ़ गया और गालीगचौच हुई। इस पूरे प्रकरण का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें दिखाई दे रहा है कि मंगेश इसके बाद अपनी गाड़ी से जाने लगा। मालवीय नगर एसीपी संजय शर्मा बीबीसी हिंदी को बताते हैं, “मंगेश के दोस्त ने उन्हें उकसाया कि इतना गालीगलौच सुनकर जा रहे हो। इसके बाद मंगेश ने गाड़ी रिवर्स ली, तभी राजकुमार भी गाड़ी के सामने आ गया और उकसाते हुए इशारा करने लगा.” पुलिस का दावा है कि इसी दौरान मंगेश ने गाड़ी राजकुमार और उमा सुथार के ऊपर चढ़ा दी। राजकुमार टक्कर लगने से साइड हो कर घायल हो गया। जबकि, वहीं खड़ी उमा सुथार को कुचलता हुआ मंगेश फरार हो गया। उमा को अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इस पूरे घटनाक्रम का किसी चश्मदीद ने वीडियो बना लिया जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। ये वीडियो भी पुलिस जांच का हिस्सा है।
परिवार के दबाव में मंगेश ने किया आत्मसमर्पण…
पुलिस के मुताबिक़, अभियुक्त मंगेश अरोड़ा घटना के बाद मानसरोवर स्थित अपने एक दोस्त जितेंद्र के घर गया। यहां उसने अपनी गाड़ी खड़ी की और जितेंद्र की गाड़ी से मानसरोवर गया। डीसीपी ज्ञानचंद यादव ने बताया कि, “मानसरोवर से कैब कर वह श्रीगंगानगर जा रहा था। इसी दौरान पुलिस ने अभियुक्त के परिजन और उसके दोस्त जितेंद्र को हिरासत में लिया, परिवार के ज़रिए मंगेश को वापस जयपुर बुलाया गया।” अपने पिता के कहने पर आए मंगेश को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने घटना में उपयोग ली गई मंगेश की फोर्ड एंडेवर गाड़ी जब्त की है। गाड़ी पर विधानसभा में प्रवेश का विधायक पास लगा हुआ है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह पास श्रीगंगानगर ज़िले के एक विधायक से जुड़ा है। जब्त की गई मंगेश की गाड़ी से 9 लाख रुपये कैश भी बरामद हुआ है। पुलिस का कहना है कि गाड़ी मंगेश के ही नाम पर रजिस्टर्ड है।
एफआईआर में है क्या…
मृतका उमा सुथार के दोस्त राजकुमार ने जवाहर सर्किल थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है। पुलिस ने हत्या और हत्या के प्रयास की धारा 302, 307 में मंगेश अरोड़ा के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की है। मामले की जांच थाना प्रभारी दलबीर सिंह कर रहे हैं। राजकुमार का दावा है कि होटल के बेसमेंट में स्थित बार में शराब पीने के दौरान मंगेश अरोड़ा ने उन्हें और उमा को लेकर कुछ कमेंट किया था जिसके बाद उनके बीच कहासुनी हुई। राजकुमार के मुताबिक़ मंगेश की एक महिला दोस्त भी उनके साथ बार में आई थीं। राजकुमार के मुताबिक़, मंगेश ने उन्हें बताया कि वो उन्हें पहले से जानते हैं और इसके बाद सभी एक ही टेबल पर बैठकर शराब पीने लगे।
राजकुमार दावा करते हैं, “मंगेश ने उमा को गलत तरह से छूने की कोशिश की और अपमानजनक बातें की। इसके बाद मैंने और उमा ने होटल से निकलना तय किया। सुबह क़रीब पांच से छह बजे की बीच उमा ने कैब बुक की।” हालांकि पुलिस की जांच में राजकुमार के दावों पर भी सवाल उठ रहे हैं। राजकुमार ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि मंगेश और उनकी प्रेमिका रात ग्यारह से बारह बजे के बीच होटल आए और सुबह पांच से छह बजे तक बातचीत करते रहे। लेकिन, उनकी यह थ्योरी पुलिस से मेल नहीं खाती है। डीसीपी ज्ञानचंद यादव ने बताया कि मंगेश और उनकी महिला मित्र देर रात क़रीब दो बजे होटल पहुंचे हैं। एसीपी संजय शर्मा ने बताया है कि होटल के बेसमेंट में इन्होंने साथ शराब पी है।
कौन हैं अभियुक्त और मृतका…
तीस साल के अभियुक्त मंगेश अरोड़ा जवाहर सर्किल थाना इलाक़े में ही रहते हैं। उनका मानसरोवर के थड़ी मार्केट में कपड़ों का व्यवसाय है। मंगेश अरोड़ की माता नहीं हैं और पिता सिरसा के एलनाबाद में मसालों का व्यवसाए करते हैं। मंगेश का एक छोटा भाई है। घटना के तुरंत बाद उमा सुथार को होटल से क़रीब देढ़ सौ मीटर दूरी पर एक बड़े निजी अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टर्स ने उमा को मृत घोषित कर दिया। मध्य प्रदेश से उनके परिजनों के आने के बाद मेडिकल बोर्ड से शव का पोस्टमॉर्टम करवा गया, परिजन शव लेकर मध्यप्रदेश चले गए। जवाहर सर्किल थाना अधिकारी दलबीर सिंह ने बीबीसी हिंदी को बताया कि, “उमा सुथार के माता और पिता शव लेने आए थे। मृतका के पिता नीमच में ही छुटपुट काम करते हैं और मां गृहणी हैं। उमा सुथार के दो छोटे भाई बहन हैं।” थाना अधिकारी बताते हैं कि, “उमा सुथार बीस साल की थीं और तीन भाई बहनों में सबसे बड़ी थीं। जयपुर में उनके इवेंट मैनेजमेंट के काम से ही पूरा परिवार चल रहा था।