प्रतापगढ़ लोकसभा चुनाव हराने के बाद बड़ी प्रसन्न मुद्रा में सूबे के मुखिया से मिलते प्रतापगढ़ विधायक राजेंद्र कुमार मौर्या और भाजपा जिलाध्यक्ष आशीष श्रीवास्तव
भाजपा के चाणक्य अमित शाह के टिकट बंटवारे से नाराज योगी आदित्यनाथ भी उन उम्मीदवारों की हार से क्या खुश हैं…
Loksabha Chunav-2024 में प्रतापगढ़ लोकसभा सीट पर पट्टी विधानसभा से 35 हजार तो रानीगंज विधानसभा से 15 हजार, रामपुरख़ास विधानसभा से 10 हजार से और प्रतापगढ़ विधानसभा से 9 हजार मतों से मिली है, भाजपा उम्मीदवार संगम लाल गुप्ता को शिकस्त ! सिर्फ विश्वनाथगंज विधानसभा से भाजपा उम्मीदवार संगम लाल गुप्ता को मिली है, 4 हजार मतों से लीड…
प्रतापगढ़। लोकसभा चुनाव में बुरी तरह शिकस्त खाने के बाद वेशर्मी का चादर ओढ़कर प्रतापगढ़ के ऐक्सीडेंटल विधायक राजेन्द्र कुमार मौर्या कल उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से मिलकर अपने क्षेत्र और जनपद प्रतापगढ़ के विकास के विषय में विस्तृत चर्चा किया। यूपी के मुख्यमंत्री योगी जी ने प्रतापगढ़ के विकास के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया, इस दौरान साथ में भाजपा प्रतापगढ़ के जिलाध्यक्ष आशीष श्रीवास्तव जी भी उपस्थित रहे। उक्त बात की जानकारी स्वयं विधायक जी अपने फेसबुक पर साझा किया है। यह तो साझा किया कि विकास के मुद्दे पर बात हुई, परन्तु उनकी विधानसभा से भाजपा कैसे हार गयी, यह बात गोल कर गए।
विधायक राजेन्द्र कुमार मौर्या और उनकी पूरी टीम भाजपा उम्मीदवार संगम लाल गुप्ता को भितरघात करके हराने का कार्य किया। ऐसा इसलिए कहना पड़ रहा है क्योंकि साल-2017 के विधानसभा चुनाव में अपना दल एस और भाजपा का गठबंधन था और 248- प्रतापगढ़ विधानसभा से संगम लाल गुप्ता संयुक्त उम्मीदवार हुए थे। संगम लाल गुप्ता साल-2017 में सपा के सीटिंग विधायक मुन्ना यादव को चुनाव में शिकस्त ही नहीं दिया था, बल्कि पहली बार इतनी बड़ी लीड लेकर जीत हासिल कर इतिहास रचा था, उस विधानसभा से भी संगम लाल गुप्ता 9 हजार से अधिक मतों से हार गए। भाजपा उम्मीदवार संगम लाल गुप्ता सिर्फ विश्वनाथगंज विधानसभा से 4 हजार से लीड ले सके थे।
जबकि साल-2019 में लोकसभा चुनाव में भाजपा ने संगम लाल गुप्ता को अपना उम्मीदवार बनाया और अपना दल एस का विधायक रहते संगम लाल गुप्ता चुनाव लड़े और पुनः संसदीय इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया। क्योंकि संगम लाल गुप्ता को प्रतापगढ़ के मतदाताओं ने दिल खोलकर मतदान किया और पहली बार 4 लाख, 36 हजार किसी सांसद को मत मिला था। संगम लाल गुप्ता ने विधायक पद से त्याग पत्र दिया और सीट खाली हुई तो उस सीट पर अपना दल एस ने उधार का उम्मीवार उतारा था। भाजपा से राजकुमार पाल को अपना दल एस ने आपना उम्मीदवार बनाया और उप चुनाव-2019 में भाजपा की साख पर राजुकमार पाल चुनाव वैतरणी पार कर लिए।
विधानसभा चुनाव- 2022 में भाजपा ने 248 प्रतापगढ़ सीट को अपना दल एस से वापस लिया और इस बार मौर्य समाज और बनिया बिरादरी से राजेंद्र कुमार मौर्य को अपना उम्मीदवार बनाया और वह भी विषम परिस्थितियों में चुनाव जीत गए, परन्तु जीतने के बाद उनके अंदर भी घमंड आ गया, इसके पहले प्रधान से विधायक बने राजकुमार पाल में इतना बदलाव आया मानों वह सूबे के मुख्यमंत्री बन गए हों, जबकि ये सारे विधायक ऐक्सीडेंटल यानि भाजपा की लहर वाले विधायकों में से रहे। संगम लाल गुप्ता में भी इतना घमंड आ गया कि वह अपने गिने चुने लोगों से ही घिरे रह गए, वह भी क्षेत्र में आम जनता से मिलना अपनी तौहीनी समझ लिए थे। लिहाजा जनता ही उनसे नाराज हो गई।
सांसद रहे संगम लाल गुप्ता को उनके अपने लोग समझा दिए थे कि वह सिर्फ टिकट लेकर आ जाये, मोदी और योगी के नाम पर दूसरी बार भी वह प्रतापगढ़ से सांसद बन जायेंगे और डेढ़ लाख से अधिक लीड लेकर सांसद बनेंगे। जब चुनाव में वह उतरे तो समय इतना अधिक था कि वह आम जनता से कटे-कटे फिरते रहे और चुनाव जब नजदीक आया तो पीएम मोदी, सीएम योगी, गृहमंत्री अमित शाह की जनसभाएं हुई, साथ ही दोनों डिप्टी सीएम सहित आधा दर्जन मंत्रियों को प्रतापगढ़ में चुनाव जिताने के लिए उतारा गया, परन्तु नतीजा उल्टा होता गया और चुनाव परिणाम के दिन संगम लाल गुप्ता चुनाव हार गए। परन्तु निष्पक्ष भाव से चुनाव हारने की समीक्षा भी नहीं हो सकी।
इस हार के सबसे बड़े जिम्मेदार स्वयं उम्मीदवार संगम लाल गुप्ता और उनकी अपनी टीम रही। दूसरे नम्बर भाजपा संगठन के जिलाध्यक्ष आशीष श्रीवास्तव और उनका पूरा अविस्तारित संगठन के पदाधिकारी रहे। प्रतापगढ़ में साल-2022 में पट्टी और रानीगंज सीट हार जाने के बाद भाजपा के तत्कालीन जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्रा और उनकी लती लामड़ी टीम एवं सांसद संगम लाल गुप्ता भाजपा कार्यालय पर भाँगड़ा पर डांस किया था और एक दूसरे को मिठाई भी खिलाई थे और यह बात पट्टी विधायक मोती सिंह और रानीगंज विधायक धीरज ओझा को बहुत नागवार गुजरी थी। इसलिए साल- 2024 के चुनाव में संगम लाल गुप्ता की हार पर मोती सिंह और धीरज ओझा भी आनन्दित हैं।
संगम लाल गुप्ता के लिए मुहर लग चुकी है कि वह सीधे-सीधे देश के गृहमंत्री व भाजपा के चाणक्य अमित शाह के आदमी हैं और वही उन्हें लगातार उम्मीदवार बनाते रहे। कहीं सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ भी संगम लाल गुप्ता की हार से खुश तो नहीं। क्योंकि राजेंद्र कुमार मौर्या विधायक प्रतापगढ़ और भाजपा जिलाध्यक्ष आशीष श्रीवास्तव प्रतापगढ़ से जिस मुद्रा में मिल रहे हैं, उसमें उनके चेहरे पर नाराजगी का भाव नहीं प्रदर्शित हो रहा है, जबकि लोकसभा चुनाव में करारी हार से सूबे के मुखिया होने की वजह से स्वयं योगी आदित्यनाथ बड़े गुस्से में अभी तक नजर आ रहे थे, परन्तु विधायक राजेन्द्र कुमार मौर्य के साथ तो बहुत ही खुश नजर आ रहे हैं। आखिर क्यों ?