प्रतापगढ़ के सांसद संगम लाल गुप्ता का क्षेत्र में कम सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर हो रहा है, अधिक विरोध
प्रतापगढ़। लोकसभा चुनाव- 2024 की बिगुल बज चुका है और प्रतापगढ़ संसदीय क्षेत्र 39 से भाजपा ने अपने वर्तमान सांसद संगम लाल गुप्ता को चुनावी शंखनाद होने से पहले अपनी पहली सूची में दोबारा प्रत्याशी बना दिया था और वह तभी से क्षेत्र में प्रचार-प्रसार में अपने समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ जुट गए, परन्तु सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर बीच-बीच में यह खबर पोस्ट हो रही है कि भाजपा उम्मीदवार संगम लाल गुप्ता को पुनः उम्मीवार बनाये जाने से क्षेत्र के मतदाताओं में बहुत आक्रोश है। जबकि सांसद संगम लाल गुप्ता प्रतिदिन दो दर्जन से अधिक गाँवों में जाकर जनसम्पर्क कर रहे हैं। यदि विरोध होता तो लोग उन्हें अपने दरवाजे से भगा देते। अभी तक ऐसी घटना सामने नहीं आई।
मोदी योगी से बैर नहीं संगम तेरी खैर नहीं, सोशल मीडिया से लेकर जमीनी हकीकत तक जमकर हो रहा विरोध, पर सांसद संगम लाल गुप्ता ने बताया कि ये विरोधी की चाल है, क्षेत्र में उनका कोई विरोध नहीं है…
संगम यूथ फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं सांसद संगम लाल गुप्ता के अनुज दिनेश गुप्ता अपनी टीम के साथ प्रतापगढ़ संसदीय क्षेत्र में अलग से जनसंपर्क में लगे हैं। दिनेश गुप्ता ने बताया कि वह क्षेत्र में अपने समर्थकों के साथ 12 से 15 घंटे बिता रहे हैं। उन्होंने बताया कि क्षेत्र से संसदीय कार्यालय पर लोग सम्पर्क करते हैं, उनके कार्यक्रम को मांग रहे हैं और जहाँ प्रोग्राम लग रहे हैं, वहाँ के लोग सांसद संगम लाल गुप्ता से बहुत ही आत्मीय अंदाज में मिल रहे हैं। सांसद संगम लाल गुप्ता के मुताविक पूरे संसदीय क्षेत्र में पहले से भी अधिक क्षेत्र की देवतुल्य जनता उन्हें लाड व प्यार कर रही है। बड़े-बुजुर्ग तो अपनी संतान की तरह मिलने पर जब उनके सिर पर अपना हाथ फेरते हैं तो उन्हें अपने माता-पिता की याद आ जाती है और उनके आँखों में आंसू भर आते हैं।
पूर्व विधायक राम शिरोमणि शुक्ल के आवास पहुंचकर सांसद संगम लाल गुप्ता ने की मुलाकात
सांसद संगम लाल गुप्ता पर जो आरोप लग रहे हैं, उस पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। पहला आरोप कि सांसद जी साढ़े सात में जिले में कोई कार्य नहीं किये। जबकि एक कार्यकाल सिर्फ 5 साल का होता है और हिसाब साढ़े सात का माँगा जा रहा है। हकीकत यह है वह ढाई साल प्रतापगढ़ के विधायक रहे। सिर्फ प्रतापगढ़ विधानसभा की जनता यह सवाल उठा सकती है, न कि पट्टी, रानीगंज, विश्वनाथगंज और रामपुरखास की जनता ये सवाल सांसद संगम लाल गुप्ता से दाग सकती है। क्षेत्र में राजनैतिक विरोधी सभी जनप्रतिनिधियों के होते हैं और वही पर्दे के पीछे से क्षेत्र में विरोध कराते हैं। लोकतंत्र में पक्ष और विपक्ष दोनों होते हैं और दो तरह की बाते भी होती हैं। असल में यही स्वस्थ लोकतंत्र की पहचान है।
विधायक प्रतापगढ़ राजेंद्र मौर्या और सांसद प्रतापगढ़ संगम लाल गुप्ता हम साथ-साथ हैं, का उदहारण पेश करते हुये
दूसरा आरोप है कि वह दूसरे के कार्यों को भी अपने कार्यों में शामिल कर अपनी उपलब्धि गिनाते हैं। तीसरा आरोप है कि वह जातिवादी हैं और सबसे अधिक स्वजातीय प्रतिनिधि रखे हुए हैं। ये ऐसे सांसद हैं जो देश के प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री का नाम भूल जाते हैं। जिले के युवाओं के लिए एटीएल की जमीन पर फैक्ट्री लगवाने का वायदा किये थे, जो केवल मंच से वादा ही रहा। एटीएल तो नहीं खुलवा सके तो एटीएल के सामने अपना होटल ही खुलवा लिए। सवाल यह उठता है कि क्या जनता इस बार भी मोदी और योगी के नाम पर पुनः ऐसे प्रत्याशी को अपना सांसद बनायेगी, जो केवल स्वयं के व्यक्तिगत कार्यों को प्राथमिकता देता हो और जिले के युवाओं और बेरोजगारों को झुनझुना पकड़ाता हो। फिलहाल आरोप के बात करें तो कोई ऐसा नेता नहीं जो दूध का धुला हो।