टेरर फंडिंग का आरोपी संजय सरोज को भाजपा का गमछा पहनाना प्रतापगढ़ सांसद संगम लाल को पड़ सकता है, भारी
प्रतिनिधि संजय सरोज ने साफ की तस्वीर, बताया कि हमने नहीं ली भाजपा की सदस्यता, सिर्फ चेयरपर्सन नीलम सरोज अपने समर्थकों संग ली है,भाजपा की सदस्यता
प्रतापगढ़। भाजपा प्रत्याशी संगमलाल गुप्ता ने संजय सरोज को भाजपा का पटका पहनाया, परन्तु यह जानने का प्रयास नहीं किया कि संजय सरोज कौन है ? संजय सरोज को भाजपा में शामिल कराने पर उन्हें कितना फायदा चुनाव में मिलेगा ? सोशल मीडिया में लगातार विरोध की खबरें पोस्ट हो रही थे, जिसे काटने के चक्कर में सांसद संगम लाल गुप्ता प्रतिदिन किसी न किसी ऐसे ब्यक्तित्व के पास जाते थे। उसके साथ शिष्टाचार मुलाकात कर उसके साथ औपचारिक बातचीत करते हुए फोटो सेशन की फोटोज अपने अधिकृत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपलोड करा देते थे।
चेयरपर्सन नीलम सरोज अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ बीजेपी का दामन पकड़ कर हो गई, भगवामय
उसी कड़ी में कल पृथ्वीगंज नगर पंचायत की चेयरपर्सन नीलम सरोज अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ बीजेपी का दामन पकड़ कर भगवामय हो गई। उन्ही के साथ उनका देवर संजय सरोज भी था, जिसे सांसद संगम लाल गुप्ता ने भाजपा का पटका पहनाया और उसका स्वागत किया। जैसे ही ये खबर सोशल मीडिया प्लेटफार्म चली तो संजय सरोज का काला इतिहास भी लोग सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर पोस्ट करने लगे। आईये जाने कि संजय सरोज कौन है ? क्या है उसकी कहानी ? संजय सरोज पृथ्वीगंज नगर पंचायत की चेयरपर्सन नीलम सरोज का देवर है और उसकी वजह से ही वह चुनाव जीती हैं। संजय सरोज ही सारा धन चुनाव में लगाया और चुनाव परिणाम में सफलता मिलने के बाद वह उनका प्रतिनिधि बन गया।
टेरर फंडिंग का आरोपी संजय सरोज पृथ्वीगंज नगर पंचायत की चेयरपर्सन नीलम सरोज का देवर है और उसकी वजह से ही जीती हैं, चुनाव
25 मार्च, 2018 को यूपी एटीएस ने लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े होने के आरोप में 10 लोग गिरफ्तार किए। दावा किया कि ये लोग टेरर फंडिंग से जुड़े थे। आरोपियों में संजय सरोज भी था। संजय फिलहाल जमानत पर है। संजय ने शुरुआत में सपा से चेयरमैन का टिकट पाने का प्रयास किया, लेकिन टेरर फंडिंग आरोपों के चलते सपा ने किनारा कर लिया। संजय की भाभी नीलम सरोज नगर पंचायत चेयरमैन का निर्दलीय चुनाव लड़ीं और जीत गईं। कल सांसद संगम लाल गुप्ता के नेतृत्व में वह सैकड़ों समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो गई हैं। क्या सांसद संगम लाल गुप्ता के इस कारनामे से लोकसभा चुनाव- 20 24 पर असर दिखेगा। क्या लोकसभा चुनाव मोदी, योगी से बैर नही संगम तेरी खैर नहीं का नारे का असर भी दिखाई देगा ?
भाजपा के टिकट से अशोक कुमार सिंह नगर पंचायत पृथ्वीगंज से उमीदवार रहे और उन्हें यही संजय सरोज शिकस्त देकर निकाल दी थी, उनकी हवा
मोदी-योगी से बैर नहीं संगम तेरी खैर नहीं, ‘ये कथित नारा कितना सफल होता है, यह तो 4 जून को परिणाम आने के बाद ही तय होगा। परन्तु भाजपा के टिकट से अशोक कुमार सिंह नगर पंचायत पृथ्वीगंज से उमीदवार रहे और उन्हें यही संजय सरोज शिकस्त देकर उनकी हवा निकाल दी थी। संजय सरोज की यदि इतनी खराब इमेज थी तो एक साल पहले नगर पंचायत पृथ्वीगंज से भाजपा उम्मीदवार को कैसे हराकर अपनी भाभी को चेयरपर्सन बनाया और स्वयं उनका प्रतिनिधि बना बैठा। इससे यह सिद्ध होता है कि जनता में संजय सरोज की अच्छी पैठ है। इसी से प्रभावित होकर सांसद संगम लाल गुप्ता भी संजय सरोज और उनकी भाभी सहित सैकड़ों समर्थकों को भाजपा में शामिल कराया।
बीजेपी जिलाध्यक्ष आशीष श्रीवास्तव ने संजय सरोज प्रकरण से झाड़ लिया पल्ला
लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी संगम लाल गुप्ता के विरोध में दिग्गज नेताओं की रणनीति फेल हो रही थी तो अब नगर पंचायत पृथ्वीगंज के चेयरपर्सन के प्रतिनिधि को लेकर सांसद संगम लाल गुप्ता को घेरा जा रहा है। उधर भाजपा जिलाध्यक्ष आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि पृथ्वीगंज टाउन एरिया की चेयरमैन नीलम सरोज ने सैकड़ों समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल होना चाहती हैं, परन्तु अभी किसी को सदस्यता नहीं प्रदान की गई है। बीजेपी की नीतियों और पीएम मोदी से प्रभावित होकर पार्टी से लगातार लोग जुड़ रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है कि चेयरपर्सन और उनके प्रतिनिधि संजय सरोज सहित सैकड़ों समर्थकों ने बीजेपी प्रत्याशी संगम लाल गुप्ता की मौजूदगी में भाजपा में शामिल होने का दावा किया गया है।
सांसद संगम लाल गुप्ता और भाजपा के लिए सांप-छछूंदर की तरह बन चुके, संजय सरोज
लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन से प्रत्याशी रहे पंडित अशोक त्रिपाठी ने टिकट फाइनल होने से पहले टिकट की चाहत में हजारों समर्थकों संग बीजेपी में शामिल हुए थे। फिलहाल टिकट की घोषणा के साथ ही अशोक त्रिपाठी कहीं नजर नहीं। सपा की नीतियों से नाराज होकर सपा लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय सचिव अमित सिंह ने भी दर्जनों पदाधिकारियों के साथ भाजपा ज्वाइन कर ली थी। इससे सिर्फ जातीय समीकरण में उलझे सपा प्रत्याशी के साथ लगे मठाधीशों की टेंशन बढ़ रही थी। इसी बीच टेरर फंडिंग के आरोपी संजय सरोज का मुद्दा मिलते ही जिले के प्रभावशाली नेता जो संगम लाल गुप्ता से राजनीतिक दुश्मनी रखते हैं, उन्हें एक बार भाजपा उम्मीदवार संगम लाल गुप्ता को घेरने मौका मिल गया है।
पृथ्वीगंज नगर पंचायत की चेयरपर्सन नीलम सरोज के देवर संजय सरोज का काला इतिहास
संजय सरोज को UP ATS ने 26 मार्च, 2018 को लश्कर-ए-तैयबा के लिए टेरर फंडिंग के आरोप में 10 लोगों के साथ जेल भेजा था। तत्कालीन IG ATS और अब के BJP नेता असीम अरुण ने दावा किया था कि यह नेटवर्क आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए फाइनेंसिंग का काम कर रहा था। जानकारी के अनुसार संजय सरोज अभी जमानत पर है। भाजपा उम्मीदवार सांसद संगम लाल गुप्ता अपने चुनावी लाभ के लिए कल संजय सरोज को भाजपा का गमछा पहनाया जा रहा है। एक दागी ब्यक्ति को भाजपा सांसद संगमलाल गुप्ता की वाशिंग मशीन में साफ होता हुआ दिखा। फिलहाल भाजपा सांसद ने साफ शब्दों में कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी कि पृथ्वीगंज नगर पंचायत की चेयरपर्सन नीलम सरोज के प्रतिनिधि संजय सरोज टेरर फंडिंग के आरोपी हैं।